दुर्गा पूजा के अवसर पर अग्नि सुरक्षा के लिए किया जा रहा आवश्यक उपाय

सारण के 24 स्थानों पर अग्निशमन वाहनों की तैनाती-अग्निशमन पदाधिकारी

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। सारण जिले में दुर्गा पूजा को लेकर 24 स्थानों पर अग्निशमन वाहनों की तैनाती की गई है। जिला मुख्यालय छपरा सहित जिले के विभिन्न प्रखंडों में दुर्गा पूजा के अवसर पर तैनात अग्नि शमन पदाधिकारियों व कर्मियों ने 5 अक्टूबर को पूजा पंडालों में जाकर आग से बचाव को लेकर जागरुकता अभियान चलाया। जिला के हद में सोनपुर के कई पंडालों में भी यह जागरुकता अभियान चलाया गया।

जिला अग्निशमन पदाधिकारी ने भी 5 अक्टूबर को एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर जिले के विभिन्न अनुमंडलों व थाना क्षेत्रों में 24 अग्निशमन वाहनों व कर्मियों की प्रतिनियुक्ति की जानकारी दी। उन्होंने सभी दुर्गा पूजा समितियों और उससे जुड़े व्यक्तियों से पूजा के लिए निर्मित किए जा रहे पंडालों की पहले से ही अग्नि से सुरक्षा के लिए आवश्यक उपाय करने की अपील की। उन्होंने कहा कि आग लगने की स्थिति में सामान के नुकसान एवं जान माल की सुरक्षा बहुत आवश्यक होता है। इसलिए आवश्यक है कि हम सभी अग्नि से बचाव के लिए आवश्यक जानकारी रखें, जिससे हम सभी सुरक्षित रह सके।

जिला अग्नि शमन पदाधिकारी ने दुर्गा पूजा समितियों से गुजारिश की कि वे एसएस फायर रिटारडेंट सॉल्यूशन में उपचारित किया हुआ सूती कपड़े का ही पंडाल बनाएं। अग्नि निरोध घोल के लिए सामग्री उचित मात्रा में मिलाकर रखें, ताकि समय पर इसका उपयोग किया जा सके। पंडाल के प्रत्येक 100 वर्ग मीटर स्थान पर अग्निशमन यंत्र (9 लीटर) क्षमता को अवश्य लगाएं। पंडाल का निर्माण रेलवे लाइन, विद्युत सब स्टेशन, चिमनी या भट्ठे से कम से कम 15 मीटर की दूरी पर करें। पंडाल में कम से कम तीन द्वार रखें, ताकि आवश्यक होने पर इसका उपयोग किया जा सके।

कहा गया कि प्रत्येक पंडाल के लिए अलग-अलग विद्युत फ्यूज सर्किट ब्रेकर लगायें। बिजली की तार को अच्छे से टेपिंग करना बहुत ही आवश्यक है। बिजली कटने की स्थिति में स्पार्कलेस लाइट का प्रयोग करें। हवन कुंड के पास कम से कम 100 लीटर वाला पानी से भरा चार ड्रम रखें। साथ ही बाल्टी और मग भी रखना बहुत जरूरी है, ताकि आवश्यकता पड़ने पर इसका उपयोग किया जा सके। इसके अलावा स्थानीय अग्निशमन केंद्र का टेलीफोन नंबर जगह-जगह पर अवश्य प्रदर्शित करें।

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अग्नि शमन पदाधिकारी ने जिले के पूजा समितियों से आग्रह करते हुए कहा कि पंडाल 3 मीटर से कम ऊंचाई का न बनाएं। पंडाल बनाते समय सिंथेटिक सामग्री से बने कपड़े या रस्सी का उपयोग न करें। इस बात का भी ध्यान रखें कि बिजली लाइन के नीचे पंडाल का निर्माण ना हो। किसी भी परिस्थिति में बिजली के तार को खुला नहीं रखें। पंडाल में लाइट के लिए मोमबत्ती, दिया आदि का प्रयोग न करें। साथ ही हैलोजन लाइट का प्रयोग भी पंडाल के भीतर न करें। पंडाल के अंदर हवन कुंड का प्रयोग न करें। यदि आवश्यक हो तो पंडाल से बाहर खुले में सुरक्षित स्थान पर हवनकुण्ड का उपयोग करें।

 

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