वैशाली जिले में सर्वे कार्य शुरू होते ही रैयत भाग दौड़ कर हो रहे हलकान

किसान लगा रहे हैं सरकारी कार्यालय का चक्कर

गंगोत्री प्रसाद सिंह/हाजीपुर (वैशाली)। पूरे बिहार में नीतीश सरकार की महत्वाकांक्षी योजना बिहार भूमि जमीन सर्वे के शुरू होते ही पूरे बिहार के गांव से लेकर शहर तक इस बात को लेकर आपाधापी मची है कि सर्वे का काम कैसे होगा?

बिहार से बाहर काम करने वाले बिहारी भाई दिल्ली, गुजरात, मुंबई, कोलकाता, बोकारो, रांची, धनबाद से भागे-भागे अपने गांव आ रहे हैं, ताकि उनकी पुस्तैनी जमीन का उनके नाम सर्वे हो सके।

जानकारी के अनुसार वैशाली जिले के प्रत्येक प्रखंड के प्रत्येक पंचायत में ग्राम सभा के माध्यम से सर्वे अधिकारी और अमीन नई भूमि सर्वे कानून का रहिवासियों को जानकारी दे रहे हैं। प्रत्येक रैयत को अपनी जमीन के मालिकाना हक के लिए प्रपत्र 2 में अपने प्रखंड के सर्वे शिविर में आवेदन करना है।

प्रपत्र दो के साथ जमीन से संबंधित कागजात, जमीन की ऑनलाइन जमाबंदी रसीद, वंशावली, आधार कार्ड और जमीन का पूरा विवरण देना है। सबसे अधिक परेशानी बाप दादा की जमीन के बंटवारे को लेकर है। साथ ही अमूनन 90 प्रतिशत रहिवासियों की ऑनलाइन जमाबंदी सही नहीं है। जिले के रैयत खतियान, केबाला की कॉपी, जमाबंदी रसीद के नकल प्राप्त करने के लिए अंचल कार्यालय से लेकर जिला अभिलेखागार तक दौड़ लगाकर हलकान हो रहे हैं।

बताया जाता है कि बिहार सरकार ने भूमि सर्वेक्षण कार्य के लिए जिन कर्मचारियों को नियुक्त की है उनमें से अधिकांश नए-नए कॉलेज से आए हैं। जिनका जमीन के संबंध में कोई प्रैक्टिकल ज्ञान नहीं है। ना ही सरकार द्वारा सर्वे संबंधित कानून और प्रक्रियाओं को जानने के लिए प्रशिक्षित किया गया है।

सबसे अधिक परेशानी आम जनों को वंशावली बनाने को लेकर हो रही है। प्रत्येक आंचल में वंशावली को लेकर अलग-अलग जानकारियां दी जा रही है। ग्राम पंचायत सरपंच से वंशावली बनाने के लिए अनुमंडल दंडाधिकारी द्वारा निर्गत शपथ पत्र की मांग की जा रही है। जिला मुख्यालय हाजीपुर कचहरी परिसर में वंशावली बनाने के लिए शपथ पत्र बनाने में टिकट को लेकर आपाधापी है।

निबंधन कार्यालय हाजीपुर से पुराने केवाला का नकल प्राप्त करने के लिए रैयतों से मनमाना फीस लिया जा रहा है। सबसे बुरी हालत जिला राजस्व अभीलेखागार की है, जहां नकल के लिए आवेदन किए जाने पर एक महीना के बाद नकल मिलने की सूचना दी जा रही है।

जिला मुख्यालय हाजीपुर स्थित राजस्व अभिलेखागार की स्थिति यह है कि इस कार्यालय में मात्र एक महिला प्रतिलिपिकर है। प्रत्येक दिन 200 के करीब खतियान के लिए आवेदन आ रहे हैं। पिछले कुछ वर्षों से अभिलेखागार में कुछ नाजायज कर्मियों द्वारा प्रतिलिपिकार के रूप में प्रतिलिपि तैयार कर उपलब्ध कराई जा रही थी। हां खतियान का नकल प्राप्त करने के लिए रहिवासियों को ₹300 से ₹1500 तक नाजायज जरूर लग रहे थे, लेकिन खतियान का नकल मिल जा रहा था।

