नौकरी बचाने को छात्रों के बंद को महागठबंधन ने दिया समर्थन

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। रेलवे के ग्रुप डी (Railway Group D), सीबीटी-2 परीक्षा का फरमान वापस लेने, एनटीपीसी (NTPC) का 20 गुणा रिजल्ट (Result) जारी करने, रेलवे भर्ती का कैलेंडर बहाल करने, रेलवे को बेचना बंद करने, गिरफ्तार सभी छात्रों को रिहा करने आदि की मांग को लेकर छात्र- युवा संगठन आइसा, इनौस, एसएफआई, आदि।

डीवाईएफआई, एआईएसएफ, एआईवाईएफ, छात्र-युवा राजद, एनएसयूआई आदि संगठनों ने 28 जनवरी को बिहार बंद का आह्वान किया। आह्वान के मद्देनजर छात्र संगठनों ने सुबह 7 बजे से ही बंदी जुलूस निकालकर शहर के ओभर ब्रीज चौराहा को जाम कर दिया गया। मौके पर अनहोनी से निपटने को बड़ी संख्या में पुलिस बल तैनात रही। इस जाम से सड़क के दोनों ओर वाहनों का तांता लग गया।

मौके पर उपस्थित (Present) आन्दोलनकारी गगनभेदी नारे लगते रहे। बीच- बीच में इमरजेंसी सेवा मसलन ऐंबुलेंस, परीक्षार्थी की गाड़ी, दूध गाड़ी आदि को कार्यकर्ताओं द्वारा निकलवाते देखे गये। दोपहर लगभग 12 बजे से छात्र संगठनों ने सर्वदलीय सभा की शुरूआत की। अध्यक्षता सभी छात्र संगठनों के जिलाध्यक्षों ने संयुक्त रूप से की। संचालन आइसा जिला सचिव सुनील कुमार ने की।

महागठबंधन के घटक दल माकपा, भाकपा, राजद, भाकपा माले, कांग्रेस समेत जनाधिकार पार्टी के कार्यकर्ताओं ने जाम स्थल पर जाकर छात्र- युवा आंदोलन को समर्थन दिया तथा सभा को संबोधित भी किया। माकपा के मनोज गुप्ता, सत्यनारायण सिंह, रधुनाथ राय, रामसागर पासवान, भाकपा के जिला सचिव सुरेन्द्र कुमार मुन्ना, आदि।

कांग्रेस के भोजन राय, अख्लाकुर रहमान सिद्धीकी, राजद के जितेंद्र सिंह चंदेल, ललन यादव, जनाधिकार पार्टी के मनीष यादव, भाकपा माले के प्रोफेसर उमेश कुमार, जीबछ पासवान, उपेंद्र राय, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, रामचंद्र पासवान, ललन कुमार, दिनेश कुमार, फूल बाबू सिंह, मिथिलेश कुमार, अशोक राय, मनोज राय, आदि।

बंदना सिंह (Bandna Singh), मो. सदीक, मो. कम्मू आदि ने आंदोलन को समर्थन देते हुए सभा को संबोधित किया। वक्ताओं ने कहा कि छात्रों का आंदोलन जायज है। हमलोग छात्र आंदोलन के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं और रहेंगे।

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