चेंबूर में त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना!

संवाददाता/ मुंबई। राज्य में 14वें विधानसभा चुनाव (Maharashtra Assembly election 2019) के लिए 21 अक्टूबर को मतदान होने वाला है। मतदान के मद्देनजर चेंबूर विधानसभा क्षेत्र 173 में सियासी पारा हाई हो गया है। यहां त्रिकोणीय मुकाबले की संभावना जताई जा रही है। फिलहाल चेंबूर विधानसभा (Chembur Vidhansabha) से कुल 12 उम्मीदवार मैदान में ताल ठोंक रहे हैं। इनमें भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस- राकांपा व समविचारी दल के चंद्रकांत हंडोरे (Chandrakant Handore), शिवसेना -भाजपा युति से प्रकाश फातर्पेकर और बहुजन विकास आघाड़ी से राजेंद्र माहुलकर आमने सामने है। इसके अलावा महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के कर्णबाला दुनबले (Karanbala Dunble) चुनावी मैदान में हैं। सभी उम्मीदवार अपने -अपने तरीके से मतदाताओं रिझाने की कोशिश में लगे हैं।

गौरतलब है कि लगभग सभी उम्मीदवारों के चुनाव प्रचार व रैलियों में भाड़े के लोगों का सहारा लिया जा रहा है। स्थानीय जानकार बताते हैं कि इससे पहले राज्य में 13 विधानसभा चुनाव हो चुके हैं। उनमें और 14वें विधानसभा के चुनाव में काफी अंतर देखा जा रहा है। इस बार के चुनाव प्रचार में गहमा गहमी नहीं है। बहरहाल चेंबूर विधानसभा के मौजूदा शिवसेना के विधायक प्रकाश फातर्पेकर (Prakash Phaterpekar) अपनी जीत के प्रति पूरी तरह से आश्वस्त हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि शिवसेना व भाजपा का वोट फिक्स रहता है।

जबकि दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं में चुनाव के दौरान अकसर फूट पड़ जाती है। इन सबके बाद भी फातर्पेकर का प्रचार अभियान जारी है। फातर्पेकर अपने पांच वर्षों के कार्यों को गिना रहे हैं, उनका कहना है कि इस विधानसभा क्षेत्र के हर गली व मुहल्ले को मैंने विकसित करने की कोशिश की है। घनी आबादी वाले चेंबूर विधानसभा क्षेत्र के लंबित कार्यों को भी पूरा किया है। उन्होंने कहा की हाल के दिनों में जिन कार्यों का उदघाटन या शिलान्यास किया गया है। उसे चुनाव के बाद पूरा किया जाएगा।

वहीं चेंबूर विधानसभा के पूर्व विधायक व राज्यमंत्री चंद्रकांत हंडोरे का कहना है की मैं खुद की तारीफ नहीं करना चाहता। मेरे विकास कार्यों की गवाह चेंबूर की जनता है। उन्होंने आरएसएस के कर्णधार स्व. हशू अडवाणी की तारीफ की। स्व. हशू जी ने अपने कार्यकाल में चेंबूर को शिक्षा नगरी बनाया। इसके बाद मैंने चेंबूर विधानसभा क्षेत्र की जनता की जरूरतों के मुताबिक विकास किया। मोनो रेल, डॉ. बाबा साहेब आंबेडकर हॉल, कब्रिस्तान, जल वाहिनी आदि। मैने चेंबूर को शंघाई का रूप देने की कोशिश की लेकिन काम अधिक और समय कम मिला। इसके बाद भी पूर्व और वर्तमान विधायकों की तुलना में मैंने बहुत कुछ किया है। ऐसे में जनता ने मुझे अवसर दिया तो निश्चित तौर पर मैं अपने अधूरे कार्यों को पूरा करूंगा।

चार बार नगरसेवक रहे राजेंद्र माहुलकर (Rajendra Mahulkar) फिलहाल वंचित बहुजन आघाड़ी के बैनर तले चुनाव लड़ रहे हैं। उनका चुनाव चिन्ह रसोई गैस सिलेंडर है। पूर्व नगरसेवक राजेंद्र माहुलकर ने अपने दो दशकों के कार्यकाल में कई बार मनपा परिमंडल पांच के प्रभाग समिति अध्यक्ष भी रह चुके हैं। प्रभाग समिति अध्यक्ष रहने के दौरान माहुलकर ने चेंबूर विधानसभा क्षेत्र के पांचों वार्ड में कई सराहनीय कार्य किये हैं। उन्हीं की बदौलत वे मतदाताओं से गैस सिलेंडर का बटन दबाने की अपील कर रहे हैं। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि वंचित बहुजन आघाड़ी के ज्वलंत मुद्दों ने चुनावी गणित बिगाड़ दिया है।

माहुलकर का कहना है कि हम वंचितों को हक दिलाने के लिए चुनावी मैदान में उतरे हैं। माहुलकर ने कहा की चेंबूर विधानसभा क्षेत्र में कुल 280 हजार मतदाता हैं। इनमें मुंबई के मूल निवासियों में कोली आगरी व अंबेडकरी समाज के लोग है। इनके अलावा वंचितों को हक दिलाना ही मेरा मकसद है। हाल ही में संपन्न हुए लोकसभा चुनाव के आंकड़ों के अनुसार वंचित आघाड़ी बिना प्रचार प्रसार के टॉप 5 में थी। मतदाताओं का साथ मिला तो हमारी जीत पक्की है। चेंबूर विधानसभा क्षेत्र में अब यह देखना दिलचस्प होगा की त्रिकोणीय चुनाव में किसकी जीत होती है।

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