साभार/ बेंगलुरु। कर्नाटक (Karnataka) में जेडीएस (JDS) और कांग्रेस (Congress) की गठबंधन सरकार गंभीर संकट में घिरती नजर आ रही है। सूबे के 11 जेडीएस-कांग्रेस विधायकों ने अपनी सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। ये विधायक विधानसभा स्पीकर को इस्तीफा देने पहुंचे थे, लेकिन अध्यक्ष के न मिलने पर उनके सचिव को ही सौंप दिया। इस्तीफा देने वाले विधायकों में बीसी पाटिल, नारायण गौड़ा, शिवराम हेब्बर, महेश कुमाथल्ली, गोपालैया, रमेश जरकिहोली और प्रताप गौड़ा पाटिल शामिल हैं। विधानसभा स्पीकर रमेश कुमार ने भी 11 विधायकों के इस्तीफे की पुष्टि की है। कर्नाटक सरकार पर यह संकट ऐसे समय पर आया है जब मुख्यमंत्री कुमारस्वामी अमेरिका के दौरे पर हैं।
स्पीकर रमेश कुमार ने कहा कि मुझे अपनी बेटी को पिकअप करना था, इसलिए मैं घर चला गया था। मैं अपने दफ्तर में बता दिया है कि वे इस्तीफा ले लें। 11 विधायकों के इस्तीफे की जानकारी है। कल रविवार है, ऐसे में सोमवार को मैं इन्हें देखूंगा। मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी की सरकार अब गंभीर संकट में आ गई है। ऐसी चर्चा है कि अभी और विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। इस घटनाक्रम से कर्नाटक में कांग्रेस पार्टी को करारा झटका लगा है। संकट को देखते हुए कांग्रेस के संकटमोचक डीके शिवकुमार अपने विधानसभा क्षेत्र कनकपुरा से वापस बेंगलुरु आ गए हैं।
कांग्रेस विधायकों की आपात बैठक बुलाई गई
डेप्युटी चीफ मिनिस्टर जी परमेश्वर और डीके शिवकुमार ने संकट को देखते हुए कांग्रेस विधायकों की एक बैठक बुलाई है। विधानसभा पहुंचे संकटमोचक डीके शिवकुमार ने कहा कि कोई भी विधायक इस्तीफा नहीं देगा। मैं उनसे मिलने आया हूं। उन्होंने कहा कि बीजेपी कर्नाटक सरकार को गिराने के लिए साजिश कर रही है। कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक प्रदेश कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष दिनेश गुंडुराव विदेश में हैं। इस बीच कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष ईश्वर खंडरे वरिष्ठ कांग्रेस नेता विधायक रामलिंगा रेड्डी के आवास पर पहुंचे हैं। ऐसी चर्चा है कि इस्तीफा देने वालों में रामलिंगा रेड्डी भी शामिल हैं।
उधर, विधानसभा अध्यक्ष रमेश कुमार ने कहा है कि इस्तीफा देने की एक प्रक्रिया है। उन्होंने कहा, ‘उन्हें मुझसे मिलने के लिए समय लेना होगा। मैं किसी बाजार में नहीं बैठा हूं और इस्तीफा देने की अफवाह उड़ाकर ब्लैकमेल की रणनीति काम नहीं करेगी।’ बता दें कि ऐसी खबरें आ रही हैं कि कुल 13 विधायकों ने इस्तीफे की धमकी दी है। इन विधायकों ने ऐसे समय पर इस्तीफा दिया है जब मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी अमेरिका गए हुए हैं।
बीजेपी बोली, जनता ने जेडीएस-कांग्रेस को किया खारिज
कर्नाटक इस घटनाक्रम पर बीजेपी ने भी हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता जीवीएल नरसिंहा राव ने कहा कि कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन को कर्नाटक की जनता ने खारिज कर दिया है। लोकसभा चुनाव में गठबंधन के बाद भी बीजेपी ने शानदार जीत दर्ज की थी। यह स्पष्ट रूप से जनता का मूड दर्शाता है। विधायक निश्चित रूप से गठबंधन के खिलाफ जनता के गुस्से का सामना कर रहे थे।
यह है बहुमत का गणित
224 सदस्यों वाली कर्नाटक विधानसभा में बहुमत के लिए 113 विधायकों का समर्थन होना जरूरी है। अभी कांग्रेस-जेडीएस के कुल 116 और बीजेपी के 104 सदस्य हैं। गठबंधन सरकार को बीएसपी के एक विधायक का समर्थन भी हासिल है। निर्दलीय विधायक आर शंकर और एच नागेश के समर्थन वापस लेने के बाद अभी गठबंधन के पास बहुमत से 4 ज्यादा यानी 117 विधायकों का समर्थन है।
बीजेपी के लिए क्या है बहुमत का गणित
विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या अगर घटकर 207 तक आ जाती है तो बीजेपी सरकार बनाने की स्थिति में आ जाएगी। बीजेपी के 104 विधायक हैं और वह बहुमत हासिल कर लेगी। हालांकि इसके लिए कांग्रेस और जेडीएस के करीब 16 विधायकों के इस्तीफे होना जरूरी है।
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