जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित करने को लेकर समाहरणालय पर प्रदर्शन

फसल क्षति मुआवजा नहीं तो होगा आंदोलन तेज-मंजू प्रकाश

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। बाढ़ व् जल जमाव के सभी पीड़ितों समेत बाग-बगीचे बर्बादी का मुआवजा देने, किसानों का केसीसी लोन एवं मालगुजारी माफ करने, खाद का खुदरा बिक्री पर लगे रोक हटाने, गैर मानक जैविक खाद किसानों को देने पर रोक लगाने समेत किसान हित के अन्य मांगों को लेकर 13 सितंबर को समस्तीपुर जिला समाहरणालय पर किसान- मजदरों ने जोरदार प्रदर्शन किया।

इससे पहले अखिल भारतीय किसान महासभा, खेग्रामस एवं माले से जुड़े जिले के किसान- मजदूरों ने शहर के माल गोदाम चौक पर जुटकर अपने-अपने हाथों में झंडे, बैनर एवं मांगों से संबंधित नारे लिखे तख्तियां लेकर जुलूस निकाला।

बाजार क्षेत्र के मुख्य मार्गो से गुजरते हुए जुलूस समाहरणालय पर पहुंचकर प्रदर्शन के बाद सभा में तब्दील हो गया। सभा की अध्यक्षता पूर्व विधायक कॉमरेड मंजू प्रकाश ने की। उन्होंने कहा कि यदि किसानों को फसल क्षति मुआवजा नहीं दिया गया तो होगा आंदोलन तेज होगा।

यहां खेग्रामस के जीबछ पासवान, उपेंद्र राय, किसान महासभा के महावीर पोद्दार, ब्रहमदेव प्रसाद सिंह, फूलेंद्र प्रसाद सिंह, इनौस के आशिफ होदा, अनील चौधरी, आइसा के गंगा पासवान, मो. फरमान, इंसाफ मंच के डॉ खुर्शीद खैर, कौशर अख्तर खलील, ऐपवा के अनीता देवी, शोभा देवी, भाकपा माले जिला कमिटी सदस्य फूल बाबू सिंह, रामचंद्र पासवान, अमित कुमार, दिनेश कुमार, अजय कुमार, छट्ठू प्रसाद, सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने आयोजित सभा को संबोधित किया।

इस अवसर पर माले जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार के नेतृत्व में 17 सूत्री स्मार-पत्र जिलाधिकारी को सौंपकर जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित कर तत्काल राहत कार्य चलाने, किसान को फसल क्षति मुआवजा देने, केसीसी लोन एवं मालगुजारी माफ करने, पशु चारा उपलब्ध कराने, शहर से लेकर खेत तक से जल निकासी कराने की मांग, अन्यथा आंदोलन तेज करने की घोषणा की।

नोमिनेशन में आये शंकर सिंह ने बताया कि माले के हजारों लोगों के जुलूस के कारण लगा जाम से शहर अस्त- व्यस्त रहा। सूत्रों के अनुसार नगर थानाध्यक्ष समेत अन्य अधिकारियों द्वारा आंदोलनकारियों से वार्ता कर जाम समाप्त कराया गया।

मौके पर जिला सचिव प्रो. उमेश कुमार ने कहा कि बाढ़ एवं अतिवृष्टि से 4 महिने से शहर- मुहल्ला से गांव- खेत तक जल प्लावित है। खेत में लगा फसल समेत पेड़-पौधे, बाग-बगीचे तक बर्बाद हो गया है। पशु चारा का आभाव है। खेत में जल जमाव से अगली फसल लगाना भी असंभव है।

बाबजूद इसके नीतीश सरकार के निर्देश के आलोक में जिलाधिकारी जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित करने से आनाकानी कर रहे हैं। माले नेता ने कहा कि अगर जिले को बाढ़ग्रस्त घोषित कर तत्काल राहत कार्य शुरू नहीं किया जाता है, तो भाकपा माले आंदोलन तेज करेगी।

उन्होंने आगामी 27 सितंबर को भारत बंद में हजारों की संख्या में सड़क पर उतरकर सफल बनाने की अपील उपस्थित आंदोलनकारियों से की।

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