दि सिटी को. ऑप. बैंक को एक और झटका

अपर निबंधक ने वसूली अधिकारी को लगाई फटकार, छीने अधिकार

हजारों खाताधारकों को कब मिलेगा न्याय?

प्रहरी संवाददाता/ मुंबई। तकरीबन 900 करोड़ रुपए के घोटाले को लेकर विवादों में फंसी और राज्य में अपने 91 हजार से अधिक खाताधारकों के भविष्य से खिलवाड़ करनेवाली दि सिटी को. ऑपरेटिव बैंक लि. को एक और झटका लगा है। सहकारी समितियों के अपर निबंधक (प्रशासन) शैलेश कोतमिरे ने मुंबई में एक संपत्ति की थर्ड पार्टी जब्ती को लेकर दि सिटी को. ऑपरेटिव बैंक लि., परेल के वसूली अधिकारी और मैनेजर जयवंत घोणे को फटकार लगाई है और महाराष्ट्र सहकारी समिति अधिनियम 1960 की धारा 156 व नियम 107 के तहत प्रदत्त अधिकार को छीन लिया है।

अपनी पारदर्शिता और विशेष कार्यशैली के लिए जाने जानेवाले सहकारी समतियों के अपर निबंधक (प्रशासन) शैलेश कोतमिरे के इस फैसले को एक नजीर की तरह देखा जा रहा है। कानून के जानकारों का कहना है कि इससे नियमों की अनदेखी कर वसूली करनेवाले बैंक प्रबंधकों को सबक मिलेगा। वहीं इस फैसले से दि सिटी को. ऑप. बैंक लि. के मुंबई के खाताधारकों में उम्मीद जगी है कि उन्हें न्याय दिलाने के लिए महाराष्ट्र सरकार भी इसी तरह की पारदर्शिता बरतेगी।

बैंक प्रबंधन की मनमानियां जारी

दरअसल दि सिटी को. ऑप. बैंक लि. कई सालों से प्रबंधन की मनमानियों और धांधली को लेकर विवादों में चल रही है। अमरावती से शिवसेना के पूर्व सांसद आनंदराव अडसूल इस बैंक के अध्यक्ष हैं। महाराष्ट्र में इस बैंक के 91 हजार से अधिक खाताधारक हैं, जबकि मुंबई में इसकी 10 से अधिक शाखाओं से 900 से अधिक खाताधारक जुड़े हैं।

बैंक खाताधारकों की संस्था से जुड़े चेतन मदन का कहना है कि इस बैंक में ज्यादातर मजदूरों या श्रमिक वर्ग के लोगों के खाते हैं, जिन्होंने अपने खून-पसीने की कमाई पाई-पाई जोड़कर जमा की है। अधिकांश खाताधारक बुजुर्ग हैं। लेकिन बैंक के प्रबंधकों ने अपनी मनमानी करते हुए बिना पुख्ता पड़ताल किए जैसे-तैसे ऋण-वितरण किया। अनुमान है कि इस तरह 900 करोड़ रुपए का घोटाला किया गया है।

आरबीआई ने लगाया है निर्बंध

बैंक प्रबंधन की मनमानियों को देखते हुए भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने 17 अप्रैल 2018 को बैंकिंग नियामक अधिनियम की धारा 35 ए के तहत दि सिटी को. ऑप बैंक लि. (The City Co-operative Bank Ltd.) के कारोबार पर छह महीने का निर्बंध लगा दिया, लेकिन बैंक प्रबंधन की मनमानियां जारी रहने के कारण यह निर्बंध लगातार बढ़ते-बढ़ते 16 जुलाई 2021 तक जारी रहा। इसके और बढ़ने के आसार हैं। दि सिटी को. ऑप बैंक लि. की वित्तीय गड़बड़ियों के चलते ईडी ने बैंक के अध्यक्ष आनंदराव अडसूल से ढाई घंटे तक पूछताछ भी की है।

वहीं 13 जनवरी 2020 को बैंक के जमाकर्ताओं ने मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के निवास मातोश्री, दादर के शिावसेना भवन, मंत्रालय, प्रेस क्लब, चर्चगेट स्टेशन और गिरगांव में बैनर लगाकार प्रदर्शन किया और महाराष्ट्र सरकार से सवाल पूछा कि क्या सरकार उन्हें न्याय दिलाएगी। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार बैंक में श्रमिक श्रेणी के जमाकर्ताओं के लगभग 450 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।

अमित शाह से लगाएंगे गुहार!

अब जबकि पुणे मुख्यालय में नियुक्त सहकारी समतियों के अपर निबंधक (प्रशासन) शैलेश कोतमिरे ने बैंक की परेल शाखा के वसूली अधिकारी से अधिकार छीनते हुए फटकार लगाई है, तो स्पष्ट है कि बैंक प्रबंधन अपनी मनमानियों पर अंकुश लगाने के लिए तैयार नहीं है। वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में खाताधारकों ने अब सहकारिता विभाग के केंद्रीय मंत्री अमित शाह से गुहार लगाने का निर्णय किया है। हालांकि इस बारे में कोई आधिकारिक बयान अब तक नहीं आया है।

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