डॉ ऋचा चौहान ने सरवाइकल कैंसर चिकित्सा में किया चमत्कार

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। राष्ट्रीय स्तर पर बेहतर चिकित्सा के लिए चर्चित बिहार की राजधानी पटना के चिकित्सक डॉ ऋचा चौहान ने सरवाइकल कैंसर रोगियों की चिकित्सा में चमत्कार कर दिखाया है। उन्होंने उपयोग विधि में समवर्ती रसायन चिकित्सा प्रतिरोध कर एक चमत्कार कर दिखाया।

एमबीबीएस (ऑनर्स और गोल्ड मेडलिस्ट) भगवान महावीर कैंसर संस्थान पटना की डॉ ऋचा चौहान बहुमुखी प्रतिभा की धनी हैं।
जानकारी के अनुसार डॉ ऋचा ने वृद्धावस्था चिकित्सा में स्नातकोत्तर प्रमाणन पाठ्यक्रम सरकार से पेटेंट प्राप्त किया है। गुदा क्षेत्र के कैंसर पर अध्यापन “भारतीय में क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी की एक पाठ्यपुस्तक से चर्चे में आयी है डॉ ऋचा।

जानकारी के अनुसार वरिष्ठ सलाहकार और शिक्षाविद प्रभारी महावीर कैंसर संस्थान पटना की डॉ ऋचा चौहान बहुमुखी प्रतिभा की धनी है। इन्होने अपनी शिक्षण एवं योग्यताएं स्वरूप एमबीबीएस (ऑनर्स और गोल्ड मेडलिस्ट), एनएमसीएच, पटना डीएनबी (रेडिएशन ऑन्कोलॉजी), एनबीई, नई दिल्ली से डिग्री हासिल की है।वृद्धावस्था चिकित्सा में स्नातकोत्तर प्रमाणन पाठ्यक्रम सरकार से पेटेंट प्रदान किया है। प्रिडिक्टिव बायोमार्कर के लिए भारत का (पेटेंट नंबर 404113) है।

सरवाइकल कैंसर रोगियों और उपयोग की विधि में समवर्ती रसायन चिकित्सा प्रतिरोध कर चमत्कार कर दिखाया हैं। इसके बाद बीते वर्ष 22 अगस्त को डीएनबी (एमसीएस पटना), एमएससी और पीएचडी के स्नातकोत्तर छात्रों के लिए थीसिस गाइड और सह-गाइड
छात्र रह एक अच्छी पहचान बनाई हैं।

एनआईपीईआर हाजीपुर अध्यक्ष, पीएचडी छात्रों के लिए निबंध सलाहकार समिति के साथ साथ जैव सूचना विज्ञान संस्थान बैंगलोर के लिए कार्यरत रही है। वे सहकर्मी -समीक्षित, अनुक्रमित, राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय पत्रिकाओं में प्रकाशन किया गया है।

गुदा क्षेत्र के कैंसर पर अध्याय: “भारतीय में क्लिनिकल ऑन्कोलॉजी की एक पाठ्य पुस्तक उन्होंने लिखी हैं। एल्सेवियर और स्प्रिंगर जर्नल में समीक्षक और संपादकीय बोर्ड के सदस्य के साथ इंडियन सोसायटी ऑफ ऑन्कोलॉजी, इंडियन एसोसिएशन ऑफ हाइपरथर्मिया के न्यूजलेटर के पूर्व संपादक ऑन्कोलॉजी एंड मेडिसिन, कैंसर केयर इंडिया मे लेखन प्रस्तुत कर चुकी है।

बहरहाल वे यूनिवर्सिटी टॉपर और कॉलेज ब्लू के रुप में सम्मानित की जा चुकी है। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में वर्ष 2010 में महावीर कैंसर संस्थान पटना की डॉ ऋचा ने स्तन कैंसर फाउंडेशन, भारत के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता की विजेता रही। वर्ष 2010 में पटना में भारतीय ब्रैकीथेरेपी सोसायटी के राष्ट्रीय सम्मेलन में प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिता के विजेता रही।

वर्ष 2011 में जयपुर में भारत के विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट एसोसिएशन के राष्ट्रीय सम्मेलन में युवा ऑन्कोलॉजिस्ट के लिए डॉ जीसी पंत पुरस्कार के लिए चयनित की गई। वर्ष 2014 में बिहार में कैंसर अनुसंधान और जागरूकता के लिए डॉ अर्पिता रॉय पुरस्कार के लिए राष्ट्रीय सम्मेलन में यंग गाइनोकोलॉजिक ऑन्कोलॉजी अवार्ड पेपर प्रस्तुत किया है।

वर्ष 2015 में हैदराबाद में एसोसिएशन ऑफ गाइनोकोलॉजिक ऑन्कोलॉजिस्ट ऑफ इंडिया के नेशनल कांफ्रेंस एसोसिएशन में डॉ जी.सी. पंत यंग डॉक्टर अवार्ड पेपर प्रस्तुत की है। वर्ष 2016 में भुवनेश्वर में भारत के विकिरण ऑन्कोलॉजिस्ट में उपलब्धियों के साथ विश्लेषण किया। नेशनल कांफ्रेंस एसोसिएशन ऑफ रेडिएशन में वाईआरओसी द्वारा प्रस्तुत सर्वश्रेष्ठ पेपर प्रस्तुत किया।

उन्होंने जॉर्ज महोनी अवार्ड 2020 के प्राप्तकर्ता के साथ रॉयल कॉलेज ऑफ़ ओब्स्टेट्रिशियन एंड गायनेकोलॉजिस्ट मे पहचान बना चुकी है।

यू.के. गाइनोकोलॉजिक संगठनात्मक अनुभव एसोसिएशन के 22 वें वार्षिक सम्मेलन के आयोजन समिति सचिव के रुप में सेवा दे चुकी हैं। वे भारत के ऑन्कोलॉजिस्ट 12 वीं -14 दिसंबर 2014 में चयन की गई है।

एशिया महासागरीय अनुसंधान संगठन के 7वें राष्ट्रीय सम्मेलन के आयोजन सचिव शामिल हुई है।जननांग संक्रमण और रसौली पर पटना में 16-18 अक्टूबर 2016 में पहचान बनायी है। कैंसर केयर इंडिया पटना के वार्षिक सम्मेलन के आयोजन सचिव 17 एवं 18 दिसंबर 2017 और 2022 तक कई उपलब्धि पूर्ण कार्य की है।

सदस्या महावीर कैंसर संस्थान पटना की डॉ ऋचा चौहान ने इंडियन सोसायटी ऑफ ऑन्कोलॉजी (आईएसओ) और कार्यकारी समिति के सदस्य ऑन्कोलॉजी एंड मेडिसिन में हाइपरथर्मिया एसोसिएशन का सदस्य है।

भारत में (एजीओआई) गायनोकोलॉजिक तथा ऑन्कोलॉजिस्ट एसोसिएशन के पूर्व कार्यकारी समिति के सदस्य है।
राष्ट्रीय बोर्ड मान्यता प्राप्त संस्थान के एसोसिएशन के पूर्व क्षेत्रीय प्रतिनिधि के रुप में अच्छी पहचान बनाई है।

 260 total views,  1 views today

You May Also Like

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *