बीडीओ ने नल-जल शिकायत जांच के लिए पीएचडी कार्यपालक अभियंता को भेजा पत्र

पीएचडी प्रधान लिपिक की करतूतों के कारण योजना में नहीं हो रहा सुधार-अयुब खान

एस. पी. सक्सेना/लातेहार (झारखंड)। लातेहार जिला के हद में चंदवा प्रखंड के कामता पंचायत समिति सदस्य अयुब खान द्वारा द्वारा भ्रष्टाचार के खिलाफ चलाये गये मुहिम अब रंग लाने लगा है।

जानकारी के अनुसार माकपा नेता व् कामता पंसस अयुब खान द्वारा बीते वर्ष 15 दिसंबर को कामता पंचायत सचिवालय में आयोजित आपकी योजना, आपकी सरकार, आपके द्वार कार्यक्रम में पंचायत के ग्राम भुसाढ़, हिसरी तथा चटुआग में नलजल योजना के बुरा हाल को लेकर चंदवा के बीडीओ विजय कुमार को शिकायती पत्र दिया गया था।

बताया जाता है कि बीडीओ ने बीते माह 19 जनवरी को उक्त शिक़ायती पत्र को प्रखंड कार्यालय के पत्रांक 68 के द्वारा जांच कर कार्रवाई के लिए पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल लातेहार के कार्यपालक अभियंता को पत्र प्रेषित किया है। पत्र के साथ शिकायती पत्र को भी संलग्न किया गया है।

ज्ञात हो कि पंसस खान के शिकायती पत्र में कहा गया है कि कामता पंचायत के ग्राम भुसाढ़ में जल जीवन मीशन, हर घर नल-जल योजना में लगाए गए सभी टावर एंगल की गुणवत्ता और टावर की फाउंडेशन, चापानल की प्लेट फार्म की जांच कर अधुरे कार्यों को जल्द पूरा कराया जाय।

कहा गया कि ग्राम हिसरी में उक्त योजना में लगे सभी टावर एंगल की गुणवत्ता और फाउंडेशन की जांच की जाय, साथ ही फाउंडेशन के गढ्ढे को भरकर प्लास्टर कराया जाय। ग्राम चटुआग में लगे सभी टावर एंगल की गुणवत्ता और फाउंडेशन की जांच की जाय। साथ ही सभी चापानल में प्लेट फार्म बनाया जाय तथा सभी घरों में पानी आपूर्ति कराई जाय।

ग्राम अंम्बादोहर में जल जीवन मीशन योजना कार्य में तेजी लाकर जल्द से जल्द सभी घरों में पानी की आपूर्ति कराई जाय। इस संबंध में पंसस खान ने 11 फरवरी को बताया कि कामता पंचायत के चटुआग, भुसाढ़, हिसरी में जल जीवन मीशन योजना, हरघर नलजल कार्य का हाल बहुत ही खराब है।

उन्होंने बताया कि ग्राम चटुआग में आधी आबादी को नलजल का पानी नहीं मिल रहा है। कहा कि ग्राम भुसाढ़ में सभी टावर फाउंडेशन निर्माण में अनियमित्ता बरती गई है। फाउंडेशन के गढ्डों को बिना भरे, बगैर प्लास्टर किए छोड़ दिया गया है। चापानलों में प्लेट फार्म भी नहीं बनाया गया है। कई घरों में पानी ही नहीं पहुंच पाई है, कार्य भी काफी धीमी गति से और रुककर किया जा रहा है।

उन्होंने बताया कि ग्राम हिसरी में भी बनाये गये सभी टावर फाउंडेशन में अनियमित्ता बरती गई है। फाउंडेशन के गढ्डों को बिना भरे, बगैर प्लास्टर किए छोड़ दिया गया है। यही हाल ग्राम चटुआग में भी है।

जबकि यहां के डुमरखाड़ मे गोबिंद गंझु के घर के समीप लगे नलजल से सामने से करीब एक दर्जन परिवारों के घरों में पानी नहीं जा रहा है। बताया कि परहैया टोला में आदिम जनजाति परिवार नलजल पानी के लिए तरस रहे हैं। आधे घंटे पानी चलती है, उसके बाद नल में पनी आना बंद हो जा रहा है। पोक्या और चिरोखाड़ में नलजल का यही हाल है।

खान ने बताया कि फाउंडेशन के गढ्डों को बिना भरे प्लास्टर किए ही छोड़ दिए जाने से गड्ढों में गिरकर जान माल का नुकसान हो सकता है। हर घर नल-जल योजना में संवेदकों द्वारा घटिया सामानों का उपयोग किया गया है। घटिया सामग्री और घोर अनियमित्ता लापरवाही के कारण उक्त योजना यहां फ्लॉप साबित हो रहा है। इन गांवों के कई आदिम जनजाति और आदिवासी परिवारों को जल जीवन मीशन के तहत पानी नहीं मिल रहा है।

पंसस अयुब खान ने कहा कि पीएचडी के प्रधान लिपिक (बड़ा बाबू) की करतूतों के कारण नलजल योजना में सुधार नहीं हो पा रहा है।
जांच को पीएचडी के प्रधान लिपिक (बड़ा बाबू) प्रभावित कर ठीकेदारों को अनियमितता बरतने, भ्रष्टाचार करने के लिए बढ़ावा दे रहे हैं। बड़ा बाबू के ही कारण नल-जल योजना में सुधार नहीं हो रहा है।

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