उपायुक्त ने मशीन के उपयोग से बांस से निर्मित सामग्रियों का किया निरीक्षण

स्वयं सहायता समूह की दीदियों को वृहत स्तर पर अगरबत्ती व् दोना पत्तल बनाने के कार्य से जोड़ा जायेगा-उपायुक्त
एस.पी.सक्सेना/देवघर(झारखंड)। देवघर जिला उपायुक्त मंजूनाथ भजंत्री (Deoghar district deputy commissioner Manjunath Bhajantri  द्वारा एक  अप्रैल को देवघर प्रखंड के नौखिल गांव का निरीक्षण कर लघु कुटीर उद्योग के तहत मशीनों की मदद से बांस से बनाये जाने वाले विभिन्न सामग्रियों यथा अगरबत्ती बनाने हेतु स्टीक, विभिन्न साज सज्जा व अन्य आवश्यक सामग्रियों को बनाने की प्रक्रिया एवं खर्च व होने वाले फायदों से अवगत हुए। इस दौरान लघु कुटीर उद्योग से जुडे़ लोगों से उपायुक्त ने मुलाकात कर उनके द्वारा किये जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए उन्हें काम करने में आने वाली समस्याओं से अवगत हुए। उनके द्वारा बनायी जा रही बांसों की सामग्री, पत्तल दोना सहित विभिन्न प्रकार के थाली को देखकर उपायुक्त ने सराहना करते हुए कहा कि आप सभी का यह प्रयास आने वाले दिनों में देवघर जिला को एक नयी पहचान दिलाने का काम कर रही है, जो हम सभी के लिए गर्व की बात है।
निरीक्षण के क्रम में उपायुक्त ने लघु कुटीर उद्योग से जुड़े लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि इस साल 10 मार्च से मंदिर प्रांगण को थर्मोकाॅल मुक्त क्षेत्र घोषित किया गया है। आगामी 10 अप्रैल से शहरी क्षेत्र को प्लास्टिक मुक्त बनाने की शुरूआत की जायेगी। ऐसे में आप सभी के सहयोग से थर्मोकाॅल व प्लास्टिक के जगह पत्तों के बने प्लेट, थाली, दोना आदि का उपयोग बढ़ जायेगा। जिसके बाद आप सबों को जिले में ही देवघर मार्ट के माध्यम से बेहतर बाजार भी जिला प्रशासन द्वारा उपलब्ध करा दिया जायेगा। इस दौरान उपायुक्त ने जेएसएलपीएस अधिकारियों को निदेशित किया कि जिले में इस रोजगार को बढ़ावा देने के उद्देश्य से स्वयं सहायता समूह की दीदियों को जोड़ने का कार्य करें, ताकि प्रत्येक प्रखंड की दीदियों को इससे जोड़ा जा सके। साथ हीं बांस से बनने वाले सामग्रियों व अगरबत्ती स्टीक आदि को बाबा मंदिर से जोड़ते हुए बेहतर बाजार उपलब्ध कराया जा सकता है। उपायुक्त ने निरीक्षण के क्रम में जेएसएलपीएस की टीम को निदेशित किया कि स्वयं सहायता समूह की दीदियों को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में और भी बेहतर कार्य योजना तैयार करें, ताकि सभी समूह की दीदियों को और भी बेहतर विकल्प दिया जा सके।
उपायुक्त भजंत्री ने जेएसएलपीएस के अधिकारियों को निदेशित किया कि वर्तमान में बांस से बनने वाले सामग्रियों के अलावा थर्मोकाॅल व प्लास्टिक मुक्त बनाने की दिशा में वैकल्पिक व्यवस्थाओं को सुदृढ़ करने के उदेश्य से ज्यादा से ज्यादा सखी मंडल की दीदीयों को इससे जोड़ा जाये। इससे रोजगार के नये अवसर पैदा होगें एवं उनके आय के श्रोत में वृद्धि आयेगी। साथ हीं प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने के उद्देश्य से इन पत्तों से बने पत्तल, दोना, प्लेट का उपयोग भी पर्यावरण के लिए बेहतर रहेगा। एक तरफ जहां प्लास्टिक के मुकाबले इससे पैसे की बचत होगी, वहीं दूसरी ओर इन पत्तलों के निष्पादन में आसानी भी हो रही है। इस दौरान उपरोक्त के अलावे जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी रवि कुमार, डीपीएम जेएसएलपीएस प्रकाश रंजन, सहायक जनसम्पर्क पदाधिकारी रोहित कुमार विद्यार्थी एवं संबंधित विभाग के अधिकारीगण उपस्थित थे।

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