कसमार के शिक्षाविद एवं महान विभूतियों को 15 नवंबर को किया जाएगा याद

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। झारखंड स्थापना दिवस एवं भगवान बिरसा जयंती के अवसर पर 15 नवंबर को कसमार के शिक्षाविद अभियंता, प्रशासनिक पदाधिकारी, व्याख्याता, अधिवक्ता, डॉक्टर समेत ऊंच कोटी के विचार रखने वाले 101 रहिवासी एक मंच पर होंगे। इतना ही नहीं आगामी 15 नवम्बर को कसमार के वैसे विभूतियों व स्वतंत्रता सेनानियों को याद किया जाएगा। जो कसमार प्रखंड के शैक्षणिक, राजनीति, सामाजिक, खेलकूद, स्वस्थ्य व कसमार की स्वर्णिम इतिहास में बहुमूल्य योगदान दिए हैं।

जानकारी के अनुसार वैसे 101 अति विशिष्ट रहिवासियों व उनके परिजनों को विशेष रूप से समारोह में भाग लेने के लिए आमंत्रित की जा रही है। बताया जा रहा है कि इस कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रखंड प्रमुख नियोति डे करेंगी।

बताया गया कि झारखंड स्थापना दिवस के दिन 101 रहिवासियों की उपस्थिति में बोकारो जिला के हद में कसमार प्रखंड में सामाजिक, आर्थिक, राजनीतिक, शैक्षणिक, स्वस्थ्य आदि क्षेत्रों की नई लकीर खींचने की रणनीति तैयार की कवायद की जाएगी। इस बाबत 15 नवंबर को ही कसमार बुद्धिजीवी मंच (कसमार इंटलेक्चुअल फोरम) गठित की जाएगी।

इस अवसर पर प्रखंड के पूर्व के महान व दिवंगत विभूतियां और वर्तमान में सेवा दे रहे हस्तियों का नाम सूचीबद्ध की जा रही है। पूर्व के दिवंगत विभूतियों के परिजन एवं वर्तमान में उच्च पद पर सेवा दे रहे 101 अति विशिष्ट रहिवासी एक मंच पर होंगे।

उक्त जानकारी देते हुए कसमार के समाज सेवी एवं बेरमो जिला बनाओ संघर्ष समिति के संयोजक संतोष कुमार नायक ने बताया कि बोकारो जिला नहीं, बल्कि राज्य स्तर पर कसमार प्रखंड की एक अलग एवं रोचक इतिहास रही है। उस इतिहास को पहले की विभूतियों ने ही गढ़ना शुरू किया था। आज भी कसमार के दर्जनों वैसे हस्तियां हैं जो इस प्रखंड का नाम देश-विदेश में भी ऊंचा कर रहे हैं।

नायक ने बताया कि सबसे पहले इस क्षेत्र का पहला उच्च विद्यालय इसी प्रखंड में संचालित हुआ। यहां से पठन-पाठन करने के बाद विशिष्ट रहिवासी बीपीएससी, जेपीएससी, आईएएस, आईपीएस तक क्वालिफाइड किया। इस प्रखंड के स्कूल में पढ़कर जरीडीह प्रखंड का शिव शंकर बेसरा चंद्रयान-3 के सफल प्रक्षेपण में भी अपनी सफल भागीदारी निभाया। इतना ही नहीं झारखंड का पहला वाई-फाई वाला प्रखंड में भी कसमार का ही नाम दर्ज है। भले ही वाई-फाई वाला प्रशासनिक लापरवाही के चलते केवल कागजों में ही सिमट कर रहा गया हो।

नायक ने बताया कि कसमार उच्च विद्यालय के संस्थापक भगवती शरण चौबे, मणिपाल विश्वविद्यालय का भूगोल शास्त्री, दर्जनों डिग्री-डिप्लोमा हासिल करने वाले एवं विश्व लेवल के गिनीज बिक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड में अपना नाम अंकित करने वाले डॉ सुल्तान अहमद अंसारी, कसमार उच्च विद्यालय के कुशल प्रधानाध्यापक स्व सुरेश कुमार चौबे, आदि।

पेटरवार उच्च विद्यालय के प्रथम प्रधानाध्यापक एवं पटना विश्वविद्यालय से पुरस्कृत स्व शिव किंकर महाराज, क्षेत्रनाथ उच्च विद्यालय हरनाद के प्रथम प्रधानाध्यापक स्व संतोष कुमार जयसवाल, दांतू उच्च विद्यालय के प्रथम प्रधानाध्यापक स्व परमेश्वर नायक आदि इस प्रखंड के 6 रत्न रहे। जिनका कसमार के लिए अमूल्य योगदान रहा है।

उनके किए गए कार्यों से प्रेरणा लेकर आगे इस प्रखंड में एक नई लकीर खींचते के लिए आगे 101 रहिवासी विभूतियों को एक मंच में लाकर रणनीति बनाई जाएगी। नायक ने इसके लिए कसमार प्रखंड के तमाम बुद्धिजीवियों, पूर्व एवं वर्तमान के जनप्रतिनिधियों, शिक्षा प्रेमियों एवं विभिन्न क्षेत्र में जुड़कर काम कर रहे गणमान्य जनों से सहयोग करने की अपील की गयउ है।

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