भू-समाधान कैंप में लगा फरियादियों का मेला

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। वैशाली जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित समाहरणालय परिसर में 29 जुलाई को आयोजित भू- समाधान शिविर का उद्घाटन जिला पदाधिकारी और आरक्षी अधीक्षक वैशाली द्वारा किया गया।

भूमि विवाद के मामलों को निबटाने के लिए आयोजित इस शिविर में वैशाली के तीनो अनुमंडल हाजीपुर, महुआ और महनार के 16 अंचल और कई पंचायत से आवेदक पहुंचे। कैंप में कुल 620 आवेदन प्राप्त किए गये।

प्राप्त जानकारी के अनुसार भू- समाधान शिविर में प्राप्त आवेदन पत्रों में दाखिल खारिज, परिमार्जन, भूमि पर अवैध कब्जा तथा सरकारी भूमि पर अतिक्रमण संबंधी मामले शामिल थे। शिविर में अपना अपना आवेदन जमा कराने के लिए फरियादियो की लम्बी कतारें लगी थी। अपनी समस्या के समाधान की आशा लिए फरियादी घंटो लाइन में लगे रहे।

इस अवसर पर वैशाली के जिला पदाधिकारी (डीएम) यशपाल मीणा ने कैंप में आए फरियादीयों से कहा कि बिहार सरकार और जिला प्रशासन भूमि संबंधी मामलों के समाधान के लिए कृत संकल्प है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा इस दिशा में कई कदम उठाए गए हैं।

कहा कि प्रत्येक शनिवार को जिले के प्रत्येक थाना में भूमि विवाद के निबटारे के लिए बैठकें होती है। इसमें अंचल अधिकारी के साथ थानाध्यक्ष शामिल रहते हैं। उन्होंने कहा कि आम रहिवासियों के बीच एक सामान्य धारणा है कि थाना पर जाएंगे तो भूमि विवाद सुलझ जाएगा। लेकिन उन्हें यह पता होना चाहिए कि किसी भी भूमि विवाद को सुलझाने के लिए अंचलाधिकारी या राजस्व पदाधिकारी को आवेदन देना है।

डीएम मीणा ने कहा कि जिला प्रशासन द्वारा जुलाई के प्रथम पक्ष में सभी पंचायत के हलका में राजस्व कैंप लगाया गया, जिसमें भूमि से जुड़े 17 हजार से अधिक मामलों को निष्पादित किया गया।

उन्होंने बताया कि जिला मुख्यालय से प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से सभी अंचलाधिकारी, राजस्व पदाधिकारी की उपस्थिति ली जाती है, ताकि वे समय पर पहुंच कर आम जनों के कार्य को निष्पादित कर सकें। उन्होंने कहा कि सभी लाभूक हलका कर्मचारी से ही कार्य के लिए संपर्क करें। इसके अलावा आपस में सुलह कर भी विवाद निबटाएं।

उन्होंने वैशाली के अपर समाहर्ता को निर्देश दिया कि जितने भी हलका कर्मचारी हैं, उनकी सूची, संपर्क नंबर के साथ अंचल अधिकारी के कार्यालय में लगवाया जाए। उन्होंने कहा कि गलती करने वाले दोषी कर्मचारी दंडित होंगे। बताया कि लापरवाही के कारण जिले में अभी तक 10 राजस्व कर्मचारियों पर कार्रवाई हो चुकी है।

इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक (एसपी) हर किशोर राय ने शिविर में आए फरियादियों से कहा कि भूमि विवाद के मामलों में जन जागरूकता आवश्यक है। जागरूकता और जानकारी के अभाव में रहिवासी कभी थाने का चक्कर लगाते हैं।

कभी इधर-उधर भटकते रहते हैं। भू-समाधान कैंप एक सार्थक पहल है। इसके माध्यम से उन्हें ज्ञात हो सकेगा कि भूमि संबंधी विवाद के निपटारे के लिए कहां जाना है और कहां नहीं जाना है। उन्होंने कहा कि अगर आप अपने अहंकार को किनारे कर दें और सुलह समझौते के लिए मानसिक रूप से तैयार हो जाए तो ढेर सारे विवाद स्वतः सुलझ जाएंगे।

उक्त शिविर में उपरोक्त के अलावा जिले के सभी अंचल के अंचलाधिकारी, राजस्व कर्मी सहित जिले के सभी भूमि सुधार उप समाहर्ता, अपर कलेक्टर, सभी थानों के थानाध्यक्ष उपस्थित थे। ज्ञात हो कि, उक्त शिविर में अधिकारियों का संबोधन तो बहुत हुए, लेकिन फरियादियों को भूमि संबंधि कार्यों के लिए होनेवाली परेशानियों को रखने का मौका नही मिला। यह चर्चा का विषय बना है।

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