हाजीपुर, मुजफ्फरपुर एवं बरौनी में उपलब्ध कराई गई बेस कीचेन सुविधा

अब ट्रेनों में यात्रियों को बेस कीचेन से तैयार भोजन उपलब्ध होगी

सीनियर डीसीएम द्वारा किया गया बेस किचन का निरीक्षण

प्रहरी संवाददाता/सारण (बिहार)। पूर्व मध्य रेलवे के हद में सोनपुर रेल मंडल के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर एवं बरौनी स्टेशन में बेस किचन की सुविधा दी गई है । हाजीपुर में चार, मुजफ्फरपुर एवं बरौनी में तीन-तीन बेस किचन स्थापित किए गए हैं।फ़िलहाल वैशाली एक्सप्रेस एवं बिहार सम्पर्क क्रांति एक्सप्रेस में हाजीपुर बेस किचन से तैयार भोजन यात्रियों को उपलब्ध कराया जा रहा है ।

सोनपुर रेल मंडल के पीआरआई सुबोध कुमार ने 25 अगस्त को उपरोक्त जानकारी देते हुए बताया कि चाहे आप अकेले यात्रा कर रहे हों या सपरिवार हों या फिर नवरात्री हो या सावन मास। घर का बना खाना साथ ले जाने के लिए समय और ऊर्जा निकालना आपके लिए एक कठिन कार्य लग रहा है, तो टेंशन न ले।

क्योंकि अब यात्रियों को ट्रेनों के पेंट्रीकार से बेस किचन में निर्मित भोजन, घर के खाना का अनुभव प्रदान करेगी। उन्होंने बताया कि ट्रेनों एवं प्लेटफॉर्मो पर खानपान की व्यवस्था में गुणवत्ता के साथ पारदर्शिता लाने के लिए सोनपुर रेल मंडल में आधुनिक खाना पकाने के उपकरणों से सुसज्जित बेस किचन का प्रावधान किया गया है। कहा गया कि वर्तमान में सोनपुर रेल मंडल के हाजीपुर, मुजफ्फरपुर एवं बरौनी में बेस किचन की सुविधा दी गई है।

पीआरआई कुमार ने बताया कि मंडल के सीनियर डीसीएम रौशन कुमार ने बीते दिनों हाजीपुर, मुजफ्फरपुर एवं बरौनी बेस किचन का निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने तय मानक के अनुसार सभी चीज़ों को व्यवस्थित करने का निर्देश भी दिया। उन्होंने बताया कि बेस किचन एक सेंट्रलाइज्ड सीसीटीवी कैमरा युक्त किचन यूनिट है।

इसके अंतर्गत आईआरसीटीसी द्वारा खाना पकाने और पैकिंग की सुविधा होती है, जहां से भोजन तैयार किया जाता है और ट्रेनों में आपूर्ति की जाती है। पेंट्रीकार में उसे गर्म रखने और सर्विस देने की सुविधा रहेगी।

इसके अलावा, बेस किचन से आपूर्ति किए जाने वाले भोजन पैकेटों पर क्यूआर कोड की सुविधा भी धीरे-धीरे लागू की जा रही है। बेस किचन से यात्रियों को सीधे तौर पर भोजन की बिक्री नहीं की जाएगी।

उन्होंने बेस किचन की विशेषता बताते हुए कहा कि परिसर को साफ रखना और नियमित रूप से कीट नियंत्रण करना। खाना पकाने के लिए पीने योग्य पानी का उपयोग करना तथा गर्म भोजन को 60 डिग्री सेल्सियस से ऊपर तथा ठंडे भोजन को 5 डिग्री सेल्सियस से नीचे रखना। शाकाहारी और मांसाहारी भोजन को अलग-अलग कुक तथा स्टोर करना।

साथ ही शाकाहारी और मांसाहारी खाद्य पदार्थों के लिए अलग-अलग चाकू, चॉपिंग बोर्ड का उपयोग करना। रोटी बनाने के लिए रोटी मेकर मशीन का उपयोग करना।साफ और अलग डस्टर का उपयोग करना तथा खाद्य अपशिष्ट के लिए अलग और ढके हुए डस्टबिन रखना इत्यादि शामिल है।

बताया गया कि इन सबके अलावा यह भारतीय खाद्य सुरक्षा एवं मानक प्राधिकरण (एफएसएसएआई) के स्वच्छता नियमों का भी पालन करता है। नई व्यवस्था के तहत अब एक रूट की 5 से 10 ट्रेनों का एक समूह बनाया गया है। इन ट्रेनों में खाना उपलब्ध कराने के लिए बेस किचन बनाए गए हैं। इससे यात्रियों को जरूरत के वक्त ताजा भोजन मिलेगा।

उन्होंने बताया कि इसे इस तरह से समझते हैं कि कटिहार से कोई ट्रेन दिल्ली रूट पर जा रही है। उसके यात्रियों को रात में आठ से नौ बजे के बीच खाना की जरूरत होगी। उस वक्त अगर ट्रेन बरौनी में होगी, तो उसे वहां से भोजन उपलब्ध करा दिया जाएगा।

अगर वही ट्रेन मुजफ्फरपुर या हाजीपुर के आस-पास होगी, तो वहां के बेस किचन से खाने की आपूर्ति हो जाएगी। इससे यात्रियों को ताज़ा भोजन उपलब्ध होगी। बताया गया कि अब रेल अधिकारी, सुपरवाइजर व आइआरसीटीसी, पेंट्रीकार से यात्रियों को परोसे जाने वाले खाद्य सामाग्री की निगरानी आसानी से करते रहेंगे।

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