प्रहरी संवाददाता/गोमियां (बोकारो)। कोरोना (Coronavirus) संकट काल में विश्व का शायद कोई देश नहीं होगा जो इस अभिशाप से मुक्त हो। गोमियां (Gomia) के लोग भी इस लॉकडाउन की वजह से बेरोजगारी, गरीबी का दंश झेल रहे हैं। आर्थिक संकट खड़ा हो चुका है। उक्त बातें आजसू पार्टी गोमियां प्रखंड के वरीय उपाध्यक्ष सह युवा नेता बिपीन कुमार ने कही।
उन्होंने कहा कि गरीबी का अर्थ ऐसे आदमी से है जो अपनी रोजी-रोटी और रहने के लिए घर नहीं जुटा पाता। ऐसे लोग गरीबी की श्रेणी में आते हैं। इसको लेकर 1 जून को गिरिडीह सांसद चन्द्र प्रकाश चौधरी के निर्देशानुसार गोमियां के पलिहारी गुरुडीह स्थित काली मंदिर में क्षेत्र के 30 गरीब व असहाय परिवारों के बीच खाद्यान्न का पैकेट और फेस मास्क का वितरण किया गया। यहां उन्होंने कहा कि गरीबी समाज का एक ऐसा अभिशाप हैं जो कि मनुष्य को उनके इच्छा शक्ति को मारने के साथ-साथ उनके दैनिक जीवन में होने वाली प्रगति को भी रोक देती हैं।
गरीब लोग चाहकर भी अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा देने में असमर्थ होते हैं। जिस कारण उन्हें मजबूर होकर अपने बच्चों को अपने साथ काम पर लगाना पड़ता है। जिस वजह से बाल मजदूरी को बढ़ावा मिलता है। भारत में अनाज के भंडार भरे पड़े रहने के बावजूद इसके रोजाना लाखों लोग भूखे पेट सोने के लिए मजबूर हैं। लॉकडाउन में काम के अभाव तथा कमाई अत्यंत कम होने के कारण भी इनके समक्ष दो वक्त की रोटी जुटाना बहुत मुश्किल हो गया है। मौके पर विजय कुमार कांदु आदि उपस्थित थे।
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