भूख, सांप्रदायिकता और हिंसा के खिलाफ ऐपवा का अनशन

अपने ऊपर हो रहे जुल्म के खिलाफ जोरदार आवाज बुलंद करें महिलाएं- ऐपवा

एस.पी.सक्सेना/ पटना (बिहार)। वैश्विक महामारी कोरोना (Coronavirus) में भूख, सांप्रदायिकता और महिलाओं पर जारी हिंसा के खिलाफ महिला संगठन ऐपवा के बैनर तले राष्ट्रीय अह्वान के तहत 21 अप्रैल को बिहार राज्य के समस्तीपुर शहर के विवेक-विहार मुहल्ला में ऐपवा (AIPWA) जिलाध्यक्ष बंदना सिंह के नेतृत्व में एकदिनी अनशन का आयोजन किया गया। मौके पर ऐपवा राज्य कार्यकारिणी सदस्य नीलम देवी, आइसा के स्तुति सिंह सहित कई अन्य अनशन में शामिल हुए।

यहां उपस्थित जनों को संबोधित करते हुए महिला अधिकार नेत्री सिंह ने कहा की वैश्विक महामारी नोवल कोरोनावायरस के दौरान किये गये लाॅकडाउन के कारण गरीब गुरबों के लिए भूख एक बड़ी समस्या बनकर उभरी है। बिना किसी पूर्व तैयारी किये सरकार लाॅकडाउन लागू कर दी है। जानबूझकर इस महामारी के दौर में भी सांप्रदायिक माहौल बिगाड़ने का काम किया जा रहा है।

कोरोना के बहाने समुदाय विशेष को टारगेट किया जा रहा है जो अनुचित है। सभी समुदायों में अच्छे और खराब लोग होते हैं। महिला नेत्री ने कहा की इस दौर में भी महिलाओं पर घर के अंदर एवं बाहर हिंसा जारी है। इसका प्रतिकार महिलाओं को स्वयं आगे आकर करना होगा।

उन्होंने कहा की बैंक, कार्यालय, खेत- खलिहान से लेकर डीलर तक द्वारा महिलाओं को प्रताड़ित किया जा रहा है। उन्हें दोयम दर्जे का नागरिक समझा जाता है। कार्यस्थल पर महिलाओं के यौन शोषण की खबरें आती रही है।

सरकार स्वयं लिंग परीक्षण कानून को कमजोर कर रही है। इससे बेटियों की भ्रूणहत्या में और इजाफा होगा। इस पर यथाशीघ्र रोक लगनी चाहिए। महिला नेत्री ने कहा की इस संकट की घड़ी में वृद्ध, बेसहारा, विकलांगों एवं बीमार महिलाओं को बगैर कार्ड का भी राशन, राशि सरकार को मुहैया कराना चाहिए।

ऐपवा राज्य कार्यकारिणी सदस्य सह माले नेत्री नीलम देवी ने कहा की बीते 19 अप्रैल को शहर में पुलिस सम्मान समारोह के बहाने सैकड़ों लोगों को बिना मास्क इकट्ठा कर आजाद चौक से ओवरब्रिज तक जुलूस निकालने वाले दीनबंधु संस्था समेत तमाम दोषियों पर सरकार कानूनी कार्रवाई कर लाॅकडाउन को सफल पूरी तरह सफल बनाने के लिए आमजनों के बीच समान रूप से प्रचार- प्रसार करे।

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