अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त है अग्रवाल लेजर एवं इम्प्लांट केंद्र-डॉ आलोक

एस. पी. सक्सेना/बोकारो। जीवन का जो सपना था उसे पुरा कर दिखाया है बोकारो के युवा डॉ आलोक कुमार। नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक आज किसी परिचय के मोहताज नहीं हैं। बोकारो के उपनगर चास स्थित के. एम. मेमोरियल अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ आलोक ने मात्र 13 वर्ष की अवधि में अच्छी ख्याति अर्जित कर ली है। बोकारो के बारी को-ऑपरेटिव में आज उनका अपना अग्रवाल लेजर एवं इम्प्लांट केंद्र है।

बचपन में बोकारो के नया मोड़ में अग्रवाल मेडिकल हॉल नामक दुकान पर अपने पिता का हांथ बटाने के दौरान डॉ आलोक ने प्रदूषित क्षेत्र होने के कारण बढ़ते नेत्र रोगियों की दुर्दशा को देखते हुए नेत्र चिकित्सक बनने की ठान ली। और आज सफल नेत्र रोग विशेषज्ञ बनकर वे बोकारो के रहिवासियों को नेत्र लाभ पहुंचाने में जुटे हैं।

बाड़ी को-ऑपरेटिव स्थित अग्रवाल लेजर एवं इम्प्लांट केंद्र में 28 नवंबर की संध्या डॉ आलोक ने विशेष भेंट में बताया कि प्राइमरी से बारहवीं तक की शिक्षा डीएवी पब्लिक स्कूल सेक्टर चार से ग्रहण की। इस दौरान वे अपने पिता के नया मोड़ स्थित अग्रवाल मेडिकल स्टोर जाकर हांथ बटाते थे।

इस दौरान उन्होंने नेत्र चिकित्सक बनने की ठान ली। वर्ष 1998 में बारहवीं पास करने के बाद कड़ी मेहनत की बदौलत उन्होंने वर्ष 2000 में कोलकाता मेडिकल कॉलेज में दाखिला लिया। वे वर्ष 2010 से बतौर नेत्र सर्जन नेत्र रोगियों की सेवा कर रहे हैं।

उन्होंने बताया कि सर्वप्रथम हजारीबाग जिला के हद में चौपारण स्थित झारखंड के सबसे बड़े नेत्र अस्पताल जहां सौ बेड की सुविधा है, वहीं से कार्य आरंभ किया। वर्तमान में वे चास स्थित के. एम. मेमोरियल अस्पताल में सेवा दे रहे है।

डॉ आलोक ने बताया कि उन्होंने ओएनजीसी सीएसआर द्वारा एक दिन में बोकारो जिला के हद में चंदनकियारी के पर्वतपुर में 50, गोमियां के साड़म में 50 तथा हजारी मोड़ में शिविर लगाकर 50 यानि कुल 150 नेत्र रोगियों की नेत्र जांच कर आवश्यक इलाज किया है।

उन्होंने बताया कि अपने सेवाकाल में उन्होंने हजारों नेत्र ऑपरेशन किया है, जिसमें सबसे जटिल ऑपरेशन बच्चों का ऑपरेशन करना रहा है। उन्होंने बताया कि बीते 27 नवंबर को उन्होंने के. एम. मेमोरियल अस्पताल में चार साल के एक बच्चे का सफल नेत्र ऑपरेशन किया है।

डॉ आलोक के अनुसार बोकारो जिला औद्योगिक क्षेत्र होने के कारण अत्यधिक तापमान तथा प्रदूषण के कारण यहां नेत्र रोग यथा गर्मी के कारण मोतियाबिंद, ग्लूकोमा के ज्यादा रोगी पाये जा रहे है। साथ हीं प्रदुषण के कारण कई अन्य नेत्र रोग से ग्रसित रोगियों की संख्या में वृद्धि हो रही है। इसपर रोक लगाने के लिए सरकार के तरफ से कारगर प्रयास किए जाने की जरूरत है।

डॉ आलोक के अनुसार बाड़ी कोऑपरेटिव में उनके द्वारा संचालित अग्रवाल लेजर एवं इम्प्लांट केंद्र में अत्याधुनिक मशीनों द्वारा नेत्र रोगियों का इलाज किया जाता है। खास बात यह कि मात्र ₹20 के चार्ज पर हीं रोगियों की जांच की जाती है। जिससे गरीब मरीजों के इसका लाभ मिल सके।

उन्होंने बताया कि उक्त लेजर एवं इम्प्लांट केंद्र में अत्याधुनिक बैक्टोरिया मुक्त मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर, फेको मशीन द्वारा मोतियाबिंद ऑपरेशन, लेंस लगाना, मेडिकल रेटीना, फटे व् कटे आंखो की सिलाई, पत्थर का आँख लगाने की सुविधा, आंखो के ट्यूमर का ऑपरेशन, नाक के नासूर की सर्जरी, नाखुना सर्जरी, कंटेक्ट लेंस पॉवर चश्मा आदि की सुविधा उपलब्ध है।

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