मुंबई। अपनी मांगों को लेकर बेस्ट (बीईएसटी) कर्मचारियों की अनिश्चितकालीन हड़ताल चौथे दिन भी जारी रही। पिछले एक दशक में यह पहला ऐसा मौका है जब बेस्ट की हड़ताल इतने लंबे समय से चल रही है। इससे पहले साल 1997 में तीन दिनों की हड़ताल हुई थी। बेस्ट वर्कर्स का कहना है कि जब तक यूनियन की मांगों को पूरा करने के लिए किसी तरह का लिखित प्रपोजल उन्हें नहीं दिया जाता तब तक वह स्ट्राइक जारी रखेंगे। पिछले तीन दिनों से हड़ताल पर गए कर्मचारियों की वजह से मुंबई के लोगों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।
गुरुवार रात शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने मुंबई के मेयर के साथ वर्कर्स यूनियन से स्ट्राइक खत्म करने को लेकर मुलाकात की लेकिन बात नहीं बनी। बेस्ट वर्कर्स यूनियन के मेंबर शशांक राव ने इस बाबत कहा कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे से तकरीबन 4 घंटे तक चली बातचीत में कोई ठोस नतीजा सामने नहीं आया। उन लोगों ने यूनियन की मांग को पूरा करने के लिए किसी भी तरह का प्रपोजल नहीं दिया इसलिए वर्कर्स अपनी हड़ताल जारी रखेंगे। इसी बीच बेस्ट इलेक्ट्रिसिटी विंग के वर्कर्स भी गुरुवार को स्ट्राइक पर चले गए हैं। इससे बिजली आपूर्ति विभाग के काम-काज पर काफी असर पड़ने की संभावना है।
राव ने बताया कि हम कल यूनियन के सभी वर्कर्स के साथ मीटिंग करेंगे। वहां तय होगा कि आगे हमें क्या करना है। हम तब तक लड़ाई खत्म नहीं करेंगे जब तक हमें लिखित में प्रपोजल या ऑफर नहीं मिल जाता। इसके अलावा बोनस पेमेंट, पूर्व स्टाफ के लिए ग्रैच्युटी, स्टाफ क्वॉर्टर और जूनियर स्टाफ के लिए ग्रेडेशन जैसी अन्य मांगों के लिए प्रपोजल नहीं बनाया गया है। राव ने कहा कि रिड्रेसल के लिए हम किसी पॉलिटिकल प्लैटफॉर्म को अप्रोच करने के बारे में नहीं सोच रहे हैं।
उन्होंने कहा, ‘अगर मुख्यमंत्री इस मामले में हस्तक्षेप करते हैं और अधिकारियों को हमारी मांगों का निरीक्षण करने के लिए निर्देश देते हैं तो हमें इससे कोई आपत्ति नहीं होगी लेकिन हम किसी राजनेता से सीधे संपर्क नहीं करना चाहते।’ इसके अलावा यूनियन ने स्टाफ क्वॉर्टर को खाली करने के लिए जारी नोटिस पर भी नाराजगी जताई। स्टाफ क्वॉर्टर में रहने वाली सैकड़ों महिलाओं ने नोटिस के खिलाफ वडाला बस स्टॉप पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन करने वाली महिलाओं का कहना है कि अपनी मांगों के लिए हड़ताल पर जाने वाले कर्मचारियों के घर खाली करा देना किसी भी तरह से सही नहीं है।
वहीं, बेस्ट के डेप्युटी जनरल मैनेजर आरजे सिंह ने कहा कि हड़ताल का इलेक्ट्रिसिटी विंग पर कोई असर नहीं पड़ा है। इसकी वजह से कर्मचारियों की उपस्थिति में भारी गिरावट थी लेकिन पावर सप्लाइ में कोई समस्या नहीं थी। साथ ही ग्राहकों की शिकायतों का सामना करने में भी हमें कोई दिक्कत नहीं हुई।
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