बेरमो के अनुमंडलाधिकारी एवं सीसीएल प्रबंधन ने भूमि- रैयतों से की वार्ता

कोलियरी क्षेत्र में बिजली खम्भे गाड़ने की योजना का भूमि-रैयत कर रहे विरोध
अजित जायसवाल/पेटरवार(बोकारो)। लंबे समय से बंद पड़ी सीसीएल ढोरी क्षेत्र (CCL Dhory Area) की पिछरी कोलियरी को नए सीरे से चालू किये जाने सम्बंधी उत्पन्न हो रही अड़चनों को दूर करने के उद्देश्य से 8 जनवरी को पीछरी उत्तरी पंचायत सचिवालय में बेरमो एसडीएम व सीसीएल अधिकारियों ने पिछरी के रैयतों व ग्रामीणों के साथ बैठक किया। बैठक में रैयतों से उनकी समस्याओं के बारे में अलग से पूछताछ की गयी।
अनुमंडल पदाधिकारी अनन्त कुमार ने रैयतों से कहा कि पिछरी कोलियरी चालू करने के दौरान यहां उनके अधिकार व हितों को पुरी तरह से ध्यान दिया जाएगा। कोलियरी में भूमि देने वाले रैयत को उसका उचित अधिकार से वंचित नही हो इसका ख्याल प्रबंधन को करना ही होगा। उन्होंने कहा कि सीसीएल द्वारा अधिग्रहित भूमि का सत्यापन कर रैयतों को नियोजन, मुआवजा व पुनर्वास दी जाएगी। इसके पूर्व प्रबंधन भूमि की स्थिति स्पष्ट करें तथा भूमि सत्यापन का कार्य धरालत में उतारने को अग्रसर हो।
अनुमंडल पदाधिकारी ने रैयतों को चेताया कि वे जिद्द में आकर कानून को हाथ में लेकर प्रबंधन के कार्यों में बाधक न बनें। पेटरवार के अंचलाधिकारी प्रणव अम्बष्ट ने स्पष्ट किया कि पिछरी कोलियरी की अधिग्रहित रैयती व गैरमजरूआ भूमि के सत्यापन का कार्य एक दो सप्ताह तक अंचल कार्यालय द्वारा पूरा कर लिया जायेगा। कहा कि खरीदी गयी भूमि यानी जो खतियानी नही है उसकी कॉलम में खतियान अनुपलब्ध है। यह दर्ज होगी, जिससे उसे उसका अधिकार मिल सके। उन्होंने कहा कि पिछरी कोलियरी सीसीएल द्वारा अधिग्रहण के पूर्व खरीदी गई भूमि का दाखिल खारिज नही होगी। वैसी भूमि के सत्यापन में अड़चन नही आने दिया जाएगा।
सीसीएल ढोरी क्षेत्र के महाप्रबंधक मनोज कुमार अग्रवाल (Genral Manager Manoj Kumar Agrawal) ने कहा कि रैयतों व विस्थापितों को उसके अधिकार से वंचित नही किया जायेगा। उन्होंने कहा कि कॉलोनी में 38 खम्भे गाड़े जाने हैं। इस कार्य में रैयतों का व्यापक सहयोग अपेक्षित है। उन्होंने खुलासा करते हुए कहा कि पिछरी कोलियरी अधिग्रहित क्षेत्र में 458 एकड़ में 300 एकड़ रैयती जमीन है, जिसमे 150 लोगों को नियोजन दिया जाएगा। ऐसी भूमि को राज्य सरकार द्वारा सत्यापन कर दो एकड़ में नौकरी और 1 एकड़ जमीन के बदले 9 लाख रुपये मुआवजा दिया जायेगा। जीएम ने कहा कि विस्थापित परिवार को 5 डिसमिल भूमि व 18 वर्ष के वयस्क पारिवारिक सदस्य को 3 लाख तक की रोजगार व आर आर पॉलिसी के तहत सुविधा दी जायेगी। उन्होंने कहा कि नौकरी नहीं लेने वाले रैयतों को 1 एकड़ भूमि के एवज में लगभग 44 लाख रुपया बाजार मूल्य के हिसाब से दिया जाएगा। कहा कि महाप्रबंधक कार्यालय में कागजात के साथ आवेदन देने वाले को सीसीएल उचित लाभ भी देगी। अग्रवाल के अनुसार 10 एकड़ जमीन के मुआवजा के तहत राशि आवंटन की गई है। प्रबंधन 498 एकड़ में खदान चालू करना चाहती है। इसमें सबो का व्यापक सहयोग की अपेक्षा है। महाप्रबंधक अग्रवाल ने ग्रामीणों से बिजली खम्भों को गाड़ने में सहयोग की अपील की।
दूसरी ओर कई रैयतों ने सीसीएल प्रबंधन के क्रियाकलापों पर प्रश्न खड़ा कर दिए। साथ ही बिजली पोल गाड़ने का जोरदार विरोध किया। पिछरी विस्थापित संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष निर्मल चौधरी ने पूर्व की बातों को दुहराते हुए कहा कि रैयतों को बिना मुआवजा दिए सीसीएल प्रबंधन को कोई कार्य नही करने दिया जाएगा। चौधरी ने कहा कि उक्त 34.34 एकड़ जमीन में 7 एकड़ जमीन का न्यायालय में मामला लंबित है। ऐसे में प्रबंधन कोलियरी में कैसे कार्य कर सकती है। वहीं कोलियरी से सटे जामटाड़ निवासी निमाई सिंह ने कहा कि सीसीएल प्रबंधन तीन बार कागजात जमा लेने के बाद अभी तक नौकरी, मुआवजा व पुनर्वास नही दिया। ऐसे में पोल कैसे लगाने दें? पिछरी उत्तरी पंचायत की मुखिया कल्पना देवी ने कोलियरी चालू करने में सकारात्मक सहयोग करने की बात कही।
मौके पर पेटरवार थाना प्रभारी पूनम कुजूर, अंचल निरीक्षक महादेव सोरेन, राजस्व कर्मचारी परमेश्वर मांझी, ढोरी एरिया के एसओपी प्रतुल कुमार, एसओ(पीएण्डपी) महेश कुमार पासी, सहायक मैनेजर पर्सनल सुरेश सिंह, सहायक प्रबंधक आशीष अंचल, अमलो पीओ एके शर्मा, राजस्व कर्मी भरत कुमार मंडल, ग्रामीणों में निवारण मिश्रा, ब्रजेश मिश्रा, प्रवेश मिश्रा, रमेश चंद्र दास, अशोक महतो, पंकज मिश्रा, दीपक मिश्रा, निरंजन मिश्रा, दिलचन्द महतो आदि उपस्थित थे।

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