चचरी पुलों की नगरी में माले टीम का भ्रमण

जल्द नाव उपलब्ध कराएं प्रशासन- सुरेन्द्र

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। चचरी पुलों की नगरी के नाम से मशहूर समस्तीपुर जिला (Samastipur district) मुख्यालय से सटे शहर के विवेक- विहार मुहल्ला का एकदिनी भ्रमण किया। इस दौरान भाकपा माले की टीम ने जिला स्थाई समिति सदस्य सुरेन्द्र प्रसाद सिंह (Surendra Prasad singh) के नेतृत्व में एकदिनी भ्रमण कर जल प्रभावित लोगों की समस्या जानने की कोशिश की।

बताते चलें कि समस्तीपुर जिला के उक्त मुहल्ले में छोटे- बड़े करीब दर्जन भर चचरी है, जो जल प्लावित परिवारों के लिए आक्सीजन जैसा कार्य कर रहा है। सभी पुल आपस में चंदे ईकट्ठे कर बनाये गये हैं।

इसी से होकर अखबार, दूध, खाद्य पदार्थ आदि आवश्यक सामग्री जरूरतमंदों तक पहुँचाया जाता है। यह बात दीगर है कि कई जगह घरों में अत्यधिक पानी प्रवेश हो जाने के कारण चचरी भी बनाना असंभव- सा हो गया है। मुहल्ला के सुदूर दक्षिण रामउदगार दास वगैरह, पश्चिम दीवाकर मिश्र वगैरह अपने- अपने घरों को छोड़ अन्यत्र किराये के मकान में चले गये हैं।

चचरी पुल नं०-1 शहर के विवेक- विहार मुहल्ला के मूहाने पर संत पाल स्कूल से प्रसाद झा के घर होते हुए दक्षिण की ओर दर्जन भर परिवार का लाईफलाईन बना हुआ है।

पुल नं०-2 रिटायर्ड बैंक प्रबंधक प्रवीण कुमार के घर से रिटायर्ड शिक्षक सुरेंद्र राय एवं रिटायर्ड सहकारिता बैंक प्रबंधक भागवत सदा वगैरह के घर तक।

पुल नं०-3 विजय कुमार गुप्ता के घर से शिक्षक राजकुमार पोद्दार के घर कमर तक पानी से बचने को बनाया गया चचरी पुल।

पुल नं०-4 पैथोलाजिस्ट सुभाषचंद्र मिश्र के घर से विशेश्वर प्रसाद सिंह के घर तक।

पुल नं०-5 मंडल के घर से सुदर्शन पाठक के घर तक बनाया गया बांस का चचरी पुल।
इसके अलावे भी कई बांस की बनी चचरी पुल है, जो बाढ़ पीड़ित परिवारों के लिए लाईफलाईन बना हुआ है। हलांकि ये पुल खतरनाक भी है। कई रहिवासी अबतक इस चचरी पुल पर से भी फिसल कर पानी में गिर चुके हैं।

इस संबंध में भाकपा माले नेता सुरेन्द्र ने 4 जुलाई को बताया कि ग्रामीणों के अनुसार पहले मुहल्ले में पीड़ित परिवार को वर्षा काल में आवागमन के लिए छोटे नाव (डेंगी) जिला प्रशासन द्वारा दिया जाता था। वर्तमान सरकार मांगने के बाबजूद भी नाव उपलब्ध नहीं करा पाई है।

मुहल्ले के नीलम देवी ने बताया कि मुहल्ला के पूरब समस्तीपुर- मुसरीघरारी मुख्य मार्ग पर चांदना पेट्रोल पंप के बगल में सड़क के नीचे बड़ा – सा पुल है जो बंद पड़ा है। अगर प्रशासन इसे चालू करा दें तो आधी समस्तीपुर मसलन आदर्शनगर, विवेक-विहार, सोनवर्षा, काशीपुर, आरएनएआर कॉलेज आदि मुहल्ला जलमुक्त हो जाएगा।

ऐपवा नेत्री बंदना सिंह ने इन समस्याओं के लिए सरकार को जिम्मेवार मानते हुए सरकार के पास कोई ठोस आवास नीति का न होना बताया है। उन्होंने कहा कि सरकार पहले निर्माणाधीन मुहल्ला में बुनियादी सुविधा मसलन सड़क, बिजली, नाला, कुड़ेदान, ट्रांसफार्मर आदि उपलब्ध कराए, फिर अनुमति लेकर मकान बनाने की स्वीकृति “आल इन वन” काउंटर से दें तो ऐसे परेशानी से बचा जा सकता है।

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