सीएमपीएफ घोटाला को लेकर सीसीएल सीकेएस ने सांसद को सौंपा ज्ञापन

सीएमपीएफ में घोटाले को भारतीय मजदूर संघ कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी-रविंद्र

एन. के. सिंह/फुसरो (बोकारो)। भारतीय मजदूर संघ से संबद्ध सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ ने कोयला कर्मचारियों के सीएमपीएफ में हुए घोटाले की सीबीआई जांच की मांग को लेकर 26 दिसंबर को गिरिडीह सांसद को मांग पत्र सौंपा।

सीसीएल सीकेएस के कार्यकारी अध्यक्ष सह संयुक्त सलाहकार संचालन समिति सदस्य रवीन्द्र कुमार मिश्रा के नेतृत्व में बेरमो कोयलांचल के तीनो क्षेत्र ढोरी, बीएंडके तथा कथारा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं द्वारा सांसद को मांग पत्र सौंपने का कार्य संगठन द्वारा किया गया।

मौके पर मिश्रा ने कहा कि आज का ज्ञापन सीसीएल सीकेएस के महामंत्री राजीव रंजन सिंह द्वारा लिखित लेटर पैड पर संगठन द्वारा सासंद को दिया गया है, क्योंकि कोयला कर्मियों की मेहनत की कमाई 1.5 लाख करोड रुपये का भविष्य निधि और पेंशन फंड धनबाद स्थित सीएमपीएफ द्वारा घोटाला किया गया है।

इसके लिए भारतीय मजदूर संघ पूर्व में भी 24 मार्च 2022 को पुरे कोल इंडिया स्तर पर संबंधित क्षेत्र के सीएमपीएफ कार्यालय के मुख्यालय पर ज्ञापन देने का कार्य कर चुकी है। वहीं आज पूरे कोल इंडिया स्तर संबंधित क्षेत्र के सांसदों को संगठन द्वारा मांग पत्र ज्ञापन सौंपा जा रहा है।

मिश्रा ने कहा कि यह काफी दुर्भाग्यपूर्ण है कि कोयला कर्मचारियों की मेहनत की कमाई सीएमपीएफ द्वारा दुरुपयोग किया जा रहा है। हमारा संगठन ऐसा कत्तई बर्दाश्त नहीं करेगी। संगठन ऐसा मानता है कि सीएमपीएफ भ्रष्टाचार का अड्डा बन गया है, तभी तो वर्ष 2015-18 के दौरान बिना सोचे समझे दीवान हाउसिंग फाइनेंस लिमिटेड में 1,390.25 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था।

इसलिए आज हम सभी सीसीएल सीकेएस कार्यकर्ताओं द्वारा गिरिडीह सांसद को मांग पत्र सौंपने का कार्य संगठन द्वारा किया जा रहा है, क्योंकि सीएमपीएफ के संबंधित अधिकारियों ने गैर-परिवर्तनीय डिवेंचर के शीघ्र मोचन के लिए समय पर उचित कदम नहीं उठाए। इसके कारण 727.67 करोड़ रुपये का नुकसान सीएमपीएफ फंड को हुआ। सीएजी ने भी वार्षिक खातों की रिपोर्ट में गंभीर आपत्ति तथा टिप्पणी की है।

मिश्रा ने कहा कि इसी तरह वर्ष 2011-14 के दौरान इन्फ्रास्टक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज में 102.43 करोड़ रुपये और रिलायंस कैपिटल में 150 करोड़ रुपये का निवेश किया गया था। हालांकि, कंपनियों के परिसमापन में जाने से पहले सीएमपीएफ अधिकारियों द्वारा राशि वापस लेने के लिए कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया, जिससे कोयला कर्मचारियों के सीएमपीएफ फंड में काफी नुकसान हुआ।

सीएमपीएफ द्वारा कोई ठोस कदम भी नहीं उठाया गया। निजी कंपनियों में कितना निवेश किया गया है और उसका भविष्य क्या होगा सीएमपीएफ प्रबंधन द्वारा कोई पारदर्शिता नहीं थी। उपरोक्त विषय की गंभीरता को ध्यान में रखते हुए उचित कदम उठाकर कोयला कर्मियों के पेंशन/पीएफ फंड को बचाने में भारतीय मजदूर संघ भारत सरकार से सहयोग की अपेक्षा करती है।

उपरोक्त माँग में भारतीय मजदूर संघ की ओर से विभिन्न सुझाव दिए गए है जो विन्दुवार रूप से इस प्रकार है। उपरोक्त घोटालों की जांच सीबीआई से कराएं। साथ ही दोषियों को दंडित करें, निकासी की गई राशि पारदर्शिता के साथ वसूली किया जाए।

वित्तीय पृष्ठभूमि और अनुभव वाले एक कुशल आयुक्त को नियुक्त किया जाए। संगठन के सभी माँगो पारदर्शिता के साथ समाधान किया जाए तथा पुरी प्रणाली को डिजिटल बनाया जाए। निजी संस्थाओं में निवेश नहीं करे, जब तक भारत सरकार गांरटी नहीं दें।

सांसद को ज्ञापन सौंपने के दौरान भारतीय मजदूर संघ बोकारो जिला मंत्री सन्त सिंह, सीसीएल कोलियरी कर्मचारी संघ के संगठन मंत्री रामेश्वर मंडल, उपाध्यक्ष दिलीप कुमार, ढोरी क्षेत्र के क्षेत्रीय सचिव विनय कुमार सिंह, नुनुचंद महतो, हीरालाल रविदास, बीरेंद्र प्रसाद गुप्ता, राजेश पासवान, सोमनाथ मिश्रा, फुली गोप, ललन मल्लह, बीएन्डके से विनय पाठक, रामनिहोरा सिंह, दिलिप मारीक, कथारा से आर.इगनेश, टिकैत महतो आदि उपस्थित थे।

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