दूषित जलापुर्ति से सैकड़ो रहिवासी परेशान

शिकायतों के बाद भी अबतक सुधार नहीं

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। बोकारो जिला (Bokaro District) के हद में सीसीएल (CCL) कथारा क्षेत्र के विभिन्न कोलोनियों में कंपनी (Company) द्वारा आपूर्ति किये जा रहे प्रदूषित जल के इस्तेमाल से आयेदिन दर्जनों की संख्या में रहिवासी बिमार हो रहे हैं।

रहिवासियों द्वारा कई बार शिकायतों तथा जिला प्रशासन के हस्तक्षेप के बाद भी इसमें अबतक किसी प्रकार का सुधार देखने को नहीं मिला है।

जबकि कंपनी स्तर पर जल को शुद्ध करने के लिए प्रतिमाह लाखो के खर्च के बावजूद स्थानीय अधिकारियों व् कर्मचारियों की लापरवाही के कारण श्रमिक कोलोनियों एवं प्रभावित ग्रामीण क्षेत्रों में बिना शुद्ध किये ही जलापूर्ति किया जा रहा है। जिसके कारण रहिवासी डायरिया व् पेट संबंधी अन्य बिमारियों के शिकार हो रहे हैं।

जानकारी के अनुसार सीसीएल कथारा क्षेत्र के गायत्री कॉलोनी, स्टाफ कॉलोनी, ऑफिस कॉलोनी, कथारा एक नंबर, दो नंबर, तीन नंबर, चार नंबर, हॉस्पीटल कॉलोनी, आईबीएम, बांध कॉलोनी, रेलवे कॉलोनी, सीएंडडी, एमआरएस कॉलोनी, सीपीपी कॉलोनी, हजारी मोड़ टाइप टू, टाइप थ्री, बी टाइप कॉलोनी, पिपराडीह कॉलोनी, न्यू माइनस, ओल्ड माइनस, आदि।

महावीर स्थान आदि कॉलोनियों के अलावा बोड़िया वस्ती, भुड़कुड़वा, भलटोंगरिया, कथारा वस्ती, चौधरी टोला, बांध वस्ती, पटवा वस्ती, हजारी वस्ती, गन्जूडीह आदि ग्रामीण क्षेत्रों में सीसीएल द्वारा दूषित जल की आपूर्ति की जाती है।

इस संबंध में कथारा क्षेत्रीय अस्पताल के उप मुख्य चिकित्सा पदाधिकारी डॉ बी के झा उपस्थित पत्रकारों को बताया कि उक्त दूषित जल बोकारो तथा कोनार नदी से फिल्टर हाउस सप्लाई किया जाता है, जिसमें फ्लोराइड और आर्सेनिक की मात्रा अधिक होने से आंत संबंधी बिमारी के अलावा डायरिया, आदि।

पीलिया, टाइफायड, मलेरिया, गैस्ट्रिक आदि बिमारियों का प्रकोप बढ़ गया है। उन्होंने बताया कि कथारा अस्पताल में प्रतिदिन डायरिया के तीन से चार मरीज आते हैं। इसके अलावा पेट संबंधी अन्य बिमारियों के दर्जनों मरीज प्रतिदिन यहां इलाज करा रहे हैं।

डॉ झा ने बताया कि उक्त जल की शुद्धता के लिए प्रयुक्त सोर्स का सही ढंग से उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिसमें ब्लिचींग पाउडर, फिटकरी का समुचित उपयोग के अलावे फिल्टर टंकी की समय-समय पर सफाई करना शामिल है।

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