फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम को बनाएं सफल, नहीं हो कोई चूक-डीडीसी

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम के तहत जिला स्वास्थ्य समिति द्वारा 4 मार्च को मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एमडीए) कार्यक्रम के सफल कार्यान्वयन हेतु उप विकास आयुक्त (डीडीसी) कीर्तीश्री की अध्यक्षता में जिला स्तरीय समन्वय समिति (डीसीसी) की दूसरी बैठक अपने कार्यालय कक्ष में की गई। बैठक में विभिन्न विभागों के वरीय पदाधिकारी, आदि।

चिकित्सा पदाधिकारी (एमओआइसी) एवं गूगल मीट के माध्यम से सभी प्रखंडों के प्रखंड विकास पदाधिकारी, प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी, बाल विकास कार्यक्रम पदाधिकारी (सीडीपीओ), जेएसएलपीएस/ बीपीएम आदि उपस्थित थे।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद एवं जिला वीवीडी पदाधिकारी डॉ रेणु भारती ने क्रमवार जिला एवं प्रखंडों में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की तैयारियों से अवगत कराया। इस क्रम में कुछ तैयारी अधूरी पाई गई।

उसे उप विकास आयुक्त ने आपस में समन्वय कर सभी जरूरी तैयारियों को पूर्ण करने का निर्देश दिया। साथ हीं कहा कि कार्यक्रम के संचालन में किसी तरह की कोई चूक नहीं होनी चाहिए। सभी तैयारियों को एक बार दोबारा चेक कर लें। हमें लक्ष्य के अनुरूप बोकारो को फलेरिया मुक्त बनाना है।

बैठक में उप विकास आयुक्त कीर्तीश्री ने मास ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन अभियान पूर्ण होने के बाद बेहतर प्रदर्शन करने वाले प्रखंड, सीडीपीओ, बीईईओ एवं स्वयं सहायता समूह को चिन्हित करने को कहा। उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया जाएगा।

उन्होंने वैक्सीनेटरों को यह निर्देशित करने को कहा कि वे घर-घर जाकर दवा खिलाने के क्रम में महिला/पुरूष सभी को अपने सामने डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक खिलाएं।

उन्होंने कहा कि अक्सर देखा जाता है कि परिवार के सदस्यों की संख्या अनुरूप दवा वैक्सीनेटरों द्वारा परिवार के किसी एक सदस्य को दे दिया जाता है। जिसका सेवन बाद में परिवार के सदस्य नहीं करते है। जिससे बीमारी बनी की बनी रहती है। इसलिए वैक्सीनेटर अपने सामने की आहर्ता रखने वाले आयु वर्ग को दवा खिलाएं।

समीक्षा क्रम में उप विकास आयुक्त ने प्रखंडों से गूगल मीट के माध्यम से जुड़े प्रखंड विकास पदाधिकारियों से की गई तैयारी के संबंध में विस्तार से चर्चा की। उन्होंने माइनिंग क्षेत्र/मनरेगा साइट/बियाडा आदि में काम कर रहे कर्मियों को दवा खिलाने को लेकर भी संबंधित अधिकारियों को जरूरी निर्देश दिया।

मौके पर सिविल सर्जन डॉ अभय भूषण प्रसाद ने बताया कि 24 लाख 17 हजार 440 के लक्ष्य की प्राप्ति के लिए पर्याप्त संख्या में बूथ बनाएं गए है। जिसमें जिले के तीन अनुमंडलीय अस्पताल, आठ सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, 116 स्वास्थ्य उपकेंद्र एवं 704 ग्राम/टोला की बूथ शामिल है।

सभी स्तर पर चिकित्सा पदाधिकारियों, चिकित्सक कर्मियों, आंगनबाड़ी सेविका, सहिया, पारा मेडिकल, एनजीओ को प्रशिक्षण दिया जा चूका है। उप विकास आयुक्त ने सरकारी व निजी विद्यालयों में भी बूथ बनाने को कहा।

बैठक में उपस्थित डब्ल्यूएचओ के डॉ. अभिषेक पाल ने दवा खिलाने के समय बरती जाने वाली सावधानियों के संबंध में भी विस्तार से बताया, जो निम्न है। एक साल से कम उम्र के बच्चे, गर्भवती महिलाएं एवं गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की खुराक नहीं देनी है। एक साल से दो साल के बच्चे को डीईसी की खुराक नहीं देनी, केवल एल्बेंडाजोल की आधी गोली पानी में घोलकर देना है।

दो साल से पांच साल तक के बच्चे को डीईसी एवं एल्बेंडाजोल की 1-1 गोली की खुराक देनी है। छः से 14 साल तक के लोगों को डीईसी की दो गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली की खुराक देनी है। 15 साल से अधिक उम्र के लोगो को डीईसी की तीन गोली एवं एल्बेंडाजोल की एक गोली की खुराक देनी है।

साथ हीं फाइलेरिया के बारे में सामान्य जानकारी दें। उम्र के अनुसार दवा की सही खुराक का प्रयोग करें। भोजन के उपरांत ही दवा का सेवन करें। परिवार के सभी सदस्य दवा का सेवन करें एवं अन्य व्यक्तियों को दवा लेने के लिए प्रेरित करें। दवा खाने के उपरांत होने वाले प्रतिकूल प्रभाव की जानकारी लेने एवं देने का प्रयास करें। गंदे जमे पानी को बहाने के लिए प्रेरित करें।

जबकि एक वर्ष से कम उम्र के बच्चों को दवा का सेवन नहीं कराएं। गर्भवती महिलाएं को फैलेरिया की दवा न दें। किसी भी स्थिति में खाली पेट या दवा सेवन ना करें।

गंभीर रूप से बीमार व्यक्ति को यह दवा नहीं दी जानी चाहिए। फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम की शुरुआत 7 से 12 मार्च तक जिले में चलाया जाएगा। जिसके तहत आगामी 7 मार्च को बूथ पर एवं 8 मार्च से 12 मार्च तक घर-घर घूमकर सभी को डीईसी एवं अल्बेंडाजोल की दवाई खिलाई जाएगी।

सिविल सर्जन ने बताया कि दवा वितरण के लिए सभी तैयारियां पूर्ण कर ली गयी है। उन्होंने कहा कि प्रचार-प्रसार हेतु जिला एवं प्रखंड स्तर पर माइकिंग कराया जा रहा है। जागरूकता को लेकर छह मार्च को प्रभात फेरी भी निकाली जाएगी।

बैठक के दौरान एसीएमओ डॉ एच के मिश्रा, डॉ एन पी सिंह, डॉ सेलिना, डॉ संजय कुमार, डॉ बीपी गुप्ता, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी वीणा कुमारी, जिला पंचायती राज पदाधिकारी राजशेखर, जिला शिक्षा अधीक्षक रेणुका तिग्गा,आदि।

जिला जनसंपर्क पदाधिकारी राहुल कुमार भारती, जिला आपूर्ति पदाधिकारी प्रकाश कुमार, जेएसएलपीएस से अनिता केरकेट्टा, सहायक जनसंपर्क पदाधिकारी अविनाश कुमार, डीपीएम प्रदीप कुमार, डाटा प्रबंधक कंचन कुमारी, पीसीआइ/केयर के प्रतिनिधि आदि उपस्थित थे।

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