भाकपा माले का उपायुक्त कार्यालय पर एकदिवसीय धरना-प्रदर्शन

एस.पी.सक्सेना/बोकारो। शिक्षक पिटाई के बाद बालिडीह थाना (Balidih Police station) प्रभारी के खिलाफ किसी प्रकार की विभागीय कार्रवाई नहीं होने से आक्रोशित भाकपा माले कार्यकर्ताओं ने 8 फरवरी को बोकारो उपायुक्त कार्यालय के सामने एक दिवसीय धरना-प्रदर्शन दिया।

पूर्व घोषित धरना कार्यक्रम (Picketing Program) में सैकड़ो माले समर्थक शामिल हुए। इस धरना कार्यक्रम की अध्यक्षता माले नेता कॉमरेड विकास कुमार सिंह और संचालन कॉ बालेश्वर गोप ने किया।

इस धरना कार्यक्रम को भाकपा माले पोलित ब्युरो सदस्य कॉ जनार्दन प्रसाद ने मुख्य अतिथि के रूप में सम्बोधित करते हुए कहा कि बालीडीह थाना द्वारा एक निर्दोष शिक्षक अमानत हुसैन और उनकी पत्नी साबरा बेगम की पिटाई प्रकरण को अलग थलग करके नही देखना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में प्रशासन (Administration) का साम्प्रदायिकीकरण हो गया है। झारखंड का पुलिस प्रशासन भी इससे अछूता नही है। देश का माहौल अभी ठीक नही है। एक तरफ देश (Country) मे भयंकर बेरोजगारी है। महंगाई है, लेकिन बजट में भी इस पर सरकार चुप है।

कॉरपोरेट घरानों को सदा की तरह छूट इस बार भी केन्द्र सरकार ने दिया है। इसलिए सरकार (Government) की दिशा जनपक्षीय नही है। झारखंड सरकार भी उसी भाजपाई साम्प्रदायिक फासीवादी नक्शे कदम पर चल रही है। उन्होने कहा कि धरना के जरिए जो मांग थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई तथा मुआवजे के लिए उठाया गया है, उस संघर्ष को आगे बढा़ने की जरुरत है।

धरना कार्यक्रम को भाकपा माले बोकारो जिला सचिव देवदीप सिंह दिवाकर, राज्य कमिटी सदस्य जे एन सिंह, जिला कमिटी सदस्य विकास कुमार सिंह, बालेश्वर गोप, बालेश्वर यादव, पंचानन मंडल, एस एन प्रसाद, दुलाल प्रमाणिक, रघुवीर राय, बालगोबिंद मंडल, एस एन प्रसाद, शोभा देवी, सुरेन्द्र यादव, मोती यादव, प्रमोद कुमार, सद्दाम, आदि।

अलका मिश्रा, रौशन जहां, युनाइटेड मिल्ली फोरम के सचिव अफजल अनिस, लोकनाथ सिंह, जवाहर शर्मा, कुद्दुश, आर पी वर्मा आदि ने भी सम्बोधित किया। सभा के अंत में बालीडीह थाना प्रभारी के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग को लेकर एक ज्ञापन डीसी को सौंपा गया।

जिसमें कहा गया कि बालीडीह थाना के हद में मकदूमपुर निवासी शिक्षक अमानत हुसैन व उनकी पत्नी साबरा बेगम को 30 दिसंबर की रात चोरी के एक मामले में शक के आधार पर थाना में रातभर बेरहमी से मारा गया व अमानवीय यातना दी गई, जबकि इनके खिलाफ कहीं से कोई शिकायत नहीं थी।

इस मामले में शिक्षक अमानत हुसैन और उनकी पत्नी बुरी तरह घायल हो गये थे। शिक्षक अमानत हुसैन आजतक चलने-फिरने में असमर्थ हैं।

ज्ञापन में कहा गया कि उक्त मामले को मीडिया में आने एवं कुछ सामाजिक कार्यकर्ताओं द्वारा उठाने पर वरीय पदाधिकारी द्वारा जाँच की औपचारिकता पूरी कर थाना प्रभारी को क्लीन चिट दे दिया गया। जिसका पीड़ित परिवार व आम जनमानस में काफी क्षोभ है।

कहा गया कि बालीडीह थाना प्रभारी नूतन मोदी द्वारा किया गया ये अमानवीय कृत्य कानून, न्याय और प्रशासन के लोककल्याणकारी चरित्र पर गंभीर सवाल खड़ा करता हैं। प्रत्येक नागरिक के संवैधानिक अधिकारों व मानवाधिकारों की सुरक्षा की जिला प्रशासन से उम्मीद की जाती है।

इसलिए बालीडीह थाना प्रभारी द्वारा किए गए उक्त अमानवीय कृत्य की न्यायिक जाँच कर दोषियों के खिलाफ कानून सम्मत कदम उठाए जाए। जिससे आमलोगों का कानून-व्यवस्था एवं प्रशासन पर विश्वास कायम रहे।

मौके पर उपरोक्त वक्ताओं के अलावा दुलाल प्रमाणिक, साबरा बेगम (शिक्षक अमानत हुसैन की पत्नी), रोशन जहाँ (शिक्षक की पुत्री), सामाजिक कार्यकर्ता साजिद सहीत सैकड़ों लोग उपस्थित थे।

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