कश्‍मीर में सेना और सरकार की हलचल

साभार /नई दिल्ली। पिछले कुछ दिनों से कश्मीर (Kashmir) में बैचेनी है। यह बेचैनी घाटी तक सीमित नहीं है। इसके दायरे में दिल्ली का राजनीतिक गलियारा भी है। शुक्रवार को अमरनाथ यात्रा (Amarnath Yatra) रोकने के फैसले के बाद से ‘लगता है, कुछ बड़ा होने वाला है कश्मीर में…’ वाली बात फिजाओं में है। जम्मू-कश्मीर में अमरनाथ यात्रियों पर अडवाइजरी और हजारों जवानों की तैनाती के बाद राज्य में सियासी हलचल भी तेज हो गई है। नैशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला (Umar Abdullah) ने राज्यपाल सत्यपाल मलिक से मुलाकात की।

उधर, राज्यपाल ने साफ किया सुरक्षा के मद्देनजर ये कदम उठाए जा रहे हैं। सीमा पार पाकिस्तान पिछले कुछ दिनों से लगातार गोलीबारी कर रहा है। भारतीय सेना ने शनिवार को सीमा पार करने की कोशिश कर रहे 7 आतंकियों को ढेर कर दिया था। इन सबके बीच राज्य में आशंका का भी माहौल है। हजारों लोग घाटी से निकलने की जद्दोजहद में दिख रहे हैं। बस स्टैंड और एयरपोर्ट पर पर्यटकों की भीड़ है। सरकारी सूत्र ने शनिवार को बताया कि पर्यटकों को घाटी से निकलने के लिए 72 घंटे का अल्टिमेटम दिया गया है।

जम्मू-कश्मीर की ताजा हालात पर केंद्र सरकार की लगातार नजर बनी हुई है। देश के गृह मंत्री अमित शाह एक के बाद एक मीटिंग कर रहे हैं। रविवार को सबसे पहले अमित शाह ने वरिष्ठ अधिकारियों के साथ हाईलेवल की मीटिंग की। बैठक खत्म होने के तुरंत बाद ही केंद्र में जम्मू-कश्मीर डिवीजन के एडिशनल सेक्रेटरी ज्ञानेश कुमार अमित शाह से मिलने पहुंचे। माना जा रहा है कि कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान के बीच तकरार चरम पर पहुंच गया है! भारत के गृह मंत्री अमित शाह ने पहले राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल, गृह सचिव राजीव गावा, आईबी चीफ अरविंद कुमार और रॉ चीफ सामंत कुमार गोयल के साथ बैठक किया।

उधर सीमा पार भी बैठकों का दौर जारी है। पाकिस्तानी सेना का कहना है कि भारत की तरफ से कलस्टर बमों का प्रयोग हो रहा है, जिससे स्थिति भयावह हो गई है। पाकिस्तानी पीएम ने इसी मुद्दे पर वहां के एनएसए और सेना के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक की।

पिछले कुछ दिनों में बढ़ी हलचल
27 जुलाई: 10,000 से ज्यादा जवानों को जम्मू-कश्मीर में तैनात कर दिया गया।
28 जुलाई: पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ कार्यक्रम में जम्मू-कश्मीर पर फोकस किया। उन्होंने कहा, विकास की मदद से बंदूक और बमों पर विजय पाई जा सकती है।
30 जुलाई: दिल्ली में जम्मू-कश्मीर बीजेपी इकाई के कोर ग्रुप की अहम बैठक हुई। विधानसभा चुनाव इसी साल कराने के संकेत दिए गए।

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