मजदूरों का शोषण करने में लगी है मोदी सरकार-कॉ लखनलाल महतो

यूसीडब्ल्यूयू का क्षेत्रीय सम्मेलन आयोजित

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। एटक से संबद्ध श्रमिक संगठन यूनाइटेड कोल वर्कर्स यूनियन का क्षेत्रीय सम्मेलन 2 अप्रैल को बोकारो जिला के हद में स्टाफ रिक्रियेशन क्लब कथारा में आयोजित किया गया।

सम्मेलन की शुरुआत यूनियन का झंडोत्तोलन कर, अध्यक्ष मंडली का चयन कर तथा कोरोना काल में असमय काल के गाल में समा गए मजदूर साथियों के प्रति एक मिनट का मौन धारण कर किया गया।
इस अवसर पर तीन सदस्यीय अध्यक्ष मंडली का चयन किया गया, जिसमें कॉमरेड सुरेश कुमार शर्मा, मथुरा सिंह यादव तथा शिवनाथ महतो शामिल है।

इस अवसर पर कॉ चंद्रशेखर झा के नेतृत्व में कोरोना काल में देश के सैकड़ों मजदूर साथियों की हुई मौत तथा अपने कर्म पथ पर चलते हुए आहुति देने वाले मजदूरों की याद में एक मिनट का मौन धारण कर श्रद्धांजलि दी गई। स्वागत भाषण सुरेश कुमार शर्मा द्वारा प्रस्तुत किया गया।

मौके पर एटक के महामंत्री लखन लाल महतो ने कहा कि उनका यूनियन पूरे नियम कानून के तहत रहकर प्रजातांत्रिक विधि से ही यूनियन का चयन करते रही है, जबकि अन्य यूनियन में ऐसा नहीं है।

उन्होंने कहा कि हमने कोरोना काल में कई अच्छे साथियों को खोया है। कोल इंडिया लिमिटेड में 900 से ज्यादा तथा सीसीएल में 112 मजदूरों की कोरोना महामारी से मौत हो गई।

कॉ महतो ने कहा कि कोरोना हमारे लिए अभिशाप और केंद्र की मोदी सरकार (Modi government at the center) के लिए वरदान साबित हुआ। देश के लाखों लाख लोगों ने कोरोना काल में अपनी रोजी-रोटी खोया, जबकि मोदी सरकार द्वारा दर्जनों सार्वजनिक उद्योगों को निजी कंपनी को सौंपने का काम किया गया है।

उन्होंने बताया कि चालू वित्त वर्ष 2022-23 के बजट में कोई नई चीज नहीं शामिल किया गया। बदले में सरकार ने 45 लाख की संपत्ति की खरीद पर मात्र डेढ़ लाख की छूट का प्रावधान रखा है, जबकि ढाई लाख से अधिक पीएफ जमा पर इनकम टैक्स लगा दिया गया है। यह मजदूरों के साथ घोर अन्याय है।

उन्होंने कहा कि वर्तमान केंद्र की मोदी सरकार ने देश की 160 कोयला खदानों को निजी मालिकों के हाथों देने का काम कर रही है। इसके अलावा रेल, हवाई अड्डा, हवाई जहाज सहित कई सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनी को निजी हाथों में सौंप दिया गया है। इन्हीं बातों को लेकर बीते माह 28-29 मार्च को देशव्यापी दो दिवसीय हड़ताल किया गया, ताकि सरकार पर दबाव बन सके।

बावजूद इसके मोदी सरकार अपनी मनमानी करने पर तुली है। आज देश के मजदूर वर्ग और किसान त्राहिमाम कर रहे हैं। ऐसे में केवल लाल झंडा ही उन्हें इस परेशानी से निजात दिलाने का काम करेगी।
कॉ सुजीत घोष ने कहा कि आयोजित दो दिवसीय हड़ताल में बैंक, पोस्ट ऑफिस और एलआईसी में हड़ताल का व्यापक असर रहा, जिससे सरकार पर असर पड़ा।

जबकि कोयला उद्योग में हड़ताल प्रभावी नहीं हो सका। कथारा क्षेत्रीय सचिव कॉ रामेश्वर साव ने यूनियन का लेखा-जोखा प्रस्तुत करते हुए क्षेत्र में विभिन्न यूनिटों में कार्यरत यूनियन के सदस्यों की संख्या प्रस्तुत की तथा कहा कि आने वाले समय में इसमें और वृद्धि होगी।

कॉ जवाहर लाल यादव ने कहा कि ढोरी क्षेत्र में यूनियन (Union) अपनी सशक्त उपस्थिति दर्ज कराती रही है, बावजूद इसके सदस्य संख्या में कोई खास वृद्धि नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि मजदूर वर्ग की समस्याओं को दूर करना उनकी प्राथमिकता में शामिल है।

बीएंडके अध्यक्ष कॉ गणेश प्रसाद महतो ने कहा कि हमारे भीतर कहीं न कहीं पूंजीवादी व्यवस्था पनप रहा है। यही कारण है कि हमारे मजदूर साथी हड़ताल से दूर होते जा रहे हैं। इसीलिए पूंजीवादी व्यवस्था को दूर करना संगठन में आवश्यक है।

इस अवसर पर विभिन्न शाखा अध्यक्ष एवं सचिवों ने अपनी अपनी बातें रखी तथा सुझाव दिया। मौके पर उपरोक्त के अलावा नवीन कुमार विश्वकर्मा, विश्वनाथ महतो, भीम महतो, बलराम नायक, यदु उरांव, देवाशीष रजवार, रामविलास रजवार, संतोष कुमार दत्ता, रामदास केवट, शशि भूषण ओहदार, जितेंद्र दुबे आदि उपस्थित थे।

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