वैशाली के जिलाधिकारी यशपाल मीणा के भय से राजस्व अभिलेखागार में प्रतिलिपि का काम करने वाले नाजायज कर्मी अब लापता हो गए हैं, जिस वजह से नकल मिलने में रैयत को अब महीना का समय लगेगा, लेकिन जिला प्रशासन की ओर से राजस्व अभिलेखागार में अतिरिक्त कर्मियों की नियुक्ति नहीं की गई है।

वैशाली जिले के रहिवासियों को जमाबंदी में सुधार बास्ते परिमार्जन के लिए आवेदन देने के बाद कर्मचारी और अंचल कार्यालय में दौड़ लगाना पर रहा है। इस आपाधापी का नाजायज फायदा राजस्व कर्मचारी और राजस्व अधिकारी आम जनों से उठा रहे हैं।

वैशाली जिले में हाजीपुर अनुमंडल, महुआ मंडल और महनार अनुमंडल में भूमि सुधार उप समाहर्ता का न्यायालय है, जहां जमाबंदी के हजारों बाद लंबित है। इसके अलावे भूमि संबंधी हजारों मुकदमे दीवानी न्यायालय हाजीपुर में लंबित है। आम जन आतंकित हैं कि सभी जमीन का कागजात सर्वेक्षण अधिकारियों को नहीं दिया गया तो फिर उक्त जमीन का सर्वे उनके नाम पर कैसे होगा?

आम जनों में अभी भी भ्रम की स्थिति है कि सर्वे का कार्य स्थल मापी के द्वारा होगा या ड्रोन कैमरे से होगा। आमसभा में सर्वे अधिकारियों ने जो जानकारी दी उसके अनुसार सर्वे के समय प्रत्येक रैयत को अपने भूमि पर उपस्थित रहना होगा।

उन्हें आर डरेर बताना होगा। जिस वजह से भी आम जन आतंकित हैं कि जो सर्वे के समय घर पर या स्थल पर मौजूद नहीं रहेंगे उनके भूमि का सर्वे कैसे होगा? जिस वजह से दिल्ली, कोलकाता आदि देश के अन्य शहरों में कार्य करने वाले बिहारी भाई गांव की ओर अपना रुख कर रहे हैं।

अधिकारियों द्वारा बताया जा रहा है कि बिहार में भूमि सर्वे का काम जमीन विवाद को निपटाने के अलावा राज्य सरकार की जमीन की स्थिति का पता लगाने के लिए जमीन का सर्वे कराया जा रहा है। जमीन सर्वे के फार्म को भरने से पहले अपनी जमीन का रिकॉर्ड जैसे खतियान, केबाला, बंदोबस्ती रसीद एक फाइल में रखना होगा।

प्रपत्र 2 में जमीन से सम्बंधित सभी जानकारी, रैयत का नाम, उनका अंश, पिता का नाम, खाता, खेसरा, रकबा, जमीन का प्रकार और जमीन प्राप्त होने का माध्यम इत्यादि के बारे में त्रुटिरहित भरना होगा।

सर्वे के लिए आवेदन करने वालों को कुछ कागजात अपने पास रखना जरूरी होगा, जिसमें पासपोर्ट साइज फोटो, जमीन की रसीद, स्वघोषणा पत्र, आधार कार्ड, जमीन का रकबा, खेसरा की सम्पूर्ण जानकारी, खतियान की कॉपी, मालगुजारी रसीद की प्रति, न्यायालय के आदेश की फोटोकॉपी। अब जिनके पास ये कागजात नहीं है, वे इसका नकल प्राप्त करने हेतु भाग-दौड़ में लगे हैं।

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