उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय में बच्चों व अभिभावकों के बीच हेलमेट का वितरण

फिरोज आलम/जोनामोड़ (बोकारो)। बिहार की राजधानी पटना के उत्क्रमित माध्यमिक विद्यालय कुरथौल में 200 बच्चों व अभिभावकों के बीच हेलमेट का वितरण किया गया।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड (ICICI Lombard) के सौजन्य से इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन ने पटना में सुरक्षा अभियान की शुरुआत की है। इस कार्यक्रम में स्कूली बच्चों और उनके माता-पिता के बीच सड़क सुरक्षा के महत्व और हेलमेट के उपयोग के बारे में “राइड टू सेफ्टी” नामक पहल के माध्यम से जागरूक किया गया।

हेलमेट वितरण कार्यक्रम में इंडियन हेड इंजरी फाउंडेशन की डॉ चित्रा, डॉ नम्रता आनंद, वोकैट संस्था की कंचन कुमारी और देवेश कुमार की टीम ने उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुरथौल में राइड टू सेफ्टी वर्कशॉप का आयोजन किया। इसी को लेकर उत्क्रमित मध्य विद्यालय कुरथौल में राष्ट्रीय-राजकीय सम्मान से सम्मानित समाजसेविका-शिक्षिका डॉ नम्रता आनंद के नेतृत्व में बच्चों व उनके अभिभावकों को हेलमेट सौंपा।

इस अवसर पर डॉ चित्रा ने कहा कि, देश में हर साल डेढ़ लाख लोग सड़क दुर्घटना में मारे जाते हैं। इनमे से नब्बे प्रतिशत से ज़्यादा ऐसे लोग हैं जो गाड़ी चलाते समय लापरवाही के कारण दुर्घटना के शिकार होते हैं। उन्होंने कहा कि लोगों में हेलमेट एवं सीट बेल्ट न लगाने की आदत एक बेहद संजीदा एवं चिंता का विषय है।

हमने आईएचआईएफ (IHIF) की तरफ से आईसीआईसीआई लोम्बार्ड के सौजन्य से इस कार्यक्रम की शुरुआत की है, जिसका उद्देश्य पटना में सड़क सुरक्षा के प्रति लोगों को जागरूक करना है। साथ ही स्कूल के विद्यार्थियों को अभी से ही सड़क के नियमों का पालन करने के लिए प्रेरित करना है। लोगों को समझाना है कि सीट बेल्ट या हेलमेट अपनी जान बचने के लिए पहनना है चालान बचने के लिए नहीं।

आईसीआईसीआई लोम्बार्ड की तरफ से पटना के 60 स्कूलों में वाटर प्यूरीफायर भी लगवाया जाएगा, जिससे बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ जल मिल सके। डॉ चित्रा ने स्वच्छ पेयजल और स्वच्छता के महत्व पर भी जोर दिया। स्कूल के अधिकारियों ने आईसीआईसीआई लोम्बार्ड को हेलमेट वितरण के लिये और एक प्यूरीफायर प्रदान करने के लिए साधुवाद दिया।

डॉ नम्रता आनंद ने बताया कि हेलमेट की असली अहमियत दुर्घटना के समय ही पता चलती है। हेलमेट से बेहतर कोई दूसरा सुरक्षा कवच नहीं है। उन्होंने कहा कि दो पहिया वाहन चलाने वाले सैकड़ों युवा हर साल सिर की गंभीर चोटों से जान से हाथ धो बैठते हैं। इन्हें सिर की गंभीर चोटों से केवल हेलमेट ही बचा सकता है।

हेलमेट पहनना सुरक्षा की दृष्टि से सही होता है। हेलमेट दुर्घटना के समय आपके सर और मस्तिष्क को बचाने के काम आता है। दोपहिया चलाते समय अगर आपने हेलमेट पहना हुआ है, तो ये आपकी आंखों के लिए भी ठीक है। ये तेज हवा, धूल-मिट्टी, कीटाणु- प्रदूषण से आंखों की रक्षा करता है. इससे आंखों में होने वाले संक्रमण को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

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