सरकार को कोर्ट फीस वृद्धि आदेश वापस लेना होगा-गिरि

प्रहरी संवाददाता/कसमार (बोकारो)। बोकारो न्यायलय समेत झारखंड के सभी 32 हजार अधिवक्ता 6 जनवरी को कोर्ट फीस बढ़ोतरी वापस लेने तथा अधिवक्ता सुरक्षा कानून लागू करने की मांग को लेकर कोर्ट का पूर्ण रूप से बहिष्कार किया।

ज्ञात हो कि, झारखंड बार काउंसिल के आह्वान पर झारखंड के सभी अधिवक्ता 6 जनवरी से न्यायिक कार्यों से अपने आप को अलग रखा। राज्य के वकील किसी भी न्यायालय में न्यायिक कार्य नहीं करने का निर्णय लिया है।

इस संबंध में इंडियन एसोसियेशन ऑफ़ लॉयर्स के नेशनल कौंसिल मेंबर अधिवक्ता रणजीत गिरि ने बताया कि कोर्ट फीस में जो बढ़ोतरी की गई है, उससे केस लड़ना अब महंगा हो जाएगा और आम आदमी न्याय से दूर होता जाएगा। उसकी जमीन लूट ली जाएगी। इसलिए आम जनता को वकीलों के इस आंदोलन को समर्थन करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि वकीलों को भी इससे परेशानी है। कोर्ट फीस बढ़ोतरी के बाद हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई। इसके बाद सरकार ने कुछ संशोधन किया है, लेकिन यह काफी नहीं, बल्कि धोखा है।

कोर्ट फीस कम करने के लिए बार काउंसिल का प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल रमेश बैस से मिलकर परेशानी से अवगत कराया था। इसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से भी मुलाकात का निर्णय लिया गया था। उसी के तहत मुख्यमंत्री से मिलने का कार्यक्रम था।

गिरि ने कहा कि वकीलों के प्रतिनिधिमंडल से मुख्यमंत्री का नही मिलना इससे बढ़ कर और अपमान की बात क्या हो सकता है। उन्होंने कहा कि सीएम हाउस का कृत्य आहत करने वाला है। उन्होंने सरकार से कोर्ट फीस बढ़ोतरी वापस लेने की मांग की। इसके विरोध में 6 जनवरी से झारखंड के सभी वकील न्यायिक कार्य से स्वयं को अलग कर विरोध जाता रहे है।

विरोध जताने वालों में अधिवक्ता संजय कुमार प्रसाद, फटिक चंद्र सिंह, रंजन कुमार मिश्रा, कमल कुमार सिन्हा, वंशिका सहाय, सुकमती हेसा, दीपिका सिंह, सुनील चांडक, धनजी चौधरी, विभा कुमारी, ज्योति प्रकाश चौधरी, इंद्रनील चटर्जी, निखिल कुमार डे, सुभाष नायक, राणा प्रताप शर्मा, विष्णु चरण महाराज, धुर्वेश्वर मंडल, आदि।

अशोक कुमार पांडेय, कौशल किशोर, राणा प्रताप शर्मा, हिमांशु शेखर, बिष्णु प्रसाद नायक, प्रीति श्रीवास्तव, रेणु कुमारी, गोविंद नारायण सिंह, मिथलेश कुमार, अशोक कुमार यादव, रीना कुमारी समेत सैकड़ों अधिवक्ता शामिल हैं।

 125 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *