संत शिरोमणि गुरु घासीदास भवन एवं जैतखाम का उद्घघाटन संपन्न

गुरु घासीदास बाबा का जीवन-दर्शन युगों तक देता रहेगा मानवता का संदेश – राकेश

प्रहरी संवाददाता/फुसरो (बोकारो)। फुसरो नगर परिषद के हद में 20 अक्टूबर को शारदा कालोनी में संत शिरोमणि गुरु घासीदास बाबा भवन एवं जैतखाम का भव्य उद्घघाटन विधिवत पूजा अर्चना के साथ संपन्न हुआ। आयोजित समारोह में फुसरो नगर परिषद अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह (Rakesh Kumar Singh) मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए।

इस दौरान नप अध्यक्ष सिंह ने कहा कि बाबाजी का जन्म ऐसे समय हुआ जब समाज में छुआ-छूत, ऊंच-नीच, झूठ-कपट का बोलबाला था। ऐसे समय में उन्होंने समाज को एकता, भाईचारे तथा समरसता का संदेश दिया।

नप उपाध्यक्ष छेदी नोनिया और सीपीआई नेता सुजीत घोष (CPI Leader Sujeet Ghosh), सीटू नेता मनोज पासवान ने कहा कि बाबा गुरु घासीदास ने समाज के लोगों को प्रेम और मानवता का संदेश दिया। संत गुरु घासीदास की शिक्षा आज भी प्रासंगिक है। बाबा ने समाज के लोगों को सात्विक जीवन जीने की प्रेरणा दी।

उन्होंने न सिर्फ सत्य की आराधना की, बल्कि समाज में नई जागृति पैदा की और अपनी तपस्या से प्राप्त ज्ञान और शक्ति का उपयोग मानवता की सेवा कार्य में किया। इसी प्रभाव के चलते लाखों लोग गुरु घासीदास बाबा के अनुयायी हो गए।

समारोह का संचालन करते हुए भोला भारती ने कहा कि गुरु घासीदास ने समाज में व्याप्त कुप्रथाओं का बचपन से ही विरोध किया। उन्होंने समाज में व्याप्त छुआ-छूत की भावना के विरुद्घ ‘मनखे-मनखे एक समान’ का संदेश दिया।

गुरु घासीदास बाबा का जीवन-दर्शन युगों तक मानवता का संदेश देता रहेगा। वे आधुनिक युग के सशक्त क्रांतिदर्शी गुरु थे। इनका व्यक्तित्व ऐसा प्रकाश स्तंभ है, जिसमें सत्य, अहिंसा, करुणा तथा जीवन का ध्येय उदत्त रुप से प्रकट है। बाबा के बताए मार्ग पर चलने वाला व्यक्ति ही अपने जीवन में अपना तथा अपने परिवार को आगे बढ़ा पाएगा।

घासीदास बाबा ने कहा था कि हमें नशा-पान का सेवन नहीं करना चाहिए। सदा सादा जीवन जीना चाहिए। हम सभी को बाबा जी के बताए मार्ग पर चल कर अपने जीवन को सफल बनाना है। यहां जयप्रकाश चौहान की टीम ने भजन प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया।

इस अवसर पर सीटू नेता विजय कुमार भोई, वार्ड पार्षद अजय जयसवाल, समाजसेवी राजू दिगार, साधु बाउरी, भोला दिगार, दूधनाथ साहू, मोहन लाल सतनामी, मोहनलाल बीपी, श्याम नारायण सतनामी, राजकिशोर सतनामी, प्रह्लाद राम निखिल, राजकिशोर सतनामी सहित समाज के काफी तादाद में पदाधिकारी उपस्थित थे।

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