एनडीआरएफ द्वारा आपदा से निपटने के लिए कार्यशाला का आयोजन

औद्योगिक इकाईयां अपने यहां भी करें इस तरह का आयोजन-उपायुक्त

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो निवास स्थित सभागार में 29 अक्टूबर को जिला आपदा प्रबंधन विभाग एवं एनडीआरएफ ( NDRF) के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय औद्योगिक एवं रसायनिक सुरक्षा पर कार्यशाला का आयोजन किया गया। कार्यशाला में जिले के विभिन्न प्रखंडों में संचालित बड़े-छोटे उद्योगों के प्रतिनिधि शामिल हुए।

मौके पर जिला उपायुक्त कुलदीप चौधरी (District Deputy Commissioner Kuldeep Choudhary) ने कहा कि बोकारो एक औद्योगिक हब है। यहां बड़े-छोटे कई औद्योगिक इकाईयां स्थापित है। जिनमें बोकारो स्टील लिमिटेड, वेदांता इलेक्ट्रो स्टील, ओएनजीसी, डालमिया सिमेंट, कोल माइंस आदि शामिल है। जहां लाखों-हजारों की संख्या में मानव बल कार्यरत है।

ऐसे में इन इकाईयों में औद्योगिक-रसायनिक आपदा की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता। कभी-कभार ऐसा होता भी रहता है। ऐसे में कैसे इन आपदाओं से सुरक्षा की जाए। कौन सी एहतियात बरती जाए, आपदा की समस्या होने पर कैसे राहत व् बचाव कार्य को किया जाए।

स्थानीय रहिवासियों को इसके लिए कैसे दक्ष बनाया जाए। इसी के लिए इस कार्यशाला का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि हम जानते हैं कि एनडीआरएफ सभी तरह के आपदाओं से निपटने के लिए निपुण है। चाहे वह चक्रवात की त्रासदी हो, बाढ़ हो, अति बारिश या फिर कोई घटना-दुर्घटना हो।

इसलिए इस कार्यशाला में एनडीआरएफ के सदस्यों द्वारा प्रशिक्षण कराया जा रहा है। उन्होंने इसके लिए एनडीआरएफ टीम के प्रति आभार जताया।

उपायुक्त ने औद्योगिक इकाईयों को अपने यहां भी इस तरह का आयोजन करने को कहा, ताकि स्थानीय क्वीक रिस्पांस टीम ऐसी घटनाओं से निपटने को और दक्ष हो सकें। उन्होंने जिला आपदा प्रबंधन को पूरे वर्ष का कैलेंडर जारी करते हुए ऐसे आयोजन करने एवं औद्योगिक इकाईयों में भी सुनिश्चित करने को कहा।

मौके पर अपर समाहर्ता सादात अनवर एवं अनुमंडल पदाधिकारी चास दिलीप प्रताप सिंह शेखावत ने भी कार्यशाला को संबोधित किया। उन्होंने भी इकाईयों को कार्यशाला में बताई बातों को नीचे तक ले जाने की बात कही, ताकि इस कार्यशाला का उद्देश्य पूरा हो सके।

कार्यशाला में प्रशिक्षण के दौरान एनडीआरएफ नौवी बटालियन के सहायक समादेष्टा विनय कुमार व उनकी टीम ने विस्तार से औद्योगिक-रसायनिक दुर्घाटनाओं के कारक, सुरक्षा उपाय, राहत प्रबंधन आदि के संबंध में विस्तार से बताया।

इसके अलावा पूर्व में हुए औद्योगिक-रसायनिक आपदाओं से सीख लेते हुए आधुनिक तकनीकियों का उपयोग करते हुए मजबूत आपदा प्रबंध की जरूरतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने काम के दौरान किसी का हृदय गति रूक जाने पर कृत्रिम श्वांस देने (सीपीआर), दुघर्टना के बाद राहत-बचाव करने, घायलों को उद्धार करने, रक्त बहाव को कम करने आदि के संबंध में बताया।

मौके पर उपस्थित जिला आपदा प्रबंधन पदाधिकारी शक्ति कुमार ने जिले में बनाए गए इंसीडेंट रिस्पांस सिस्टम बोकारो के संबंध में विस्तार से कंपनी प्रतिनिधियों को अवगत कराया। कैसे किसी भी तरह की कोई आपदा होने पर किनसे संपर्क करना है।

किस अधिकारी को किस कार्य के लिए जिम्मेवारी तय की गई है आदि जानकारी दी। उन्होंने सभी कंपनी प्रतिनिधियों को अद्यतन ऑन साइट इमर्जेंसी प्लान कार्यालय में समर्पित करने को कहा।

जिला आपदा प्रबंधन एवं बीएसएल के सहयोग से एनडीआरएफ द्वारा बोकारो स्टील प्लांट में किसी भी प्रकार का घटना/दुर्घटना होने पर कैसे राहत-बचाव कार्य किया जा सकता है। इसका मॉक ड्रिल कर सभी कंपनी प्रतिनिधियों को इससे अवगत कराया। मॉक ड्रिल में सभी छोटी-बड़ी एहतिहातन, सुरक्षा उपायों के संबंध में विस्तार से बताया।

मौके पर बोकारो स्टील सिटी के डीएसपी कुलदीप कुमार, जिला अग्निशमन पदाधिकारी, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार सिंह, बीएसएल के सुनील सरन, डा. पंकज कुमार, सीसीएल के विकास चंद्रा, वेदांता ईएसएल के संदीप कुरहदकर, संगीता ठाकुर, अभिषेक सिंह, डालमिया सिमेंट के अलोक कुमार, विजन सरकार, बीटीपीएस के आर्यन कुमार, आदि।

उदय आर्या, टीटीपीएस के सूरज कुमार सिन्हा, विकास कुमार प्रजापति, सुखदेव महतो, सीसीएल ढ़ोरी के रविंद्र कुमार, रमन कुमार, सीसीएल कथारा के अधीक्षक अमरेश प्रसाद, सूर्य भूषण कुमार आदि कंपनियों के प्रतिनिधिगण उपस्थित थे।

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