यूनाइटेड मिल्ली फोरम ने किया अमन का आह्वान

रांची / (झारखंड)। यूनाइटेड मिल्ली फोरम झारखंड के तत्वावधान में अमन और इंसाफ तथा शांति के आह्वान के लिए 22 अप्रैल 2018 से 13 मई 2018 तक झारखंड के 18 जिलों का भ्रमण हुआ है। इस कारवां में प्रदेश के सामाजिक कार्यकर्ता, शिक्षाविद और विभिन्न समुदायों के लोगों ने बढ़ चढ़ कर हिस्सा लिया।

इस कारवां का आज समापन कार्यक्रम अंजुमन इस्लामिया के सभागार में आयोजित किया गया। प्रोग्राम को विशेष रूप से दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अपूर्वानंद, डॉक्टर हसन रजा संरक्षक यूनाइटेड मिल्ली फोरम पद्म मुकुंद नायक, सामाजिक कार्यकर्ता बलराम ने संबोधित किया।

मुकुंद नायक ने मनमोहक नागपुरी गीतों के द्वारा शांति, सांप्रदायिक सौहार्द, इंसाफ, न्याय और सद्भावना का संदेश दिया। श्री बलराम ने कारवां के दौरान का अनुभव पेश किया। उन्होंने कहा कि पूरे प्रदेश में साझा संस्कृति को नजदीक से देखने का मौका मिला। इतिहास के साथ खिलवाड़ के प्रयास की कड़े शब्दों में निंदा की। उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता संग्राम के वीरों के बलिदान के बारे में संदेह पैदा करने की कोशिश की जा रही है। भारत का संविधान ही हमारी ताकत है और इसी के आधार पर हमे नाइंसाफी के खिलाफ लड़ायी लड़नी है। आजादी, समानता और भाईचारे के अंबेडकर के संदेश को व्यक्त किया। इस विषम परिस्थिति में साइंस के तथ्यों के साथ भी खिलवाड़ किया जा रहा है। सरोज हेम्ब्रम, जिला परिषद सदस्य ने आरक्षण विरोधी प्रयास की निंदा की। महिला सुरक्षा के बिगड़ते हुए हालात पर चिंता व्यक्त की।

प्रोफेसर अपूर्वानंद ने देश के संविधान, लोकतांत्रिक व्यवस्था को बचाए रखने के लिए समाज के हर दबे कुचले वर्ग के अहम भूमिका पर बल दिया और कहा कि भारत का संविधान इस देश के हर नागरिक को चाहे वह अनपढ़ है या पढ़ा-लिखा, चाहे वह बेघर है या घर वाला, औरत और मर्द हर एक को बराबर का हक दिया है। इस बात पर चिंता जताई की बड़ी तेजी से इस बात की कोशिश की जा रही है कि भारत के कमजोर लोगों को संविधान के द्वारा दिए गए अधिकारों से वंचित किया जाए।

शांति, न्याय की स्थापना के लिए इस बात पर जोर दिया कि महिलाओं और पुरुषों दोनों को संघर्ष करना होगा। लोकतांत्रिक अमन के लिए न्याय जरूरी है। हर एक समूह को दूसरे समूह के लिय संघर्ष करने की जरुरत है। प्रोफेसर साहब ने दलितों पर हो रहे हिंसा की घटनाओं की चर्चा करते हुए कहा कि यह भारत के लोकतांत्रिक व्यवस्था के लिए चिंता का विषय है। संवैधानिक संस्थाओं के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है।

डॉक्टर हसन रजा साहब ने यूनाइटेड मिल्ली फोरम झारखंड के स्थापना के उद्देश्य पर विचार व्यक्त करते हुए कहा कि फोरम का संकल्प है कि इस प्रदेश में हर वर्ग के साथ न्याय हो। विशेष रूप से आदिवासियों, दलितों, मुस्लमानों, महिलाओं और ईसाई के लिए न्याय और शांति का वातावरण बने। उन्होंने कहा कि राज्य और सरकार का दो ही काम है, एक अमन की स्थापना और दूसरा न्याय की व्यवस्था।

जो सरकार इसमे नाकाम है वो लोगों का और राष्ट्र का भला बिल्कुल नहीं कर सकती। उन्होंने कहा कि समाज को आगे बढ़ कर शान्ति और न्याय की स्थापना के लिए संघर्ष करना होगा। उन्होने कहा कि पूरी स्वतंत्रता के साथ ही इंसानी समाज की तरक्की होती है, ईश्वर ने भी अपने बंदों को आजादी दी है।
कार्यक्रम की शुरुआत धीरज और कारवां के साथियों ने अम्न के गीत से की। स्वागत मो खलील व धन्यवाद ज्ञापन सोहेल अख्तर तथा संचालन फोरम के महासचिव अफजल अनीस ने किया।

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