धूल-धुसरित होता बालिका छात्रावास

विजय कुमार साव/गोमियां (बोकारो)। यूं तो शिक्षा के प्रति सरकार (Government) हर स्तर पर अपना कदम उठा रही हैं। चाहे वह शिक्षा का स्तर या पठन-पाठन अथवा आवासीय समस्या। सरकारी स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों खासकर बालिकाओं को हर तरह की सुविधा दी जा रही है।

जगह जगह नए भवनों का निर्माण कराया जा रहा हैं। ताकि कहीं दूर शिक्षा ग्रहण करने वाले बच्चों को न भटकना पड़े। दुसरी ओर सरकार की ओर से बनाई जा रही छात्रावास धूल फाकती नजर आ रही है।

इसका जीता-जागता उदाहरण गोमियां प्रखंड के हद मे स्वांग दक्षिणी पंचायत के राजकीयकृत नेहरू स्मारक उच्च विद्यालय के अहाते में करोड़ों की लागत से बना बालिका छात्रावास है। स्थानीय ग्रामीणों के अनुसार क्या फायदा इतनी बड़ी भवन का जो उपयोगिता में ही ना लाई जा रही हो।

बताया जाता है कि झारखंड सरकार (Jharkhand Government) द्वारा दो वर्ष पूर्व एक भवन गोमियां प्रखंड के हद मे स्वांग दक्षिणी पंचायत के राजकीयकृत नेहरू स्मारक उच्च विद्यालय के अहाते में करोड़ों की लागत से बालिका छात्रावास बनाया गया।

इस भवन के अधिग्रहण के संबंध में स्कूल के प्राचार्य तारामणि कच्छप से पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि विभाग की ओर से कई बार जानकारी मांगी गई है कि इकरारनामा के अनुसार भवन बना है कि नहीं। कई बार पत्राचार भी किया गया, लेकिन कोई जवाब नहीं आया। इस कारण उक्त भवन का चार्ज वह नहीं ले पा रही हैं।

वही दूसरी ओर संवेदक कौशल सिंह ने दूरभाष पर बताया कि भवन बने 2 साल से ऊपर हो चुका है। वह अपनी तरफ से सारी प्रक्रिया पूरी कर चुके हैं। तीन बार साफ सफाई भी करवाई गयी है।

चार्ज देने के लिए भी वह कई बार आए, लेकिन कोई छात्रावास का चार्ज लेने के लिए तैयार नहीं है। ऐसे में झारखंड सरकार की शिक्षा का विकास की मंशा यहां धरासायी होता दिख रहा है।

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