छठ व्रतीयों ने अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ देकर की आराधना

प्रहरी संवाददाता/विष्णुगढ़ (हजारीबाग)।  विष्णुगढ़ प्रखंड के हद में गाल्होवार शिव मंदिर स्थित तालाब छठ घाट में 30 अक्टूबर मुहूर्त 05:11 अपराह्न को अस्ताचलगामी सूर्य देव को अर्घ दिया गया।

इस दौरान छठ घाट में छठ व्रतीयों और श्रद्धालुओं में काफी उत्साहित देखने को मिला। छठ व्रतियों ने छठ पूजा के प्रथम अनुष्ठान नहाय-खाय के साथ खरना लोंहड के बाद 36 घंटा निर्जला उपवासना कर जलाशय तट के निर्मल जल स्नान कर अस्ताचलगामी भगवान सूर्य देव से आराधना की।

साथ ही इस अवसर पर दूध, नारियल, केला, ईख, गाजर, मुली, ठेकुआ, शरीफा, सेव, अदरक, आंवला, पानी फल, संतरा, अनानास, शकरकंद, अमरूद, नाशपाती, जाफर, हल्दी, बैर, सूप, दोरी, धूप, धवन, फल-फूल के साथ भोग कराएं।

लोक आस्था का महापर्व छठ पूजा का हिंदू धर्म में अलग महत्व है। यह एकमात्र पर्व हैं जिनमें ना केवल उदयाचल सूर्य की पूजा की जाती है, बल्की अस्ताचलगामी सूर्य को भी पूजा जाता है। मान्यता हैं कि छठ देवी सूर्य देव की बहन हैं। उन्हीं को प्रसन्न करने के लिए भगवान सूर्य की अराधाना की जाती है।

केवल छठ में ही डूबते सूर्य को अर्घ देने का प्रावधान है। ऐसी मान्यता है कि सायंकाल में सूर्य देव एवं उनकी पत्नी देवी प्रत्युषा की भी उपवासना की जाती है। जल में खड़े होकर अर्घ देने की परंपरा है।

इस अवसर पर छठ घाट परिसर में स्थानीय ग्रामीणों ने अपने स्तर से छठ घाट को साफ-सफाई से चमका कर व्रतियों की सुविधा के लिए टेंट के साथ जगह जगह लाइट की व्यवस्था किया था। घाट में हजारों की संख्या में छठ व्रती, श्रद्धालूगण, जनप्रतिनिधि, ग्रामीण रहिवासी उपस्थित थे।

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