आंदोलनकारी दामोदर प्रसाद महतो की धर्मपत्नी हर हाल में चुनाव लड़ेगी-मिश्रीलाल, जगरनाथ

एस. पी. सक्सेना/गिरिडीह (झारखंड)। डुमरी विधानसभा क्षेत्र में वर्षो से लगातार संघर्ष कर रहे झारखंड के युवा योध्दा आंदोलनकारी व आजसू पार्टी के केंद्रिय नेता दिवंगत दामोदर प्रसाद महतो जिनका ना रहने का घर था। न घूमने के लिए गाड़ी था। फिर भी क्षेत्र के रहिवासियों की मदद में दिन रात खड़े रहते थे। क्षेत्र की विकट स्थिति मे हमेशा आगे रहा करते थे। भले वह विधानसभा चुनाव नही जीत सके और दुनिया को अलविदा कह गए।

डुमरी विधानसभा को अपने समर्थकों के बीच छोड़ गए, लेकिन आज भी उनका जमीर विधानसभा क्षेत्र में जिंदा है। क्षेत्र के रहिवासियों को यह यकीन नही होता है कि झारखंड आंदोलनकारी सह आजसू पार्टी के केंद्रिय नेता दामोदर प्रसाद महतो अब उनके बीच नही है।

आंदोलनकारी महतो ने विधानसभा के लिए अपने दो बेटे और पत्नी को छोड़ गए। यह सबको पता है। जिसमे छोटा बेटा का इलाज लगातार वेल्लोर से चल रहा है। वह जिंदगी भर डॉक्टर की देख रेख मे रहेगा।

बता दे कि आंदोलनकारी स्व. दामोदर प्रसाद महतो ने ऐसा क्या छाप छोड़ गए जो विधानसभा मे पहचान का कोई मोहताज नहीं है। उनके प्रति आज भी क्षेत्र के रहिवासियों में दीवानगी भरी है।

आंदोलनकारी स्व. महतो के समर्थक सह आजसू पार्टी के डुमरी प्रखंड अध्यक्ष मिश्रीलाल महतो, उपाध्यक्ष जागरनाथ महतो ने 23 अगस्त को प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा कि डुमरी विधानसभा के पीछे एक ऐसी नारी शक्ति, युवा महिला स्व. महतो ने अपनी धर्म पत्नी यशोदा देवी को छोड़ गये है जो विधानसभा क्षेत्र की सुख दुःख को बटोर कर चलने वाली विधवा महिला है।

यशोदा देवी क्षेत्र में एक विधवा होकर भी क्षेत्र में बहु/बेटी बनके दिन रात करके एक दूसरे के सुख दुःख में पिछले 30 वर्षो से सेवा कर रही है। वह महिला इतनी संघर्षशील है कि किसी को दुःख में देखने के बाद कभी चैन से नही सोती है। विधवा महिला सह आंदोलनकारी की पत्नी यशोदा देवी का कहना है कि चाहे जिस रूप से हो पति के परछाई में चलने का उनका प्रयास जारी है।

उनके बताये मार्ग पर अंतिम सांस तक चलुंगी, चाहे इसके लिए मेरे को क्यु ना कुछ करना पड़े। हम अपने क्षेत्र के प्रति जान देने के लिए तैयार है। सभी के साथ 24 घंटा तत्पर है। कहा कि यशोदा देवी को क्षेत्र के पीड़ित, दबे कुचले आमजनों के फोन का इंतज़ार रहता है।

इस संबंध में यशोदा देवी कहती है कि आप सभी से हाथ जोड़ के विनम्र अपील करती हूँ कि मुझे अपने आंदोलनकारी पति स्व० दामोदर महतो को एक बार सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित करने का मौका दे। इसके लिए मैं आप सभी को साथ जन्मो तक आभारी बनी रहूँगी।

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