नहीं रहे मानवाधिकार कार्यकर्ता तनवीर अख्तर, क्षेत्र में शोक की लहर

माले ने दी मरहूम को श्रद्धांजलि

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। चर्चित मानवाधिकार कार्यकर्ता एवं समस्तीपुर जिला के हद में धरमपुर निवासी 50 वर्षीय तनवीर अख्तर की एक सितंबर को तड़के निधन हो गया।

उनके असामयिक निधन से क्षेत्र में गहरी शोक की लहर दौड़ गई। मृत्यु की खबर सुनकर रेल गुमटी से पहले बांध किनारे स्थित उनके आवास पर शोक- श्रद्धांजलि देने वालों का तांता लग गया।

इस अवसर पर भाकपा माले नेता कॉ सुरेंद्र प्रसाद सिंह, मो. सगीर आदि ने मृतक के आवास पर पहुँचकर परिजनों को सांत्वना देते हुए मृत आत्मा के प्रति श्रद्धांजलि व्यक्त किया। माले नेता सुरेन्द्र ने बताया के मरहूम तनवीर मानवाधिकार कार्यकर्ता के अलावे शेरों- शायरी में रूची रखते थे।

हिंदी के साथ उर्दू पर भी उनकी अच्छी पकड़ थी। वे संपन्न होते हुए भी आम आदमी की जिंदगी जीते थे। सबको सम्मान देने वाले तनवीर भाई के साथ लगातार करीब तीन महीने समस्तीपुर एनआरसी आंदोलन में साथ रहने वाले माले नेता सुरेन्द्र ने बताया कि जब लोग आराम से अपने घरों में सोते थे, तो आंदोलन स्थल पर शेरों- शायरी, कविता पाठ के बाद वे मच्छर कटवाते हुए आंदोलन स्थल पर ही सो जाते थे।

उन्होंने बताया कि आंदोलनकारियों के प्रति उनका अथाह प्रेम देखते ही बनता था। वे जनमुद्दे पर जारी आंदोलन में शरीक भी होते थे। माले नेता ने उनकी मृत्यु को अपूरणीय क्षति बताते हुए कहा कि उनके सपनों को हम जैसे आंदोलनकारी पूरा करने का संकल्प लेते हैं।

मौके पर खालीद अनवर, पप्पू खान, मो. रूबैद, शाहनवाज असगर, इंसाफ मंच के डॉ खुर्शीद खैर, ऐपवा के समस्तीपुर जिलाध्यक्ष बंदना सिंह आदि ने मृतक के प्रति शोक व्यक्त किया। मृतक के भाई नौशाद अख्तर ने बताया कि उनके पुत्र के लौटते ही धरमपुर बांध किनारे स्थित कब्रिस्तान में सुपुर्द-ऐ-खाक कर दिया जाएगा।

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