जयंत पाटिल ने किया ऑक्सीजन प्लांट का उदघाटन

प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। कोरोना की तीसरी लहर ने दस्तक देना शुरू कर दिया है। इससे देश और दुनिया का हर तबका खौफजदा है। मौजूदा समय में इसकी रोक -थाम के लिए हर संभव प्रयास जारी है। हालांकि स्वास्थ्य देखभाल प्रणाली के बढ़ते बोझ को कम करने और मरीजों को अच्छी सेवा प्रदान करने के लिए गोरेगांव पश्चिम स्थित श्री साई क्लिनिक (Shree Sai Clinic) और पार्वतीबाई शंकरराव चव्हाण अस्पताल ने पीएसए ऑक्सीजन उत्पादन प्लांट का उदघाटन मंत्री जयंत पाटिल ने किया।

इस मौके पर विधायक कपिल पाटिल, कांग्रेस प्रवक्ता सचिन सावंत, सचिन चव्हाण, युवराज मोहिते, समीर देसाई आदि गणमान्य मौजूद थे। जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल ​ने कोविडकाल में मरीजों को वैद्यकीय सेवा देने वाले डॉक्टरों व नर्सों को सम्मानित किया।

गौरतलब है कि कोविड -19 की दूसरी लहर के दौरान मरीजों की बढ़ती संख्या के कारण ऑक्सीजन बेड कम पड़ रहे थे। इसके लिए मरीजों के परिजनों को काफी संघर्ष करना पड़ता था। लेकिन हाल के दिनों में कोविड-19 के मरीजों का ग्राफ काफी गिरा है।

इसके बाद भी अस्पताल द्वारा कोविड- 19 एंटीबॉडी परीक्षण, आईजीजी, आईजीएम सहित और कई विशिष्ठ वैद्यकीय जांच कराने के लिए अपनी पैथोलॉजी सेवाओं को अपग्रेड किया है। ताकि जांच रिपोर्ट को 2 से 4 घंटों में अलग – अलग किया जा सके।

बताया जाता है की पीएसए ऑक्सीजनेटर एक मशीन है जो नाइट्रोजन, कार्बन डाइऑक्साइड और अन्य अशुद्धियों के निस्पंदन की प्रकिया द्वारा वायुमंडलीय हवा से ऑक्सीजन निकालती है। फिर ऑक्सीजन को एक टैंक में स्थानांतरित किया जाता है।

इसके बाद इसे अस्पताल के गैस मैनिफोल्ड और ऑक्सीजन पाइपलाइन में पंप किया जाता है। बता दें की इस प्लांट से प्रति मिनट 180 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन होगा। इसकी प्यूरिटी 93 से 97 प्रतिशत होगी।

श्री सार्ईं क्लिनिक और पार्वतीबाई शंकरराव चव्हाण अस्पताल (Parvatibai Shankarrao Chavan Hospital) के संस्थापक निदेशक डॉ. सुनील चव्हाण ने कहा, मरीजों को गुणवत्तापूर्ण सुविधा मुहैया करने के लिए हमारा 30 बिस्तरों वाला अस्पताल है। इसका हमें गर्व है। कोविड -19 के दौरान ऑक्सीजन के महत्व से सभी अवगत हैं। इसलिए हमने मरीजों को उनकी जरूरत के मुताबिक ऑक्सीजन बेड की सुविधा उपलब्ध कराने के लिए प्लांट भी स्थापित किया है। ताकि मरीजों को समय पर ऑक्सीजन मुहैया कराई जा सके।

फिलहाल अस्पताल में 30 बेड हैं, इनमें से पांच आईसीयू बेड हैं। कोविड की दूसरी लहर में हम कोशिश कर रहे हैं कि ऑक्सीजन बेड समय पर उपलब्ध हो जाएं ताकि मरीजों को आईसीयू बेड लेने के लिए परेशान न होना पड़े। इसके अलावा, आवश्यक परीक्षण के लिए पैथोलॉजी लैब को भी अपग्रेड किया गया है।

इस अवसर पर जल संसाधन मंत्री जयंत पाटिल (Jayant Patil) ने कहा कि, सांस की समस्या से जूझ रहे मरीजों के लिए यह ऑक्सीजन प्लांट वरदान साबित होगा। इस प्लांट के लगने से मरीजों को दूसरे अस्पताल में आईसीयू बेड लेने के लिए संघर्ष नहीं करना पड़ेगा, साथ ही समय पर इलाज कर उन्हें नई जिंदगी दी जा सकेगी। मैं श्री सार्ईं क्लिनिक और पार्वतीबाई शंकरराव चव्हाण अस्पताल के प्रयासों के लिए बधाई देता हुं।

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