बड़ाजामदा में सड़क चौड़ीकरण योजना से रहिवासी भयाक्रांत-दुर्गा देवगम

सिद्धार्थ पांडेय/चाईबासा (पश्चिम सिंहभूम)। पश्चिम सिंहभूम जिला के हद में बड़ाजामदा एनएच 320 जी के चौड़ीकरण के विरोध में झामुमो नेता ने मोर्चा खोल दिया है।

उक्त सड़क चौड़ीकरण का विरोध कर रहिवासियों को होने वाले नुकसान के प्रति चिंता जताते बड़ाजामदा क्षेत्र के झामुमों नेता सह समाजसेवी दुर्गा देवगम ने चिंता व्यक्त की है। देवगम ने 15 जुलाई को भेंट में कहा कि एनएच 320 जी झारखंड राज्य में हाटगमरिया, जगन्नाथपुर, बराइबुरू, सैडल, मनोहरपुर, आनंदपुर, बानो और कोलेबिरा को जोड़ने वाला महत्वपूर्ण परिवहन मार्ग है।

झामुमो नेता देवगम के अनुसार सड़क इन क्षेत्रों के लिए जीवन रेखा रही है। बुनियादी ढांचे को बनाए रखने और इसमें सुधार महत्वपूर्ण है।लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी) सड़क को 110 फीट तक चौड़ा करने की योजना बना रहा है, जो वर्तमान चौड़ाई लगभग 50 फीट से दोगुनी है। इस प्रस्तावित विस्तार ने कई मुद्दों को जन्म दिया है।

कहा कि इस पर पुनर्विचार किया जाना चाहिए। सबसे पहले, बड़ाजामदा 10,000 से कम रहिवासियों की आबादी वाला छोटा गांव है। वर्ष 2006 और 2008 के बीच निर्मित वर्तमान सड़क ने हमारे गांव की जरूरतों को पर्याप्त रूप से पूरा किया है। अगर सड़क का विस्तार किया जाता है तो दर्जनों रहिवासी प्रभावित होंगे।

झामुमो नेता सह समाजसेवी देवगम के अनुसार बड़ाजामदा में अधिकांश स्थानीय व्यवसाय मौजूदा सड़क के किनारे स्थित हैं, जिनमें दुकानें, पेट्रोल पंप, खाद्य प्रतिष्ठान एवं चाय की दुकानें शामिल हैं। इनमें से कई व्यवसाय पीढ़ियों से चले आ रहे हैं और पट्टे की भूमि पर स्थित हैं। प्रस्तावित 110 फीट सड़क विस्तार से इन प्रतिष्ठानों के ध्वस्त होने का खतरा है, जिससे प्रभावित परिवारों को गंभीर आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ेगा।

इस विस्तार के परिणाम हमारे समुदाय के लिए विनाशकारी होंगे, जिससे आजीविका और घरों को नुकसान होगा। रहिवासी रेलवे भूमि अधिग्रहण परियोजना के प्रभाव को लेकर भी चिंतित हैं। रेलवे ने पहले ही निर्माण के लिए सड़क किनारे की भूमि का एक हिस्सा अधिग्रहित कर लिया है, जिससे इस प्रक्रिया में कई रहिवासी प्रभावित हुए हैं।

परिणाम स्वरुप सड़क के चौड़ीकरण के लिए वैकल्पिक समाधान पर विचार करने की मांग की जरूरत है। क्षेत्र के दर्जनों रहिवासियों के अनुसार संभावित समाधान में बाईपास या ओवर पास का निर्माण शामिल हो सकता है, जो अधिक लागत प्रभावी तथा कम विघटनकारी साबित हो सकता है।

 

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