सांसद पांडेय ने उठाया ग्रामीण शिल्पकारों का मामला

एस.पी.सक्सेना/ बोकारो। गिरिडीह सांसद रवीन्द्र कुमार पांडेय ने लोकसभा में ग्रामीण शिल्पकारों को प्रोत्साहन देन के लिए कार्यान्वित की जा रही योजनाओं/कार्यक्रमों एवं इसके लिए आवंटित एवं उपयोग की गई धनराशि एवं इस योजना से लाभान्वित होने वाले शिल्पकारों के बारे में पूछे गये अतारांकित प्रश्न के लिखित उत्तर में सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) गिरिराज सिंह ने बताया कि परंपरागत उद्योगों के पुनर्सजन के लिए निधि स्कीम (स्फूर्ति) परंपरागत उद्योगों एवं कारीगरों को अधिक उत्पादक एवं प्रतिस्पर्धा बनाने के लिए 2005-06 में शुरू की गई थी।

इसकी सहायता से उत्पादन उपकरणों सामान्य सुविधा उत्पादन विकास गुणवत्ता में सुधार प्रशिक्षण और निर्माण इत्यादि तथ्यों पर आधारित है। ग्रामीण आजीविका व्यवसाय इक्यूवेटर, प्रोद्योगिकी व्यवसाय इक्यूवेटर स्टार्ट अप सृजन के लिए निधियों के कोष के माध्यम से 18 मार्च 2015 से शुरू की गई। उन्होंने बताया कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यम मंत्रालय देश में ग्रामीण कारीगरों के कार्य को बढ़ावा देने के लिए खादी और ग्रामोद्योग आयोग कई स्कीमें चला रही हैं।

जिसमें प्रधानमंत्री रोजगार सृजन कार्यक्रम (पीएमईजीपी), बाजार संवर्धन विकास सहायता (एमपीडीए), ब्याज सब्सिडी पात्रता प्रमाण-पत्र (आइसेक), खादी कारीगरों के लिए वर्कशेड स्कीम, कमजोर खादी संस्थाओं की आधारभूत सुविधा का सुदृढ़ीकरण एवं विपणन आधारभूत सुविधा के लिए सहायता, खादी सुधार और विकास कार्यक्रम (केआरडीपी) एवं आम आदमी बीमा योजना (पूर्व में जनश्री बीमा योजना) आदि शामिल है।

उन्होंने बताया कि खादी और ग्रामोद्योग आयोग भारतीय जीवन बीमा निगम के साथ स्वाभाविक और आकस्मिक मृत्यु तथा विकलांगता के समय खादी कारीगरों को बीमा कवर प्रदान करने के लिए आम आदमी बीमा योजना (एएबीवाई) को कार्यान्वित कर रहा है। जिसमे 18 से 59 वर्ष आयु समूह से संबंधित खादी कारीगरों को बीमा कवर प्रदान किया जाता है, यथा जैसे मृत्यु (स्वाभाविक) होने पर 30,000/-, मृत्यु (दुर्घटना) होने पर 75,000/-, विकलांगता (स्थाई) होने पर 75,000/-, विकलांगता (आंशिक) होने पर 37,500/- एवं शैक्षिक लाभ (शिक्षा सहयोग योजना) में खादी कारीगरो के दो बच्चें जो औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) सहित कक्षा-9 एवं 12 मेें अध्ययन कर रहे हैं, वे 300 रूपये प्रति तिमाही छात्रवृत्रि पाने के पात्र है।

इसके अलावा मंत्री ने बताया कि केयर बोर्ड द्वारा कार्यान्वित स्कीमें केयर उद्योग की बहुमुखी विकासात्मक आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए केयर बोर्ड केयर विकास योजना कार्यान्वित कर रहा है। जैसे कौशल उन्नयन एवं महिला केयर योजना (एमसीवाई), केयर उद्योग प्रौद्योगिकी उन्नयन स्कीम (सीआईटीयूएस), निर्यात बाजार संबर्धन (ईएमपी), घरेलू बाजार संवर्धन (डीएमपी), व्यापार और उद्योग संबंधित कार्यात्मक सहयोग सेवायें (टीआईआरएफएसएस), कल्याणकारी उपाय (समूह वैयक्तिक दुर्घटना बीमा योजना), योजना विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी आदि शामिल है।

साथ ही पिछले 3 वर्षो के दौरान पीएमईजीपी, वर्कशेड और एएबीवाई तथा केयर बोर्ड की विभिन्न स्कीमों के अंतर्गत लाभान्वित लाभार्थियों को निधि आवंटन/लक्ष्य और प्रयुक्त निधि/मार्जिन मनी की उपलब्धि दिया गया है। जिसमें देशभर में वर्ष 2014-17 में लक्ष्य (मार्जिन मनी) कुल-347926 था एवं उपलब्धि (मार्जिन मनी) वर्ष 2014-17 में कुल-342352 है। जिसमें झारखण्ड में वर्ष 2014-17 में लक्ष्य 12174 था एवं उपलब्धि (मार्जिन मनी) वर्ष 2014-17 में 9084 है।

 


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