आजादी के 74 साल बाद भी अदद रास्ते से बंचित हैं फतेहपुर रहिवासी

आंदोलनकारियों को मिला भाकपा माले का साथ

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। देश की आजादी के 74 वर्ष बीत गया, लेकिन समस्तीपुर जिला (Samastipur district) के हद में ताजपुर प्रखंड के फतेहपुर के रहिवासियों को तमाम सरकारी घोषणाओं के बाबजूद सड़क से चलने की आजादी आज तक नहीं मिल पायी है।

सड़क से चलने के सपने संजोये यहां के हजारों रहिवासी काल कवलित हो गये, लेकिन एक अदद सड़क नहीं बन पाया इस गांव में।

जी हाँ, बात हो रही है फतेहपुर वाला पंचायत के वार्ड क्रमांक-10 का। यहाँ खेतों के बीच बसे अनुसूचित जनजाति लोहार, अल्पसंख्यक समुदाय, पासवान जाति समेत अन्य समुदाय के करीब सौ से अधिक परिवार दशकों से बसे हैं।

तमाम कोशिशों यथा जनप्रतिनिधि, अधिकारी से गुहार लगाने, आवेदन देने के बाबजूद रहिवासियों को सड़क मयस्सर नहीं हुआ। इस वजह से यहाँ के रहिवासियों में जनप्रतिनिधियों से खिलाफ जबरदस्त नाराजगी देखी जा रही है। सर्वाधिक लोहार समुदाय के लोग के बसे होने के कारण इस टोले को लोहर टोली के नाम से भी पुकारा जाता है।

इस टोले के लोग बार- बार जनप्रतिनिधियों द्वारा सड़क के नाम पर छलने से इस चुनाव में काफी नाराज दिख रहे हैं। रहिवासियों ने 21 सितंबर को बैठक कर आगामी 29 सितंबर को आहूत पंचायत चुनाव में वोट का वहिष्कार का निर्णय लिया है।

इसके लिए बजाप्ता बैनर बनवाकर टोले में टांगने का काम किया गया है। इसे लेकर पूरे टोले में जनसंपर्क अभियान भी चलाया जा रहा है।

जिसमें स्थानीय रहिवासी मुकेश शर्मा, भोला ठाकुर, पवन ठाकुर, भदई ठाकुर, अमित शर्मा, रामचंद्र शर्मा, कैलाश देवी, सोमरिया देवी, मो. मकबूल, मो. परवेज, जानकी देवी, श्याम पासवान समेत अन्य ग्रामीणों ने अभियान में हिस्सा लिया। साथ हीं इसे चुनाव तक जारी रखने का संकल्प लिया गया।

मौके पर रहिवासियों ने बताया कि 40 साल से अधिक समय से उनके पूर्वज यहाँ पर बसे हुए हैं। वे अपने निजी जमीन में हैं। कई दशक गुजर गये, परंतु उन्हें आवागमन के लिए सड़क नसीब नहीं हो पाई। ग्रामीणों ने बताया कि कितनी सरकारें, जनप्रतिनिधि आये-गये, आश्वासन खूब मिला लेकिन सड़क नसीब नहीं हुआ।

सड़क नहीं रहने के कारण खटिया पर लादकर ले जाने के क्रम में कई महिलाओं का रास्ते में हीं गर्भपात हो गया। तो कभी हर्ट पेशेंट असमय दम तोड़ दिए। कभी कोरोना रोगी को गोद में उठाकर ईलाज को ले जाया गया।

और तो और दर्जन भर से अधिक समृद्ध लोग सुधीर सिंह, सुनील सिंह, चुल्हाई सिंह, अरविंद सिंह आदि अपने मकान छोड़कर अन्यत्र जाकर बस गये हैं। कुछ लोग तो अपनी घर- जमीन ही बेचकर चले गये हैं।

रहिवासियों के अनुसार इस बार उनके आंदोलन में भाकपा माले का साथ मिला है। ग्रामीणों द्वारा वोट वहिष्कार करने की जानकारी पाकर भाकपा माले की टीम ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह के नेतृत्व में प्रभात रंजन गुप्ता, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह ने यहां स्थिति का जायजा लिया तथा उनके आंदोलन को प्रखंड, जिला से लेकर पटना विधानसभा तक पहुंचाने का वादा किया।

माले नेता ने आमजनों से वोट डालने की अपील की है, साथ हीं जनप्रतिनिधियों एवं अधिकारियों से पीड़ित पक्षों से मिलकर सड़क की समस्या का हल ढ़ूंढ़ने की अपील भी की है।

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