खरीदार नहीं आने से गोदामों में पड़े हैं लीची जूस

संतोष झा/ मुजफ्फरपुर (बिहार)। व्यापारियों के नहीं आने से बीते साल 2019 में उत्पादित लीची जूस अभी तक गोदामों में पड़ा है। मुजफ्फरपुर (Muzaffarpur) जिला के गोदामों में 10 मीट्रिक टन लीची जूस अबतक डंप है। देश के सबसे बड़े लीची जूस उत्पादक यूनिक फूड्स के प्रोपराइटर आरके केडिया ने इसकी सूचना डीएम डॉ. चंदशेखर सिंह काे दी है। केडिया ने लीची किसान और व्यापारियों की समस्याओं काे जानने के लिए डीएम द्वारा बुलाई गई बैठक में यह जानकारी दी। लीची का इंटरनेशनल प्रोपराइटर केएन ठाकुर ने बताया कि जिले में आठ कंपनियों ने 20 हजार एमटी लीची का जूस तैयार किया था। लेकिन मांग कम हाेने से आधे से अधिक लीची जूस अबतक गोदामों में पड़ा है।

हालांकि, डीएम ने किसान और व्यवसायियों काे सभी प्रकार की समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया है।लीची उत्पादक किसान भोलानाथ झा ने बताया कि इस वर्ष लॉकडाउन के कारण पहले ही बाहर से लीची व्यापारी नहीं आए हैं। यहां के 10 हजार हेक्टेयर भूमि में लीची की उपज की जाती है। इस वर्ष रिकॉर्ड एक लाख मीट्रिक टन लीची उत्पादन का अनुमान है। कुल उत्पादन की तीस फीसदी फ्रेश लीची की स्थानीय स्तर पर ही बिक्री की जाती है। जबकि 20 मई से 15 जून तक लीची का माना जाता है व्यापार के लिए पीक सीजन। पीक सीजन में प्रत्येक दिन लगभग 150 ट्रक लीची महानगरों में भेजी जाती है।

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