अन्नदाताओं को बैंकों ने अदालत के माध्यम से थमाया नोटिस

किसानों को अदालत की शरण में जाने को किया जा रहा मजबूर

एस.पी.सक्सेना/समस्तीपुर (बिहार)। उत्तर बिहार क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक (Gramin bank) सहित अन्य बैंकों द्वारा किसानों को लोन अदायगी के लिए धराधर नोटिस भेजा जा रहा है।

इसमें बैंक द्वारा वसूली हेतु न्यायालय में वाद/सर्टिफिकेट केस//रिकवरी नोटिस सक्षम अधिकारी के समक्ष दायर किया गया है। जहां आगामी 11 सितंबर को उपस्थित होने को कहा गया है। परिस्थिति के मारे बेहाल किसानों को कुछ समझ में ही नहीं आ रहा है। वे क्या करें और क्या न करें।

ज्ञात हो कि किसानों की हालत वर्ष 2016 के नोटबंदी से जो खराब होना शुरू हुआ। फिर 2017 में जीएसटी, 2018-19 में ओलावृष्टि एवं सूखा, महंगाई के कारण उनकी स्थिति बद से बद्तर होती चली गई। फिर वित्तिय वर्ष 2020-21 में कोरोना के कारण जारी लाॅकडाउन के बाद पिछले तीन महीने से लगातार अत्यधिक वर्षा के कारण क्षेत्र में जल जमाव से समूचा फ़सल ही बर्बाद हो गया है।

किसान नमक- तेल खरीदने की स्थिति में नहीं है। क्षेत्र के किसान बर्बाद फसल के मुआवजा हेतु अधिकारी एवं सरकार की ओर ध्यान लगाये हुए हैं कि कुछ राहत मिल सके। इस बीच बैंक द्वारा यह नोटिस आत्महत्या की ओर ले जाने वाला है।

इसे लेकर अखिल भारतीय किसान महासभा एवं भाकपा-माले ताजपुर ने यह तय किया है कि हम किसानों को आत्महत्या नहीं करने देंगे।

इस नोटिस के खिलाफ किसानों को गोलबंद कर बैंक के साथ साथ शासन-प्रशासन के खिलाफ लोकतांत्रिक तरीके से आन्दोलन कर किसानों पर हो रहे अन्याय के खिलाफ संघर्ष तेज करेंगे। उक्त जानकारी 29 अगस्त को भाकपा माले ताजपुर प्रखंड सचिव सुरेन्द्र प्रसाद सिंह ने दी।

 

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