विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

सहयोगिनी ने एक वर्ष में दुर्व्यापारियों के चंगुल से मुक्त कराए 31बच्चे

रंजन वर्मा/कसमार (बोकारो)। सामाजिक संस्था सहयोगिनी द्वारा बोकारो जिला के हद में जैनामोड़ स्थित प्रोजेक्ट बालिका उच्च विद्यालय में विश्व मानव तस्करी निषेध दिवस पर जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस दौरान मानव तस्करी तथा बाल तस्करी को समाप्त करने को लेकर संकल्प लिया गया। संकल्प सभा में इसके खिलाफ जोरदार आवाज उठाने की बात कही गई।

इस संबंध में सहयोगिनी के निदेशक गौतम सागर ने बताया कि उनकी संस्था न्याय तक पहुंच कार्यक्रम का सहयोगी संगठन है। उन्होंने ह्युमेन ट्रैफिकिंग के उभरते तौर तरीकों की रोकथाम के लिए समग्र और मजबूत एंटी ट्रैफिकिंग कानून की मांग करते हुए कहा कि न्याय तक पहुंच कानूनी हस्तक्षेपों के माध्यम से बाल अधिकारों की सुरक्षा के लिए दुनिया का सबसे बड़ा कार्यक्रम है। जिसके 180 से भी ज्यादा राष्ट्रीय और स्थानीय सहयोगी गैर सरकारी संगठन देश के 400 से ज्यादा जिलों में जमीनी स्तर पर काम कर रहे हैं।

बताते चलें कि, मादक पदार्थों और हथियारों की तस्करी के बाद मानव दुर्व्यापार दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा संगठित अपराध है। इससे सबसे ज्यादा पीड़ित बच्चे होते हैं।
सहयोगिनी निदेशक ने कहा कि पिछले एक वर्ष के दौरान हमने विभिन्न स्तरों पर प्रशासन और कानून, प्रवर्तन एजेंसियों की मदद और उनकी कार्रवाइयों के नतीजे में ट्रैफिकिंग के पीड़ित 31 बच्चों को मुक्त कराया है।

कहा कि पिछले कुछ वर्षों के दौरान इसमें काफी बदलाव देखने को मिले हैं। यह सुखद है कि प्रत्येक बच्चे को सुरक्षा और न्याय सुनिश्चित करने की इस लड़ाई में राज्य और जिला स्तर के सरकारी अधिकारी हर कदम पर हमारे साथ हैं।

उन्होंने कहा कि भारतीय न्याय संहिता के नए खंड में ट्रैफिकिंग को एक अपराध के रूप में शामिल करना स्वागत योग्य है। इसके बावजूद देश को एक सख्त ट्रैफिकिंग विरोधी कानून की जरूरत है, ताकि ट्रैफिकिंग गिरोहों के खिलाफ अंतरराज्यीय समन्वय और ट्रैफिकिंग के पीड़ितों का पुनर्वास सुनिश्चित किया जा सके।

उन्होंने बताया कि जमीनी स्तर पर काम कर रहे 180 गैर सरकारी संगठनों के गठबंधन सहयोगिनी न्याय तक पहुंच कार्यक्रम का सहयोगी संगठन है। इन संगठनों ने अप्रैल 2023 से मार्च 2024 तक मिलकर बाल दुर्व्यापारियों के खिलाफ 16,084 मामले दर्ज कराए और 29,224 बच्चों को मुक्त कराया।

कहा कि यह जरूरी हो गया है कि बच्चों की ट्रैफिकिंग के खिलाफ लड़ाई में शामिल सभी हितधारक दुर्व्यापारियों की धरपकड़ के लिए नए तौर तरीके अपनाएं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि बंधुआ मजदूरी, जबरन विवाह, यौन शोषण, बच्चों से घरेलू सहायक का काम लेने या अन्य किसी भी तरह के उनके शोषण और उत्पीड़न पर रोक लगाई जा सके।

इस दौरान सहयोगिनी के द्वारा जेनामोड़ के साथ ही कसमार प्रखंड के बगियारी, टांगटोना, दुर्गापुर तथा खैराचातर गांव में भी मानव तस्करी के खिलाफ जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

इस दौरान बालिका उच्च विद्यालय के शिक्षक नीलम कुमार, मुसरफ जहाँ, ममता बेक, प्रगति सिंह, कुमारी प्रियंका, चंद्रशेखर महतो, सहयोगिनी के रवि कुमार, मंजू देवी, अनिल कुमार हेम्ब्रम, सोनी कुमारी, प्रतिमा सिंह, रेखा देवी, विनीता आदि की उपस्थिति रही।

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