जान जोखिम में डालकर जर्जर स्कूल में पढ़ने को मजबूर बुंडू गांव के बच्चे

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में नक्सल प्रभावित कोल्हान जंगल क्षेत्र टोंटो प्रखंड का बुंडू गांव स्थित मध्य विद्यालय काफी जर्जर स्थिति में है। दशकों पुरानी दो कमरे वाले इस स्कूल भवन का छत पर आज भी खपड़ा छाया है। हल्की वर्षा से स्कूल के अंदर पानी टपकने लगता है।

जानकारी के अनुसार इससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो जाती है। स्कूल के छत में लगा लकड़ी का बींब (धरन) भी काफी जर्जर हो चुका है। वह कभी भी टूटकर खपड़ा का पूरा छत के साथ कभी भी गिरकर बच्चों को भारी नुकसान पहुंचा सकता है।

ज्ञात हो कि, इस विद्यालय में 73 नामांकित बच्चे हैं। कक्षा 1 से 8 तक के छात्रों को पढ़ाने के लिये एक स्थायी शिक्षक सुनील मुर्मू एवं एक पारा शिक्षक पादरी लागुरी नियुक्त हैं। बच्चों का मध्याह्न भोजन बनाने के लिये दो खानसामा हैं।

गांव के सहायक मुंडा राजेश पूर्ति व अन्य ग्रामीणों ने 29 अक्टूबर को बताया कि सरकार जल्द कम से कम पांच कमरों का नया स्कूल भवन बनाए अन्यथा यह स्कूल भवन कभी भी गिर सकता है। पूर्ति ने बताया कि पूर्व में यहां दो कमरे का नया स्कूल भवन बनाया जा रहा था, लेकिन वह भारी भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर आज तक निर्माण नहीं हो सका। इस अधूरे भवन के पूरे पैसे की निकासी की बात कही जा रही है। अगर स्कूल भवन का खपड़ा का छत गिरा तो बच्चों को भारी नुकसान के साथ-साथ शिक्षा पूरी तरह से प्रभावित होगा।

रहिवासियों द्वारा कहा जा रहा है कि पांच कमरों वाले नये स्कूल भवन की स्वीकृति मिल गई है, लेकिन अब तक बनना प्रारम्भ नहीं हुआ है। स्कूल का चापाकल भी खराब है। उसमें लगा सोलर सिस्टम पर जब तक धूप पड़ता है, तो पानी आता है, लेकिन पेड़ों की छाया आने पर यह चलना बंद हो जाता है। कहा गया कि सरकार उक्त गांव की शिक्षा व्यवस्था को सुधारे।

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