आयुष चिकित्सालय द्वारा गुवासाई गांव में आयुष मेले का आयोजन

औषधीय गुणों वाले पेड़ पौधे विलुप्त होने के कगार पर है-अनुज बांडो

सिद्धार्थ पांडेय/जमशेदपुर (झारखंड)। झारखंड सरकार की ओर से 26 नवंबर को पश्चिमी सिंहभूम जिला के हद में गुवासाई में आयुष मेले का आयोजन किया गया। मेले में आयुष चिकित्सालय द्वारा विभिन्न रोगों से संबंधित स्टॉल लगाकर रहिवासियों की निःशुल्क चिकित्सा जांच कर दवाइयां दी गई।

आयुष मेले का उद्घाटन पश्चिमी सिंहभूम सांसद गीता कोड़ा ने दीप प्रज्वलित कर किया। दीप प्रज्वलन सांसद गीता कोड़ा, प्रखंड प्रमुख पूनम गिलुवा, नोआमुंडी भाग 1 जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी, उप प्रमुख ज्योति दास, पश्चिमी पंचायत मुखिया पद्मिनी लागुरी, पूर्वी पंचायत मुखिया चांदमनी लागुरी, आयुष चिकित्सालय चाईबासा के चिकित्सा प्रभारी प्रभात कुमार ने संयुक्त रूप से किया।

इस दौरान ग्रामीणों को संबोधित करते हुए सांसद कोड़ा ने कहा कि सारंडा ही एक ऐसा वन क्षेत्र है जहां औषधीय पेड़ पौधा प्रचुर मात्रा में है। यहां के ग्रामीण रहिवासी जंगल के जड़ी बूटी में ज्यादा विश्वास रखते हैं। उसके लिए आयुष मेला काफी कारगर सिद्ध होगा।

इस मेले का यही उद्देश्य है कि कम से कम खर्च में तथा जो ग्रामीण महंगे अस्पतालों में अपना इलाज नहीं करा सकते हैं, जो महंगी दवाइयां नहीं ले सकते हैं। वैसे लोगों के लिए ही मेले का आयोजन किया गया है। कहा कि पूरे सारंडा में ऐसे ऐसे औषधीय पेड़ पौधे हैं जिसे सारंडा वासियों को पहचान दिलाने की आवश्यकता है।

नोवामुंडी प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुज बांडो ने बताया कि औषधीय गुणों वाले पेड़ पौधे विलुप्त होने के कगार पर है। कई कारणों को लेकर औषधीय गुणों से भरपूर पेड़ पौधे विलुप्त होते जा रहे हैं। वैसे औषधियों को अनुसंधान कर पहचान मिले, ताकि ऐसे औषधीय गुणों वाले पेड़ पौधों का बचाव कर रहिवासियों का उपचार किया जा सके।

मौके पर जिप सदस्य ने भी आयुष मेले पर प्रकाश डाला। मेले के माध्यम से कुल 15 रोगों से संबंधित स्टाल लगाए गए, जिसमें धूम्रपान एवं तंबाकू सेवन जागरूकता, बाल स्वास्थ्य, मातृत्व स्वास्थ्य, परिवार नियोजन, मोतियाबिंद, दंत चिकित्सा, आंखों की जांच, नाक, कान, गला की जांच, किशोर किशोरी स्वास्थ्य जांच, कुष्ठ नियंत्रण, आदि।

टीवी नियंत्रण, त्वचा की जांच, मतदाता जागरूकता, कैंसर नियंत्रण जागरूकता, वनसहारबल केयर, सामान्य चिकित्सा, वनस्पति औषधीय पौधे, योगा, यूनानी चिकित्सा, होम्योपैथिक चिकित्सा, आयुर्वेदिक चिकित्सा तथा रजिस्ट्रेशन का स्टॉल लगाकर ग्रामीणों का इलाज कर उन्हें निःशुल्क दवाइयां दी गई।

बताया गया कि उक्त मेला दो दिवसीय है, जिसमें पहले दिन 26 नवंबर को 500 ग्रामीणों ने विभिन्न रोगों से ग्रसित इलाज का लाभ उठाया। मौके पर जिला सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा रहिवासियों को जागरूकता लाने के लिए नुक्कड़ नाटक के माध्यम से गांव-गांव में फैली कुरीतियों को तथा नशा मुक्ति अभियान को लेकर जागरूक किया गया।

मौके पर नोवामुंडी के प्रखंड विकास पदाधिकारी अनुज बांडो, अंचलाधिकारी सुनील चंद्रा, बड़ाजामदा सीएससी के डॉक्टर धर्मेंद्र कुमार, बड़ाजामदा सीएससी के डॉक्टर नागमणि, नोवामुंडी ब्लॉक के डॉक्टर अभिषेक कुमार, बीपीएम, प्रखंड कार्यक्रम प्रबंधक प्रकाश हेस्सा, आयुर्वेदिक डॉक्टर प्रभात कुमार, डॉक्टर सुबल दास, डॉक्टर संगीता मुंडारी, डॉ टिम्मा रानी हेंब्रम, डॉ सूर्य भूषण देवगम, डॉक्टर खुशतार अंसारी सहित विभिन्न समूह की महिलाएं मौजूद थी।

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