रामराज की सरकार में रामसेवक की हत्या बर्दाश्त नहीं-दीपंकर भट्टाचार्य

बिहार पुलिस यूपी की तर्ज पर जनता पर ढ़ा रही जुल्म-दीपंकर भट्टाचार्य    

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। समस्तीपुर जिला (Bokaro district) के हद में रोसड़ा के मृत सफाईकर्मी रामसेवक राम के परिजनों को न्याय, मुआवजा, आदि।

नौकरी देने के बजाय परेशान करने की जानकारी मिलने पर भाकपा माले (Bhakpa Male) के राष्ट्रीय महासचिव कॉमरेड दीपांकर भट्टाचार्य एवं पोलित ब्यूरो सदस्य कॉ धीरेन्द्र झा 5 दिसंबर को रोसड़ा पहुंचकर मृतक के परिजनों से मिलकर सांत्वना दिया।

मामले की पूरी जानकारी लेते हुए पीड़ित परिवार को तत्काल 50 हजार रूपये का सहयोग राशि दिया। साथ हीं न्याय दिलाने हेतु हर संभव प्रयास करने का भरोसा दिया।

इस अवसर पर समस्तीपुर सर्किट हाउस  में संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कॉ भट्टाचार्य ने कहा कि 4 माह का बकाया मजदूरी मांगने पर मजदूर रामसेवक राम पर एफआईआर (FIR) दर्ज कर पुलिस पिटाई कर मार देती है।

लाश तक परिजनों को नहीं सौंपकर यूपी के हाथरस की विभत्व घटना की तरह आधी रात में पुलिस जला देती है। पुलिस मृतक के पुत्र को धमकी देकर तमाम कागजात छीन लेती है।

पीड़ित को न्याय देने के बजाय उल्टे मृतक की पत्नी प्रमिला देवी, गुजरात में कमा रहे पुत्र श्रवण कुमार, दीपक कुमार, पुतोह सलिता देवी, बबिता देवी समेत अन्य निर्दोष का नाम मुकदमा में डाल दिया जाता है।

उन्होंने कहा कि मृतक का परिवार परेशान है। भुखमरी झेल रहा है, लेकिन सुशासन की भाजपा- जदयू सरकार का आजतक न कोई अधिकारी पीड़ित परिजन से मिलने नहीं गया। न ही कोई मुआवजा अथवा किसी प्रकार की सरकारी राशि परिजनों को दिया गया।

सरकार राम राज्य का नारा लगाती है और दलित रामसेवक राम को पिटकर हत्या करवाती है। उन्होंने सफाईकर्मी के परिजन को न्याय देने, 20 लाख रुपये मुआवजा देने, एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने, डीएसपी, नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी, पुलिस पर हत्या का मुकदमा दर्ज करने, सफाईकर्मी को नियमित वेतन देने की मांग की।

उन्होंने पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए कहा कि बिहार में शराबबंदी पूरी तरह फेल है। शराब माफिया मालामाल हो रहा है। गरीब मार खा रहे हैं। इससे बिहार को नुकसान ज्यादा है।

सरकार को शराबबंदी के जगह कोई वैकल्पिक व्यवस्था करना चाहिए। शराब के नाम पर दलित- गरीब- महिला का उत्पीड़न किया जाता है, जबकि शराब के होम डिलीवरी माफिया- पुलिस द्वारा सरकारी संरक्षण में किया जाता है।

कॉ भट्टाचार्य ने कहा कि किसानों के संघर्ष ने अड़ियल तानाशाह को झूका दिया है। किसान आंदोलन ने भारतीय लोकतंत्र को जीवंत बनाया है।

उन्होंने एमएसपी लागू करने, किसानों को खाद समेत जरूरत की सामग्री उपलब्ध कराने, किसानों पर दर्ज मुकदमा वापस लेने, मृत किसानों को मुआवजा देने की मांग करते हुए कहा कि जो कृषि कानून मोदी सरकार 2020 में लाई बिहार की नीतीश सरकार उसे 2006 में ही लागू कर चुकी है। उन्होंने बिहार में मंडी व्यवस्था पुनः लागू करने की मांग की।

भट्टाचार्य ने कहा कि इंडेक्स में बिहार सबसे नीचले पायदान पर आई है। यह नीतीश सरकार के झूठी विकास का पोल खोल दिया है। यूपी चुनाव पर पत्रकारों के प्रश्नों का उत्तर देते हुए उन्होंने कहा कि यूपी में रोजगार सबसे बड़ा मुद्दा है। कहा कि वहां पुलिस जुल्म, लोकतंत्र की हत्या पर सरकार बैकफुट पर है।

बिहार चुनाव में जो काम अधूरा रह गया, यूपी उसे पूरा करेगा। उन्होंने नागालैंड में 13 मजदूरों की हत्या की निंदा करते हुए उच्च स्तरीय जांच की मांग की। कहा कि छह दिसंबर को बाबरी विध्वंस करके सामाजिक सौहार्द, भाईचारा बिगाड़ने की कोशिश की गई थी, इससे संबंधित मुकदमें की जल्द सुनवाई पूरी कर दोषियों को सजा मिले। इसे लेकर उन्होंने 6 दिसंबर को पूरे देश में सेकुलर मार्च निकाले जाने की जानकारी दी।

भाकपा माले पोलित ब्यूरो सदस्य सह मिथिलांचल प्रभारी कॉ धीरेंद्र झा ने कहा कि रामसेवक राम के हत्यारे पर एफआईआर दर्ज हो। मुआवजा मिले। झूठा मुकदमा वापस हो। जेल बंद निर्दोष को रिहा किया जाये, अन्यथा भाकपा माले समस्तीपुर बंद आंदोलन का आह्वान करेगी।

मौके पर जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार, बंदना सिंह, प्रमिला राय, फूल बाबू सिंह, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह, अमित कुमार, जीबछ पासवान, रामचंद्र पासवान, उपेंद्र राय, मिथिलेश कुमार, सुखलाल यादव, पूर्व विधायिका मंजू वर्मा, अजय कुमार, ललन कुमार, राम कुमार, आदि।

खुर्शीद खैर, सुनील कुमार, राजकुमार चौधरी, इंसाफ मंच के राज्य अध्यक्ष नेयाज अहमद, मंच के दरभंगा जिला सचिव पप्पू खां, जिलाध्यक्ष अकबर रजा, भूषण मंडल, रंजन सिंह, कर्मचारी नेता अजय कुमार, मो. सगीर, महेश कुमार, प्रेमानंद सिंह समेत अन्य दर्जनों कार्यकर्ता एवं नेतागण उपस्थित थे।

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