प्रेमचंद रंगशाला में मनेजर साहब स्मृति नाट्य मोहत्सव का आयोजन

संभ्रांत वैश्य नाटक के साथ तीन दिवसीय नाट्य महोत्सव का आगाज़

एस. पी. सक्सेना/पटना (बिहार)। बिहार की राजधानी पटना के प्रेमचंद रंगशाला में 12 मार्च को तीन दिवसीय मनेजर साहब की स्मृति नाट्य मोहत्सव का उद्घाटन किया गया। महोत्सव का विधिवत उद्घाटन अतिथि द्वारा किया गया।

जानकारी के अनुसार इस अवसर पर प्रेमचंद रंगशाला के बाह्य मंच पर रंग संगीत की प्रस्तुति और मुख्य मंच पर शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक संभ्रांत वैश्य का मंचन किया गया। समारोह में बिहार सरकार के मंत्री प्रेम कुमार मुख्य रूप से उपस्थित थे। उक्त जानकारी कलाकार साझा संघ के सचिव मनीष महीवाल ने दी।

कहते हैं कि नाटक समाज का आईना होता है। इस आईने में जब भी मौक़ा मिले हमे ख़ुद को देखना चाहिए। महीवाल के अनुसार इसी उद्देश्य को पूरा करने के लिए दी आर्ट मेकर रंगमंडल परिवार इस साल भी बेहतरीन नाट्य प्रस्तुतियों के साथ राष्ट्रीय नाट्य महोत्सव का आगाज़ किया है।

महीवाल ने बताया कि ज्यों पॉल सार्त्र द्वारा लिखित और शरद शर्मा द्वारा निर्देशित नाटक संभ्रांत वैश्य के माध्यम से न केवल गोरो (अंग्रेजो) की धूर्तता के शिकार एक हब्शी की पीड़ा को व्यक्त किया गया है, बल्कि इसके माध्यम से नस्लभेदी व्यवस्था पर गहरी चोट की गयी है। अभिनव रंगमंडल, उज्जैन मध्य प्रदेश के अभिनेताओं के अद्भुत प्रस्तुति ने दर्शकों का मन मोह लिया।

महीवाल ने बताया कि प्रस्तुत नाटक में दर्शाया गया है कि समाज का ऊंचा तबका अच्छे-बुरे, सही-गलत का निर्णय मानवीय विवेक के आधार पर लेने के बजाय जाति, नस्ल, भाषा, धर्म आदि के पूर्वाग्रहों से ग्रस्त होकर लेता है। ऐसे में हर बार समाज का निचला तबका ऊपरी तबके की चालाकियों की मार झेलने पर मजबूर होता है। कहा कि यह नाटक भारतीय समाज में व्याप्त विसंगतियों पर भी गहरी चोट करता है, क्योंकि हमारे समाज की राजनीति भी इन्हीं सारे भेदों को रेखांकित करती है।

प्रस्तुत नाटक संभ्रांत वैश्य में लिज़्ज़ी का किरदार कामना भट्ट, फ्रेद का किरदार भूषण जैन के अलावा हब्शी अंकित दास, ज्यां सचिन वर्मा, जेम्स रूबल शर्मा, सीनेटर जगरूप सिंह चौहान, आम आदमी शैशव भटनागर, अनिरुद्ध शर्मा, आम महिला का किरदार मोनिका शर्मा तथा यास्मीन सिद्दीकी ने बखूबी निभाया है।

जबकि मंच से परे मंच प्रबंधक अजय गोस्वामी, मंच आकल्पक विशाल मेहता, वेशभूषा सुधा शर्मा, कामना भट्ट, विशाल मेहता, बहादुर, मंच निर्माण भूषण जैन तथा संगीत संचालन संभव करकरे के है।

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