साफ सुथरा छवि के कारण वकील रंजन मिश्रा कामयाबी के मुकाम पर

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। अपनी साफ सुथरा छवि के कारण बोकारो विधिक न्यायालय के स्वतंत्र अधिवक्ता (वकील) रंजन मिश्रा पूरे बोकारो जिला (Bokaro district) में जाने जाते हैं। जीवन में कई उतार चढ़ाव के बाद मिश्रा सफलता की नयी इबारत लिखने में जी-जान से जुटे हैं। आइए जानते हैं वकील रंजन मिश्रा की मुंह जबानी उनकी कहानी।

रंजन मिश्रा वर्ष 1999 में लॉ कॉलेज गोरखपुर यूनिवर्सिटी से लॉ करने के बाद 1 साल का ट्रेनिंग बोकारो जिला के हद में तेनुघाट कोर्ट में अपने सीनियर अधिवक्ता एसएन डे के साथ रहकर लिए। तभी सरकारी परीक्षा की भी तैयारी कर रहे थे।

कई जगह मेंस निकाल भी चुके थे, जिनमें उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में मेंस पास की पर कहीं फाइनल नहीं निकल पाया। उन्होंने सन 2003 से बोकारो जिला न्यायालय में वकालत करना प्रारंभ किया। अपने गुरु एसएन डे के साथ रहकर वकालत का पूरा काम सीखे।

वर्तमान झारखंड के शिक्षा मंत्री जगन्नाथ महतो के अनुज गणेश महतो हत्याकांड में रंजन मिश्रा को बहुत कुछ सीखने को मिला। यहीं से अपने कैरियर की जोरदार तरीके से शुरुआत की। रंजन मिश्रा का कहना है कि अब तक वकालत में उनके 19 वर्ष हो चुके हैं। इस दौरान करीब 500 से अधिक केस अब तक देखा।

ज्यादातर केस में उनकी जीत होती है। नहीं के बराबर ही वे केस हारते हैं। भारतीय दंड विधान की धारा 498 ए में ज्यादातर समझौता करवाया। बोकारो के चर्चित केस अमित मांझी हत्याकांड में कथित शूटर हरे राम शर्मा की रिहाई करवाया था। उनके लिए यह अब तक की सबसे बड़ी उपलब्धि रहा है।

वकील रंजन मिश्रा बताते हैं कि वकालत अब पुरी तरह से उनकी रुचि बन गया है। अब वकालत में बहुत अच्छा लगता है। इनका कहना है कि किसी केस में अगर कोई व्यक्ति निर्दोष है तो मैं दिलों जान लगाकर उस केस में जीत दिलवाता हूं।

उनके अनुसार सीआरपीसी की धारा 125 (भरण पोषण) में मैं अपने स्तर से लोगों को पैसा भी देता हूं। बताते चलें कि साफ-सुथरी छवि के कारण वकील रंजन मिश्रा पूरे बोकारो जिला में जाने जाते हैं। वे बोकारो न्यायालय में वकीलों में अपनी एक अलग पहचान रखते हैं। वकील मिश्रा बताते हैं कि मेरे पिता नागेंद्र कुमार मिश्रा बिस्टुपुर थाना जमशेदपुर में पुलिस इंस्पेक्टर के पद से रिटायर हैं। भाई में इकलौता संतान है।

एक बहन है। मैं अपने क्लाइंट के साथ चीटिंग करना नहीं जानता हूं ना ही मैं गरीब लोगों से जबरदस्ती पैसा लेता हूं। इस कारण ही मेरी स्वच्छ छवि पूरे बोकारो जिला में बना हुआ है। इनका कहना है कि अगर किसी भी केस में मुझे लगता है कि मेरी जीत नहीं है तो मैं अपने गुरु वकील एसएन डे से सहयोग लेता हूं।

उनके मार्गदर्शन में ही चलता हूं। मिश्रा बोकारो बार एसोसिएशन के सक्रिय सदस्य भी हैं। साथ ही साथ डीएलएसए के पैनल वकील है। इसके अलावा ओएनजीसी, चोला मंडलम, एलएनटी जैसे नामचीन कंपनियों का लीगल एडवाइजर हैं। इनका कहना है कि जीत ही मेरी पहचान है। निर्दोष को बचाना मेरी तमन्ना है और मैं दिलो जान से निर्दोष लोगों को बचाता हूं।

वकील रंजन मिश्रा को डीएलएसए में सराहनीय कार्य करने हेतु सम्मानित भी किया जा चुका है। आज के तारीख में पूरे बोकारो जिला में वकीलों में रंजन मिश्रा अच्छे अनुभवी वकील जाने जाते हैं।

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