नवोदय विद्यालय सिखाता है भारतीय संस्कृति, उसे बनाए रखना जरूरी-सुरेंद्र नाथ

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। भारतीय संस्कृति नवोदय विद्यालय सिखाता है। उस संस्कृति को बनाए रखना जरूरी है। उक्त बातें बोकारो जिला के हद मर तेनुघाट स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय के वार्षिक सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान 15 अप्रैल को जनवि पटना संभाग के सहायक उपायुक्त सुरेंद्र नाथ पाठक ने कही।

सहायक आयुक्त पाठक ने कहा कि अच्छा नंबर लाना जहां एक कला है, वहीँ अच्छा इंसान बनना भी एक कला है। उन्होंने कहा कि यहां आयोजित कार्यक्रम में सभी का कार्य काफी सराहनीय रहा है। प्रत्येक दिन हमें जीने की कला सीखनी चाहिए। उन्होंने शायराना अंदाज में कहा कि घने बादल से रात नहीं होती, सूरज के डूब जाने से ही रात होती है।

हमें हमेशा ऐसा कार्य करना चाहिए कि सभी हमारी योग्यता की सराहना करे। आप नवोदय विद्यालय के छात्र है। आप ऐसा कार्य करें कि आपके नाम के साथ साथ विद्यालय का भी नाम रोशन करे।

विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य विपिन कुमार की देखरेख में आयोजित इस कार्यक्रम में बच्चों का उत्साह को बढ़ाया गया, वह काफी सराहनीय रहा है। उन्होंने विद्यार्थियों को कहा कि आपको अपना लक्ष्य प्राप्त करने के लिए अपने लक्ष्य पर ध्यान देकर आगे बढ़ना होगा।

प्रभारी प्राचार्य ने कहा कि नवोदय विद्यालय से निकलकर बच्चे कई क्षेत्र में अपना नाम रोशन कर रहे हैं। देश में ही नहीं बल्कि विदेश में भी जनवि का नाम रोशन हो रहा है। आप भी वैसा बने और अपने साथ-साथ विद्यालय का नाम रोशन करें। चेहरे पर हमेशा खुशी झलकना चाहिए और जीवन को प्रसन्न बनाना चाहिए।

जवाहर नवोदय विद्यालय हजारीबाग के प्राचार्य विनोद कुमार पांडेय ने भी कहा कि होठों पर मुस्कान आंखों में पानी, यही है जवाहर नवोदय विद्यालय तेनुघाट की कहानी। उन्होंने कहा कि यहां के बच्चे को देखकर ऐसा लगता है कि सभी काफी उत्साहित है। उन्होंने कहा कि कामयाबी मंजिल नहीं एक सफर है।

इससे पूर्व कार्यक्रम का शुभारंभ सुरेंद्र नाथ पाठक, विनोद कुमार पांडेय, जवाहर नवोदय विद्यालय तेनुघाट के प्रभारी प्राचार्य विपिन कुमार, अधिवक्ता सुभाष कटरियार द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

कार्यक्रम का शुभारंभ विद्यालय के विद्यार्थियों द्वारा स्वागत गान गाकर किया गया। उसके बाद सौम्या भारती द्वारा गणेश वंदना में नृत्य कर दर्शकों के मन को प्रभावित किया। वही जनवि तेनुघाट के बच्चों द्वारा मोनो एक्ट प्रस्तुत किया गया।

कहा गया कि जब बच्चे विद्यालय में पहले दिन आते हैं तो किस तरह अपने मां-बाप से बिछड़ते वक्त रोते हैं। मगर वही यहां पर विद्यालय में शिक्षकों के द्वारा पढ़ाई एवं प्यार पाकर तथा अपने साथियों के द्वारा मित्रता बढ़ाकर किस तरह खुश रहते हैं और विद्यालय छोड़ते समय उसी तरह दुखी नजर आते हैं।

अनेकता में एकता के गायन में हम सब भारतीय हैं। आदिवासी नृत्य, संथाली नृत्य सहित विद्यालय के विद्यार्थियों के द्वारा कई कार्यक्रम ने दर्शकों को प्रभावित किया। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य द्वारा हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह गाए गीत ने सभी की वाहवाही लूटी।

इसके साथ हीं लकड़ी की काठी काठी पर घोड़ा गीत विपिन कुमार के साथ पूरे विद्यार्थियों ने ही गुनगुना कर मनोरंजन किया। उप प्राचार्य पी पांडेय द्वारा एक बंजारा आए जीवन के गीत सुनाए गीत को भी सभी ने सराहा। स्वागत भाषण प्राचार्य एवं धन्यवाद ज्ञापन विद्यालय के शिक्षक रविंद्र राम ने किया। मंच संचालन शिक्षिका अंविता त्रिपाठी, छात्रा सौम्या कुमारी एवं हर्षिता कुमारी ने किया।

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