मुंबईकर परेशान, दूधबंदी के साथ ट्रांसपॉर्ट भी ठप


मुंबई। मॉनसून की मार झेल रहे मुंबईकरों की परेशानी दुग्ध उत्पादकों द्वारा जारी आंदोलन के बाद अब एआईएमटीसी के चक्काजाम से बढ़ने वाली है। बता दें कि शुक्रवार से ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपॉर्ट कांग्रेस (एआईएमटीसी) ने देशभर में चक्काजाम करने की घोषणा कर दी है। यही नहीं, महाराष्ट्र स्कूल बस असोसिएशन की ओर से भी हड़ताल की घोषणा कर दी गई है।

इस हड़ताल की वजह से प्रतिदिन दो हजार करोड़ रुपये के नुकसान की आशंका जताई जा रही है। दोनों ही संगठनों द्वारा घोषित की गई हड़ताल में पहली मांग है कि पेट्रोल और डीजल को जीएसटी के दायरे में लाया जाए।

स्कूल बस असोसिएशन की ओर से शुक्रवार को जारी किए गए बयान में बताया गया कि बच्चों को स्कूल तक पहुंचानेवाले सभी ऑपरेटर्स इस हड़ताल में शामिल होंगे। पेट्रोल-डीजल को जीएसटी के दायरे में लानेवाले मुख्य मुद्दे पर ऑल इंडिया ट्रांसपॉर्ट असोसिएशन के समर्थन में एक दिन की हड़ताल की जा रही है।

पेट्रोल-डीजल की बढ़ती कीमतों पर अंकुश लगाने के अलावा इसके दामों में प्रति 6 महीने में तय करना, स्कूल बसों की चेसिस पर एक्साइज ड्यूटी हटाना, स्कूल बसों को टोल-फ्री करना, बसो के लिए बीमा प्रीमियम की कीमतें कम करना, फिटनेस प्रमाणपत्र प्रक्रिया को सरल बनाना और आरटीओ द्वारा निरीक्षण बंद करना (क्योंकि स्कूल बस सेफ्टी कमिटी द्वारा निरीक्षण होता है) जैसी मांगें असोसिएशन द्वारा रखी गई हैं।

इसके इतर ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपॉर्ट कांग्रेस की ओर से अनिश्चितकाल तक देशव्यापी चक्काजाम की घोषणा की गई है। इस दौरान जरूरी वस्तुओं को हड़ताल के दायरे से बाहर रखा जाएगा। एआईएमटीसी के चेयरमैन बाल मिल्कित सिंह के मुताबिक, ‘गुरुवार को केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी के साथ बैठक में हमने एकबार फिर अपनी मांगें रखीं। उनकी ओर से समय मांगा गया लेकिन हमारी ओर से सरकार को पहले भी भरपूर समय दिया जा चुका है इसलिए शुक्रवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल तय है।’

ट्रक मालिकों की मुख्य मांगें
1. पेट्रोल और डीजल की कीमत में कटौती हो
2. मूल्य वृद्धि असमय नहीं हो, हर निश्चित समय के बाद संशोधन हो
3. देश में ट्रांसपॉर्टर्स के लिए टोल से मुक्त हो
4. बीमा प्रीमियम में जीएसटी में छूट दी जाए
5. बसों और टूरिस्ट वाहनों को नैशनल परमिट दिया जाए

 


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