अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के द्वारा राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया गया

ममता सिन्हा/तेनुघाट (बोकारो)। अखिल भारतीय बीमा कर्मचारी संघ के आह्वान पर 19 जनवरी को पूरे देश में राष्ट्रीयकरण दिवस मनाया जा गया। इसे लेकर इस अवसर पर गिरिडीह शाखा इकाई द्वारा प्रेस वार्ता रखा गया।

आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए शाखा सचिव सह मंडलीय संयुक्त सचिव धर्म प्रकाश ने कहा कि 19 जनवरी 1956 को तत्कालीन केंद्र सरकार ने अध्यादेश के माध्यम से 250 निजी देशी-विदेशी बीमा कंपनियों तथा भविष्य निधि समितियों का प्रबंधन अपने अधीन कर लिया था तथा कंपनियों का निगरानी एवं संचालन का जिम्मा भारत सरकार द्वारा नियुक्त 45 अभीरक्षकों के अधीन कर दिया गया था।

तत्पश्चात उन कंपनियों का राष्ट्रीयकरण कर 1 सितंबर 1956 को भारतीय जीवन बीमा निगम की स्थापना की गई थी। तत्कालीन वित्त मंत्री डॉ सी डी देशमुख ने देश के नाम अपने संबोधन में कहा था कि “हम एक गतिमान और शक्तिशाली संगठन का निर्माण करने जा रहे हैं, जो पूरे देश के प्रत्येक क्षेत्र के लोगों को बीमा सुरक्षा प्रदान करेगा तथा उनके बचत वह सुरक्षित रखेगा।

प्रेस वार्ता में कहा गया कि संविधान के प्रारूप समिति के अध्यक्ष डॉक्टर बी आर अंबेडकर ने कहा था कि बीमा उद्योग का राष्ट्रीयकरण होना चाहिए तथा इसका प्रबंधन हमेशा राष्ट्र के अधीन होना चाहिए। एलआईसी की स्थापना 1 सितंबर 1956 में इस अवधारणा के साथ की गई थी कि लोगों का पैसा लोगों के कल्याणार्थ हो।

एलआईसी की स्थापना 5 करोड की पूंजी के साथ की गई थी तथा 68 वर्षों के सफल यात्रा के बाद 42 लाख 30 हजार करोड़ परिसंपत्तियां अर्जित की गई। केंद्र सरकार को अब तक 30 हजार करोड़ रुपया लाभांश के रूप में दिया गया। एलआईसी ने देश के आधारभूत संरचना जैसे रेलवे, राष्ट्रीय राजमार्ग, सिंचाई, बिजली इत्यादि में लगभग 29 लाख करोड़ रूपया निवेश कर रखा है।

कहा गया कि बीमा क्षेत्र निजी कंपनियों के लिए खुलने के 2 दशकों के बाद भी एलआईसी का बीमा बाजार में 72 प्रतिशत की हिस्सेदारी है। वित्तीय वर्ष 2021- 22 के दौरान एलआईसी की कुल आय 7.2 लाख करोड़ रूपया तथा 2.17 करोड़ नई बीमा बेची गई है। इसी वर्ष में 206.7 करोड़ दावा का निपटारा करते हुए 1.92 लाख करोड़ रुपया का भुगतान किया गया।

कहा गया कि अभी देश की आर्थिक स्थिति चिंताजनक है। देश के राष्ट्रीयकृत उद्योगों का विनिवेशीकरण किया जा रहा है। एलआईसी जैसे उत्कृष्ट और सुदृढ़ वित्तीय संस्था का अभी आईपीओ के माध्यम से 3.50 प्रतिशत शेयर बेचकर विनिवेशीकरण किया गया, जो बीमा धारकों के साथ धोखा है।

प्रेस वार्ता में कहा गया कि केंद्र सरकार की सिर्फ नीतियां ही गलत नहीं है, अपितु उसकी नियत भी गलत है। प्रेस वार्ता को सचिव धर्म प्रकाश, अध्यक्ष संजय शर्मा, मंडलीय सहायक सचिव अनुराग मुर्मू, संयुक्त सचिव विजय कुमार, राजेश कुमार उपाध्याय तथा श्वेता कुमारी पेंशनर्स एसोसिएशन के मंडलिया उपाध्यक्ष लक्ष्मी नारायण गुप्ता ने संबोधित किया।

 111 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *