नेहरूनगर पुलिस ने 77 लापता मामलों को सुलझाया

मुश्ताक खान/ मुंबई। आधुनिकता के इस दौर में युवतियां, युवकों से किसी मायने में कम नहीं हैं। मौजूदा समय में महिलाएं एवं युवतियों ने पुरूषो को हर मामले में कोसो पीछे छोड़ दिया है। आंकड़ों के मुताबिक इस वर्ष जनवरी से 31 मई 2018 तक कुल 87 लोगों के लापता होने की शिकायत नेहरूनगर पुलिस में दर्ज कराई गई। इनमें 77 मामलों को पुलिस के जांबाज अधिकारियों ने सुलझा लिया है, बाकी 10 की तालाश जारी है। लापता या भागने वालों में युवतियों की संख्या अधिक है।

नेहरूनगर पुलिस की हद से लापता (मिसिंग) या घर छोड़कर भागने तथा वापस आने वालों की अलग-अलग दास्तांन हैं। पुलिस के जांबाज अधिकारियों द्वारा सुलझाए गए मामलों में मामी और भांजे, दो सहेलियां, प्रेमी जोड़े एक हसीना दो दीवाने की दास्तांन काफी दिलचस्प है। इस समाचार में सभी नाम बदला हुआ हैं! पुलिस के मुताबिक किसी के लापता होने की शिकायत उसके परिजनों द्वारा दर्ज कराई जाती है, उस समय के तहरीर और उसके बाद के बयान में काफी अंतर देखा जाता है।

पहले लापता के परिजन दुख जाहीर करते हैं लेकिन दो चार दिन बीतने के बाद शक जताने लगते हैं, और संभावित लोगों पर संदेह जताते हैं। इस कड़ी में एक मामी (ज्योति) को अपने सगे भांजे (प्रकाश) से प्यार हो गया। करीब एक, डेढ़ वर्ष चले नैन मट्टका से दिल नहीं भरा तो दोनों घर छोड़ कर भाग गए। प्रकाश की उम्र ज्योति से काफी कम थी।

इसके बावजूद वह प्रकाश के प्यार में इतनी पागल हो गई, कि अपने तीन बच्चे और पति को छोड़कर चलती बनी। बहरहाल पुलिस ने चंद महीनों में ही ज्योति और प्रकाश को धरदबोचा, और कानूनी कार्रवाई के बाद ज्योति को उसके पति के हवाले कर दिया गया। मौजूदा समय में मामी अपने परिवार के साथ खटास भरी जिंदगी जी रही है।
इससे भी दिलचस्प वाकया, करीब एक माह पहले कॉलेज में पढ़ने वाली दो सहेलियां एकाएक लापता हो गई।

इनमें एक कुर्ला पूर्व और दूसरी पश्चिम इलाके की रहने वाली हैं। इन दोनों ने बुजुर्गो के उस मुहावरे को चरितार्थ कर दिया है। जिसे लोग इस दौर में भी गाहे बगाहे कहते पाये जाते हैं। मुहावरा कुछ इस तरह है, लगा दे आग पानी में जवानी इसको कहते हैं, लूटा दे बाप की दौलत फुटानी इसको कहते हैं! (बदले हुए दोनों नाम) समरीन कुर्ला पूर्व की और जसमीन कुर्ला पश्चिम की रहने वाली है। दोनों के अचानक लापता होने के बाद समरीन का मामला कुर्ला पूर्व के नेहरूनगर पुलिस स्टेशन में व जसमीन का विनोवाभावे नगर पुलिस स्टेशन में दर्ज हुआ था। लेकिन हालात को देखते हुए इस मामले को नेहरूनगर पुलिस के हवाले कर दिया गया।

इन दोनों के एकाएक लापता होने से उनके परिजन बेहद परेशान थे। चूंकि दोनों जवानी की दहलीज पार कर रहीं थी, और इनके पास करीब ढाई लाख रूपये नगद थे। इस कड़ी में दिलचस्प बात यह है कि अबतक लड़कों को घर से मोटी रकम लेकर भागने की बात सुनी जाती थी। लेकिन इस बार लड़कियों ने यह कर दिखाया। सिमरन और जसमीन को फिल्मों में हिरोईन बनने का बड़ा शौक था। एक तरफ परिवार के लोग तो दूसरी तरफ नेहरूनगर पुलिस दोनों की तालाश में संभावित ठिकानों पर ढूंढ़ती रही। वहीं इन दोनों ने नालासोपाड़ा में 50 हजार रूपये डिपोजिट देकर मकान भी ले रखा था।

आधुनिकता के इस युग में दोनों के पास हाई-फाई मोबाइल भी थे। लेकिन शातिर लड़कियां व्हाट्सप्प के बजाए इंस्टाग्राम का प्रयोग करती थी। ताकि किसी के पकड़ में न आएं। इस तरह समय बीतता गया और इनके पास से पैसे खत्म होते जा रहे थे। बहरहाल करीब 15 से 20 दिनों में इन दोनों ने इंस्टाग्राम के जरिये अपने काफी दोस्त बना लिए थे। इस दौरान लगातार उनकी हरकतों पर नजर रख रही पुलिस व दोनों के परिजनों को इंस्टाग्राम की जानकारी मिली थी। फिर क्या था सिमरन के पिता भी इंस्टाग्राम पर उसके दोस्त बन गए।

इन दोनों के घर से भागे हुए करीब एक माह पूरा होने वाला था, और इनके पैसे भी खत्म होते जा रहे थे। इंस्टाग्राम पर नये दोस्त से सिमरन ने मदद के तौर पर कुछ पैसे मांगे, तो उन्होंने हामी भर दी। इस बात की जानकारी सिमरन के पिता ने पुलिस को दी। तय समय पर पैसा लेने आई सिमरन और जसमीन को पुलिस की मौजूदगी में परिवार के लोगों ने दोनों को पकड़ लिया। फिर कानूनी प्रक्रिया के बाद दोनों को उनके परिजनों के हवाले कर दिया गया।

एक हसीना दो दिवाने की दास्तां भी अजीबो गरीब है, अब नैना (बदला हुआ नाम) दूसरे के साथ भागी है। पुलिस सूत्रों का कहना है कि इस तरह के वारदात अधिकांश झोपड़पट्टियों में हो रहे हैं। गौर करने वाली बात यह है कि कुर्ला पूर्व के नेहरूनगर पुलिस स्टेशन की हद से लापता या भागे हुए लोगों की अलग-अलग दास्तांन है। इस वर्ष जनवरी से 31 मई 2018 तक में 28 पुरूष लापता हुए। इनमें 24 लोगों को ढुंढने में पुलिस को सफलता मिली है, बाकी 4 की तालाश जारी है। इसी तरह 18 वर्ष से अधिक उम्र की कुल 34 युवतियों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई है। इनमें पुलिस ने 31 युवतियों को ढुंढ निकाला है, 3 की खोजबीन जारी है।

वहीं 18 वर्ष से कम उम्र की 8 नाबालिग लड़कियों के लापता होने की शिकायत नेहरूनगर पुलिस स्टेशन में दर्ज कराई गई है। इनमें 7 को खोजने में पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है, एक की तलाश जारी है। वहीं 8 नाबालिग बच्चों के लापता होने की शिकायत दर्ज कराई गई। जिनमें 6 को बरामद किया जा चुका है 2 की तलाश जारी है। नेहरूनगर पुलिस ने कुल 87 लापता (मिसिंग) के मामलों में से 77 को सुलझा लिया है, बाकी 10 मामलों की तहकीकात जारी है।

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